फास्ट फूड का नाम सुनते ही सभी बच्चों, बूढ़े व जवान सभी के चेहरे पर रौनक आ जाती है। खासकर के बच्चे अगर किसी बात को लेकर नाराज है या रो रहे हैं तो बस उनको फास्ट फूड लेकर दे दो तो हो गई माता-पिता की समस्या दूर। शायद इस भागती दौड़ती जिंदगी में किसी के पास समय नहीं है और आप भी बच्चों की इस जिद्द के आगे झुक जाते हैं।
चौंकाने वाली बात तो यह है कि हम सभी इन फास्ट फूड से होने वाले नुकसान से वाकिफ हैं। यह सभी फास्ट फूड (Worst Fast Food) बच्चों में मोटापा तो लाते ही है इसके साथ हालिया शोध इन जंक फूडस की ओर कमियां भी सामने लेकर आया है। इस शोध से पता चला है कि यह फास्ट फूड बच्चों के शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास पर भी असर डालते हैं। फास्ट फूड का अधिक सेवन बच्चों के आईक्यू लेवल को भी कम करता है।
बचपन में बच्चों को मिला पोषण उनके मानसिक विकास में अहम भूमिका निभाता है परंतु आजकल 60% बच्चे फास्ट फूड खाते हैं। यह समझो कि उन्हें फास्ट फूड का चस्का लग गया है जो कि बहुत भयंकर बीमारियों की ओर अग्रसर कर रहा है। जो बीमारियां पहले बुढ़ापे में आती थी वह आजकल बच्चों में ही नजर आने लगी हैं।
आहार विशेषज्ञ डॉ पल्लवी जोशी यह कहती हुई बड़ी भयावह तस्वीर खींचती है कि पहले के जमाने में बच्चे गेहूं, चावल, दही, दूध, मक्खन, हरी सब्जियों से बने भोजन खाते थे लेकिन अब यह बातें इतिहास बन चुकी है।
बढ़ते बच्चों को रोजाना तकरीबन 1500 कैलोरी की आवश्यकता होती है जिसमें 50 फीसदी कार्बोहाइड्रेट, 20 फीसदी वसा और 30 फीसदी प्रोटीन की जरूरत होती है परंतु बच्चे जो फास्ट फूड व जंक फूड खाते हैं उनमें शर्करा और चर्बी के अलावा बाकी छलावा होता है।
उनमें प्रोटीन नाम की होती है और साथ ही वे बाकी पोषक तत्वो से पूरी तरह खाली होते हैं। बाकी सारी कसर उसके ऊपर पड़ने वाला कृतिम नमक और लंबे टाइम तक सही रखने के लिए रखने पर इन की पौष्टिकता बिल्कुल खत्म हो जाती है।
मोमोज: यह मैदे से बने होने के कारण पोषक तत्वों से बिल्कुल खाली होते हैं।
चाऊमीन: मैदे से बने होने के कारण इनमे भी पोषक तत्वों का अभाव होता है।
छोले भटूरे: इनमें चर्बी और मांड जरूरत से ज्यादा मात्रा में होता है। मैदे से बने भटूरे और ऊपर से तेल में तले हुए होने के कारण यह पेट और आंत के लिए बहुत नुकसानदेह होता है।
फ्रैंच फ्राइज: फ्रैंच फ्राइज में भी मांड और चर्बी होती है। इसमें प्रोटीन केवल नाम का ही होता है।
बर्गर: बर्गर मैदे से बने होने के कारण पोषक तत्वों से दूर होता है।
चिप्स: चर्बी की अधिकता और कृतिम प्रिजर्वेटिव्स के होने के कारण यह सबसे ज्यादा बच्चों के लिए नुकसानदेह होता है। इसका ज्यादा सेवन करने से बच्चे मोटे और फैलते जाते हैं।
कोल्ड ड्रिंक्स: आजकल के बच्चे कोल्ड ड्रिंक्स को बड़े शौक से पीते हैं परंतु यह कोल्ड ड्रिंक्स ही बच्चों की हड्डियों को कमजोर करती हैं क्योंकि फास्फोरिक एसिड से बने होने के कारण इनमें एक भी गुणवता नहीं होती हैं।
पिज्जा: पिज्जा का नाम सुनते ही बच्चों के चेहरे पर रौनक आ जाती है परंतु यह भी इन सबकी तरह पूरी तरह से पोष्टिक नहीं होता है। एक तो यह मैदे का बना होता है और दूसरा इसमें सब्जियां बांसी होने के कारण पेट की बीमारियां पैदा कर सकता है।
नूडल्स: नूडल्स भी मैदे से बनते हैं और लगातार मैदा खाने से पेट में जम जाता है जिससे पेट से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
ऐसे ही और बहुत से फास्ट फूड है जो बच्चों को नहीं खाने देने चाहिए जैसे मंचूरियन, स्प्रिंग रोल, कुरकुरे इत्यादि। कभी-कभी आप अपने बच्चों का स्वाद बदलने के लिए हफ्ते में 1 या 2 बार एक उचित मात्रा में इन्हें अपने बच्चों को दे सकती हैं लेकिन आवश्यकता से अधित मात्रा में बिल्कुल भी अपने बच्चों को ना दे।
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