जब भी किसी को बुखार या सर्दी-जुकाम होता है तो आपने अक्सर डॉक्टर या अन्य लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि यह वायरल बुखार है। वायरल बुखार को हम सामान्य बुखार की तरह समझ लेते हैं लेकिन असल में यह सामान्य बुखार से अलग होता है। हर साल मौसम के बदलते ही वायरल बुखार (Viral Bukhar) तेज़ी से फैलने लगता है। तो चलिए जानते हैं कुछ जरूरी बातें:
वायरल बुखार होने से शरीर की इम्युनिटी बहुत ही कमजोर हो जाती है। जिससे शरीर में यह संक्रमण बहुत तेज़ी से बढ़ता है। यही नहीं, यह इन्फेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत जल्दी फैल जाता है। बड़े ही नहीं बच्चे भी इस बीमारी का आसानी से शिकार हो जाते हैं। जानिए,वायरल बुखार के लक्षणों (Viral Fever ke Symptoms) और इसे जल्दी ठीक करने के घरेलू उपायों (Viral Fever Ke Nuskhe) के बारे में।
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वायरल बुखार के लक्षण सामान्य बुखार की तरह ही होते हैं इसलिए कई बार हम इसे सामान्य बुखार समझ कर इसका उपचार भी उसी तरह से करते हैं। अगर वायरल बुखार का सही इलाज करना है तो इलाज से पहले आपको इसके लक्षणों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। वायरल बुखार के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:
वायरल बुखार के बढ़ने पर गले, सिर और जोड़ों में दर्द की समस्या भी बहुत सामान्य होती है। थकाबट होती है और और पूरे शरीर में पीड़ा होने लगती है। शरीर और मांसपेशियों मे अकड़न भी इस बुखार का लक्षण है।
वायरल बुखार में सामान्य बुखार की तरह ही शरीर का तापमान बढ़ जाता है। यह बुखार कम से लेकर बहुत अधिक तेज हो सकता है।
सर्दी-जुकाम और गले में खराश आदि भी वायरल बुखार के मुख्य लक्षण हैं। इस रोग में आँखें लाल हो जाना, उनमें दर्द और जलन भी हो सकती है।
वायरल बुखार में डायरिया भी हो सकता है। जिसमें आप उलटी, दस्त और जी मचलना जैसे समस्याओं से गुज़र सकते हैं। डायरिया होने से शरीर बेहद कमजोर हो जाता है।
जब शरीर में यह बुखार बढ़ता है तो सबसे पहले शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। इसके कारण इस बुखार का इन्फेक्शन हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है और बहुत तेज़ी से अपनी जड़ें फैला लेता है। इसके साथ ही अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं।
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वायरल बुखार एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। साथ ही शुरुआती एक से दो दिन में इसका पता नहीं चलता है। इस समय आपको कुछ घरेलू उपाय अवश्य अपनाने चाहिए। वायरल बुखार के लिए घरेलू उपाय या देशी नुस्खे बेहद आसान व किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट से रहित होते हैं।
लहसुन में कई मिनरल पाए जाते हैं। जिनसे वायरल बुखार में होने वाली तकलीफों जैसे सर्दी-जुकाम, शरीर दर्द आदि से छुटकारा मिलता है।
कैसे खाएं: लहसुन को घी या तेल में या चटनी के रूप में भी खाया जा सकता है।
मेथी के गुण वायरल बुखार को दूर करने में लाभदायक हैं।
कैसे करें सेवन : मेथी के दानों को कुछ घंटों तक भिगो कर रखें। इसके बाद इसके पानी को अलग कर लें। आप इस पानी को ऐसे ही पी सकते हैं या फिर इसमें शहद डाल कर भी इस पानी का सेवन कर सकते हैं।
तुलसी के एंटीबायोटिक गुण शरीर के अंदर के वायरल बुखार के वायरस को दूर करने में बेहद प्रभावी हैं।
कैसे सेवन करें : तुलसी के कुछ पत्तों को लौंग के साथ पानी में काफी देर तक उबालने के बाद इस पानी को थोड़ी-थोड़ी देर में पीने से वायरल बुखार जल्दी ठीक होता है।
अपने एंटीआक्सिडेंट गुणों के कारण अदरक एक औषधि से कम नहीं है।
कैसे सेवन करें: पानी में अदरक के टुकड़े डाल कर पानी को उबालें। इसमें आप हल्दी,काली मिर्च भी डाल सकते हैं। शहद के साथ रोगी को थोड़ी-थोड़ी देर के बाद पीने को दें।
साबुत धनिया वायरल बुखार के प्रभाव को कम करने में सहायक है।
कैसे सेवन करें: पानी में साबुत धनिया डाल कर कुछ देर इसे पकाएं। उसके बाद शहद डाल कर इस पानी को रोगी को पीने को दें। इससे जल्दी लाभ होगा।
नींबू का रस वायरल बुखार को कम कर सकता है।
कैसे सेवन करें : नींबू के रस में थोड़ा सा शहद डाल कर इसे पीये। अच्छे परिणाम मिलेंगे।
हल्दी का प्रयोग भी कई रोगों को दूर करने में किया जाता है। वायरल बुखार को दूर करने में भी यह लाभदायक है।
कैसे सेवन करें : कच्ची हल्दी और सौंठ के पाउडर को पानी में उबाल कर पीने से लाभ होता है। अदरक भी इसमें डाला जा सकता है।
चावल की स्टार्च वायरल फीवर को ठीक करने का एक अच्छा उपाय है। यह बेहद पौष्टिक होता है और इससे शरीर की इम्युनिटी भी बढ़ती है।
कैसे सेवन करें: इसे बनाने के लिए थोड़े से चावल और उतना ही पानी लें। अब चावलों को पानी में डाल कर इसे आधा पका लें। मतलब इसमें स्टार्च बची होनी चाहिए। अब चावलों की स्टार्च में नमक मिला कर रोगी को पीने के लिए दें।
किशमिश का सेवन भी वायरल बुखार से राहत पाने में सहायक है।
कैसे सेवन करें : इसके लिए थोड़े से पानी में किशमिश के कुछ टुकड़े डाले और उसके बाद उन्हें ऐसे ही भिगोये रहने दें। जब यह किशमिश फूल जाएं तो उन्हें ऐसे ही मैश कर के पानी को छान लें। अब इस बचे हुए पानी में नींबू रस मिला कर रोगी को पीने को दें।
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