तीन साल के बच्चों के लिए खिलौने

तीन साल के बच्चों के लिए खिलौने

तीन साल की उम्र बच्चों के जीवन का एक ऐसा पड़ाव होता है जिसमें वो स्कूल जाना शुरू करते हैं और इस उम्र में कुछ नया सीखने की उत्सुकता और रचनात्मकता भी बच्चों में भरपूर होती है। तीन साल के बच्चे के लिए कौन-कौन से खिलौने (Toys for 3 Year Old Baby) खरीदने चाहिए इसके बारे में भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि अगर ऐसा न किया जाए तो बच्चे के दिमाग पर असर पड सकता है।

आईये जानते हैं कि कैसे होने चाहिए तीन साल के बच्चे के खिलौने (Toys for 3 Years Baby)। आप तीन साल के बच्चे को गिफ्ट देने के लिए यह खिलौने ले सकते हैं।

 

तीन साल के बच्चों के लिए खिलौने और गिफ्ट (Gift Ideas or Toys for 3 years Old Baby in Hindi)

#1. पज़ल्स (Puzzles)
अपने तीन साल के बच्चे के लिए पज़ल्स चुनें। पज़ल्स के साथ खेलने से न केवल बच्चे की दिमागी क्षमता बढ़ेगी बल्कि वो समस्याओं को कैसे हल करना है यह भी सीखेगा। इसमें अलग-अलग आकर, रंग, साइज के पजल के टुकड़ों को साथ में जोड़ कर एक बड़ी आकृति बनती है।

इस पजल में या तो कभी कोई पिक्चर बनानी होती है या फिर गिनती या वर्णमाला से संबंधित पजल भी बाजार में उपलब्ध है। आपको शुरुआत में बच्चे की थोड़ी मदद करनी होगी उसके बाद आपका बच्चा इसे खुद हल कर लेगा। बस ध्यान रहे कि पज़ल्स के टुकड़ों को बच्चा मुँह में न डालें।
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#2. ब्लॉक्स (Blocks)
तीन साल के बच्चे को खेलने के लिए अनब्रेकेबल क्रिएटिव ब्लाक दें जिनसे बच्चा अपनी रचनात्मकता दिखा सकता है। इन ब्लॉक्स से बच्चा कुछ नया बनाना सीखेगा, इसके साथ ही अगर ब्लॉक्स में गिनती या अंग्रेजी के वर्णमाला लिखी हो तो उसे बच्चा आसानी से सीख सकता है। बार-बार ब्लॉक को तोड़ने और फिर से जोड़ने से बच्चे को खुशी मिलती है और उसका दिमाग रचनात्मक परिपूर्ण होता है। हर बार वो नया सोचेगा और नयी-नयी चीज़ों को बनाने से बच्चों को कल्पनात्मकता भी बढ़ती है।

#3. क्रेयॉन्स या मार्कर्स (Crayons and Markers)
इस उम्र में बच्चों को कलर करने या कुछ भी लिखने में खास रूचि होती है। ऐसे में उन्हें सुरक्षित क्रेयॉन्स या मार्कर्स दिए जा सकते हैं ताकि वो अपनी कल्पना का प्रयोग करके नयी-नयी चीज़ें बनाएं। उन्हें क्रेयॉन्स या मार्कर्स के साथ पूरा समय दें और देखें वो आपको अपनी सर्जनशीलता से आपको हैरान कर देंगे।

आप उन्हें किसी तस्वीर पर रंग भरना सीखा सकते हैं इसके अलावा उन्हें हर बार अलग आकृति बनाने को दें। इसके साथ ही आप चॉकबोर्ड और चाक भी आपको बच्चों को दे सकते हैं ताकि वो लिख या ड्रा करने के बाद उसे मिटा सके।

#4. क्ले (Clay)
जब हम छोटे थे तो हम मिट्टी से खेला करते थे। मिटटी के खिलौने, गुड़िया या घर बनाना हमारी दिनचर्या का मुख्य हिस्सा हुआ करता था। आजकल इसकी जगह क्ले ने ले ली हैं। दरअसल बच्चों को ऐसे खिलौने देने चाहिए जो उन्हें कुछ अच्छा सीखने के लिए प्रेरित करें और जिनसे उनका मानसिक रूप से विकास हो।

