आखिर यह डीएचए क्या है जो दिमागी विकास के लिए जरूरी है?

आखिर यह डीएचए क्या है जो दिमागी विकास के लिए जरूरी है?

आप सभी माओं में अक्सर टीवी व ऑनलाइन विज्ञापनों में डीएचए का नाम अवश्य सुना होगा। डीएचए जो दिमागी क्षमता बढ़ाने में अहम रोल निभाता है। इसे ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 Fatty Acid) के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि इसको लेकर काफी भ्रम भी है। क्या डीएचए सिर्फ मासांहारी खाने में ही पाया जाता है? डीएचए बच्चों के लिए कैसे लाभकारी (DHA ke Fayde) है? डीएचए होता क्या है (DHA kya hai)? डीएचए (DHA) और ओमेगा 3 फैटी एसिड का क्या संबंध है? तो चलिए सुझाते हैं डीएचए की गुत्थी?

 

डीएचए क्या है? (What is DHA)

ओमेगा -3 फैटी एसिड डोकोसाहेक्सैनीक एसिड को “डीएचए” के रूप में जाना जाता है। डीएचए अधिकांश समुद्री जीवों जैसे मछली या मछली के तेल में पाया जाता जाता है। हालांकि डीएचए का एक स्रोत (Source of DHA) शाकाहारी चीजों में भी पाया जाता है। डीएचए दिमागी विकास के लिए काफी फायदेमंद (DHA ke Fayde) होता है।

 

यह एक तरह का ओमैगा 3 एसिड जो मस्तिषक के विकास व नवर्स सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। डीएचए बच्चों में मानसिक संतुलन व मस्तिषक क्रियाओं को सुचारू रूप से चालू रखने का कार्य करता है। डीएचए की कमी बच्चों के दिमागी विकास के साथ उनके नर्वस सिस्टम को भी कमजोर बनाती है।

 

डीएचए की कमी से बच्चों को होने वाले नुकसान

पांच साल तक की आयु तक बच्चों का दिमाग 3.5 गुना तक विकसित हो जाता है। यह समय शिशुओं और बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान आवश्यक होता है कि तेजी से मस्तिष्क के विकास के लिए आहार में पर्याप्त मात्रा में डीएचए शामिल हों। डीएचए के साथ-साथ ईपीए (एक अन्य संबंधित फैटी एसिड EPA) भी भ्रूण में विकास और शिशु के शुरुआती विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वे मस्तिष्क के विकास, न्यूरॉन वृद्धि के साथ-साथ रेटिनल वृद्धि में मदद करते हैं। EPA सूजन से भी बचाता है।

 

डीएचए की कमी बच्चों को कई तरीके से प्रभावित करती है जैसे कि:

  1. अगर बच्चे को डीएचए की कम मात्रा मिले तो उसके दिमाग का आकार कम रह जाता है।
  2. विभिन्न शोधों के अनुसार डीएचए की कम मात्रा दृष्टि संबंधी समस्याओं, याद्दाश्त आदि को प्रभावित करती है।

 

डीएचए के प्राकृतिक स्त्रोत (Natural Sources of DHA)

डीएचए जो एक प्रकार का ओमेगा 3 एसेंशियल फैटी एसिड (फैट) होता है जिसे हमारा शरीर स्वयं नहीं बना सकता है। इसी वजन से इसकी पूर्ति हमें भोजन या सप्लिमेंट्स के द्वारा करनी पड़ती है।

ओमेगा 3 मुख्य रूप से मछलियों,अंडो, अखरोट, अलसी, चिया सीड और खाद्य तेल (केनोला आयल, सोयाबीन आयल, अलसी का तेल आदि) में पाया जाता है।

ओमेगा 3 फैटी एसिड के प्राकृतिक स्रोत्र हैं:

  • वसा युक्त मछली ( फैटी फिश)
  • ओलिव आयल
  • अखरोट
  • अलसी के बीज
  • आर्गेनिक अंडे
  • चिया सीड्स
  • केनोला आयल