क्ले से बच्चा अपने दिमाग का प्रयोग करके तरह-तरह की शेप्स बना सकता हैं जिससे उसकी क्रिएटिविटी में बढ़ोतरी होगी। बस ध्यान रखें कि क्ले केमिकल मुक्त और नॉन टॉक्सिक हो व बच्चा इसे मुँह में न डाले।
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#5. साइकिल (Cycle)
मानसिक के साथ-साथ तीन साल की उम्र बच्चों के शारीरिक विकास की भी होती है। इसलिए बच्चे के लिए ऐसे खिलौनों का होना आवश्यक है जो उनके शारीरिक विकास में भी सहायक हों। इसके लिए तीन साल के बच्चे के लिए साइकिल या ऐसे ही कुछ खिलौनों का चुनाव करें।

छोटी-छोटी बॉल्स को किक करने या एक से दूसरे की तरफ फेंकने से बच्चे की मांसपेशिया मजबूत होंगी। प्लास्टिक की बॉलिंग पिन या टारगेट पर निशाना लगाने से भी उन्हें फायदा होगा।

 

#6. लड़कियों के लिए खिलौने (Toys for 3 Years Old Girl)

तीन साल की छोटी लड़कियों की दिलचस्पी गुड़ियों या किचन सेट आदि में रहती है। इसलिए आप उन्हें डॉल हाउस, गुड़िया या किचन सेट ला कर दे सकते हैं ताकि वो उनसे खेल कर अपनी रचना में विकास करें।

तीन साल के छोटे लड़कों की रूचि अधिकतर छोटी-छोटी कारों, बुलडोइन सेट, बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रोनिक ट्रांसपोर्ट खिलौने जैसे कार, स्कूटर, मोटरसाइकिल आदि में होता है, आप उन्हें इन खिलौनों को भी दे सकते हैं।

बच्चों को संगीत बहुत प्रिय होता है और उनकी रूचि इसमें बढ़ाने के लिए आप उन्हें म्यूजिकल गिटार, कीबोर्ड आदि का प्रयोग करने दें। किताबें मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त होती है और अगर बच्चे की रूचि छोटी उम्र से ही किताबों में हो तो बड़े होकर भी ऐसे ही रहती है इसलिए उसे किताबें लेकर दें। ऐसी किताबें जिसमें तरह-तरह के चित्र बने हों ताकि बच्चा उन्हें देखकर सीखे और चीज़ों को पहचानें।

 

जीवन में खिलौनों का महत्व

कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जो बचपन में खिलौनों से न खेला हो। मुझे याद हैं चार साल की उम्र में मेरे दादा जी ने मुझे एक खिलौना खरगोश ला कर दिया था। वो मेरा इतना पसंदीदा है कि आज भी मैंने उसे सहेज कर रखा है। खिलौने बच्चों के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं जिन्हे बच्चे जितना पसंद करते हैं उतना ही अधिक उनसे सीखते भी हैं।

छोटे बच्चे खिलौनों से ही रंगों की पहचान करना, गिनती और हिसाब करना आदि सीखते हैं यही नहीं खिलौने बच्चे के शारीरिक, बौद्धिक एवं सामाजिक विकास में भी योगदान देते हैं।

आजकल के बच्चे अन्य खिलौनों (Khilone) की जगह मोबाइल गेम्स में अधिक रूचि रखते हैं लेकिन यह उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है। बच्चों को अन्य बच्चों के साथ खेलने दें ताकि उनमें सामाजिक, स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक भाव भी विकसित हो। अन्य बच्चों के साथ खेलने से उनमे सहयोग की भावना भी बढ़ेगी और इसके साथ ही खेल-भावना को समझने में सरलता होती है।

तीन साल के बच्चों को ऐसे खिलौने देने से बचे जिनसे उन्हें किसी भी प्रकार का शारीरिक और मानसिक हानि हो। तीन साल के बच्चों के खिलौने बेशक कीमती न हो लेकिन उनके लिए ऐसे खिलौने चुने जिनसे बच्चों की कार्यक्षमता, कार्यकुशलता और रचनात्मकता बढे।

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