 

एक दिन में कितना डीएचए जरूरी? (DHA Chart for Kids)

ओमेगा 3 की दैनिक आवश्यता उम्र के हिसाब से कुछ इस तरह है:

 


उम्र

दैनिक जरूरत

स्त्रोत 
0-6 माह  मां के खाने में मौजूद 200 से 300 मिलीग्राम डीएचए स्तनपान के द्वारा बच्चों तक आसानी से पहुंच सकता है। अगर स्तनपान सही से नहीं किया जा रहा है तो डीएचए युक्त फॉर्म्यूला मिल्क दे सकते हैं। मछली, चीया सिड्स, अखरोट, डीएचए सप्लीमेंट्स
6-24 माह   DHA: 10-12 mg/kg of body weight 
 

2-4 साल

 

EPA + DHA: 100-150 mg/ day 

4-6 साल EPA + DHA: 100-150 mg/ day 
6-10 साल EPA + DHA: 200-250 mg/ day 

इसके अलावा किशोर लड़के को जो 14-18 वर्ष के हों उन्हें 1.6 ग्राम, किशोर लड़कियां (14-18 साल) को 1.4 ग्राम, पुरुषों को 1.6 ग्राम व महिलाओं को 1.1 ग्राम की आवश्यकता होती है। गर्भवती महिलाओं के लिए प्रति दिन 0.2 ग्राम लेनी चाहिए।

मां का दूध डीएचए का मुख्य स्त्रोत

मां का दूध डीएचए (DHA) का एक मुख्य स्रोत होता है। अगर आप बच्चे को छह माह तक स्तनपान नहीं करवाती हैं तो इसकी काफी प्रबल संभावना रहती है कि बच्चे के शरीर में डीएचए की कमी हो। हालांकि इस कमी को आप छह माह के बाद ऐसा फॉर्म्यूला मिल्क का चुनाव करके कर सकती हैं जिसमें डीएचए की मात्रा अधिक हो।

 

क्या केवल मछली व सी फूड में ही होता है डीएचए?

यह एक ऐसा सवाल है जो शाकाहारी लोगों को सबसे ज्यादा परेशान करता है कि क्या डीएचए सिर्फ नॉन वेज खानों में मिलता है। डीएचए अधिकांश मछली व अन्य सी फूड में मिलता है। हालांकि ऐसा नही है कि यह केवल मछली व सी फूड में ही मिले। डीएचए के कुछ शाकाहारी स्त्रोत भी हैं जो निम्न हैं:

 

डीएचए के शाकाहारी स्तोत्र (Veg Sources of DHA)

#1. चिया सीड्स

चिया सीड्स या चिया के बीज छोटे-छोटे दाने के आकार होते हैं। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है।

 

#2. अलसी के बीज

फ्लैक्ससीड या अलसी के बीज भी ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। इसे आप सलाद की ड्रेसिंग या पावडर के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

#3. अखरोट

अखरोट डीएच का एक मुख्य शाकाहारी स्त्रोत होता है। इसके तेल में भी समान खूबियां पाई जाती हैं।

 

#4. सोयाबिन या सोयाबिन तेल

यह विटामिन के, मैग्निशियम, पोटेशियम आदि से भरपूर होने के साथ डीएचए का भी अहम भंडार माना जाता है।

 

#5. सीविड्स

अगर आप नॉन वेज नहीं खाते हैं तो कई तरह के जलीय पौधे और एल्गी भी डीएचए का अहम स्त्रोत होते हैं।

 

ज्यादा डीएचए की मात्रा भी करती है परेशान

ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से कई प्रकार के नुकसान भी हो सकते हैं। यदि रोजाना तीन ग्राम से ज्यादा ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन किया जाए तो ब्लीडिंग होने की आशंका हो जाती है, वहीं इसके अधिक सेवन से हैमोरैजिक (रक्तस्रावी) स्ट्रोक भी हो सकता है।

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