जुड़वा बच्चों की देखभाल कैसे करें

जुड़वा बच्चों की देखभाल कैसे करें

मेरी एक सहेली के यहाँ जुड़वाँ बच्चों ने जन्म लिया। सब बहुत खुश थे। दो बच्चों के कारण जीवन खुशियों से भर गया लेकिन कुछ दिनों के बाद दो बच्चों को कैसे संभालें, इस समस्या ने दोनों पति-पत्नी को परेशान कर दिया। शुरू में तो बच्चों के दादा-दादी उनके साथ रहे लेकिन उनके जाने के बाद दोनों पति-पत्नी की परेशानी और भी बढ़ गयी।

जुड़वा बच्चों को नहलाना, उन्हें खिलाना, उनकी शरारतें, मेरी सहेली के लिए एक मिनट भी खुद के लिए समय नहीं था। लेकिन अपने पति और घर के अन्य लोगों की मदद से आज वो एक “हैप्पी फॅमिली” है। आज के इस अंक में चलिए जानते हैं कि जुड़वां बच्चों (Twins Baby Care Tips in Hindi) को कैसे संभालना चाहिए।

जुड़वां बच्चे यानि दोगुनी जिम्मेदारी
शिशु का पालन-पोषण करना बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी का काम है लेकिन जुड़वां बच्चे (Judwa Bachche) होने से जिम्मेदारियां भी दुगनी हो जाती है। दो-दो बच्चों को एक साथ संभालना कोई आसान काम नहीं है। दो बच्चों को संभालने के लिए न केवल आपको किसी अन्य व्यक्ति की मदद की बल्कि बहुत अधिक धीरज की भी ज़रूरत होती है।

हालाँकि दोनों बच्चों को एक साथ बढ़ता देखना बेहद ही सुखद होता है लेकिन उन दोनों की परवरिश के लिए आपको खास ध्यान देने और सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। कुछ ख़ास चीज़ों का ध्यान रखकर आप जुड़वां बच्चों का न केवल अच्छे से ख्याल रख सकते हैं बल्कि खुद के लिए भी समय निकाल सकते हैं। चलिए जानते हैं ऐसे टिप्स (Twins Baby Care Tips)।

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जुड़वां बच्चों होने पर किन बातों का रखें ध्यान (Twins Baby Care Tips in hindi)

#1. किसी अन्य की मदद लें (Get help from someone else)
जुड़वां बच्चे संभालना बहुत ही मुश्किल है। प्रसव के बाद माँ का शरीर बेहद कमजोर हो जाता है और उसे पूरे आराम की आवश्यकता होती है ऐसे में दो बच्चों की जिम्मेदारी एक साथ उठाना लगभग नामुमकिन है। ऐसे में घर के किसी अन्य सदस्य की मदद लेने से न घबराएं न ही झिझकें। अगर कोई न हो तो किसी को अपनी मदद के लिए रख लें ताकि आपको पूरा आराम और बच्चों को पूरी देखभाल प्राप्त हो।

#2. स्तनपान के समय (Breastfeeding Twins Baby)
जुड़वां बच्चों के साथ सबसे ज्यादा परेशानी स्तनपान करवाने के दौरान होती है। लेकिन इसके लिए आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। हमारा शरीर खुद जुड़वां बच्चा होने की स्थिति में अधिक दूध का निर्माण शुरु कर देता है। इन्हें फीड कराते समय बस अपनी पॉजिशन का ध्यान रखें। और किसी कारणवश अगर स्तनपान कम हो तो आप फॉर्म्यूला फीड भी करा सकती हैं। नन्हें बच्चों के लिए फॉर्म्यूला मिल्क हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लें।

#3. बच्चों को समझें (Try to understand your kids)
अगर बच्चे जुड़वां हैं तो इसका यह अर्थ नहीं कि दोनों के शौक, व्यक्तित्व या स्वभाव एक समान हो। अपने जुड़वां बच्चों के स्वास्थ्य, स्वभाव और अन्य चीज़ों का अच्छे से निरीक्षण करें। अगर एक बच्चे को मशरूम से एलर्जी है तो जरूरी नहीं की दूसरे को भी हो। ऐसे ही हो सकता है कि एक बच्चा शांत हो और दूसरा बातूनी। ऐसे में अपने शांत बच्चे को ओवर प्रोटेक्ट न करें बल्कि उसे अपना पक्ष स्वयं रखने दें।

#4. पहचान (Identity of Twin Baby)
ज्यादातर लोग अपने जुड़वां बच्चों को एक से कपड़े पहनाते हैं, यही नहीं उन्हें नाम भी एक जैसे रख दिए जाते हैं, उन्हें एक जैसे खिलौने भी दिए जाते हैं जो बिल्कुल भी सही नहीं है।

  1. एक जैसे कपड़ों, जूतों और नामों से दोनों बच्चों की अपनी एक अलग पहचान नहीं बनती बल्कि उन्हें जुड़वाँ बच्चों के रूप में ही पहचाना जाता है। भविष्य में यह उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए ऐसा न करें।
  2. एक जैसे खिलौने देने से उनके कौशल और सीखने की प्रवृत्ति में विकास नहीं हो पाता। इसलिए उन्हें उनके शौक के अनुसार अलग-अलग खिलौने दें। लेकिन उनमें शेयरिंग की भावना अवश्य विकसित करें।
  3. यही नहीं अगर जुड़वाँ बच्चों को एक ही स्कूल में डाल रहें हैं तो उनके सेक्शन अलग रखें ताकि उनके दोस्त भी अलग हों। इससे उनके शौक भी अलग-अलग होंगे और उसके साथ ही वो अपने शौक की तरफ आगे बढ़ेंगे। इसे भी पढ़ेंः बच्चों में दिमागी शक्ति बढ़ाने वाले आहार

#5. तुलना करना (Comparing Kids)
कभी भी दोनों बच्चों की आपस में तुलना न करें न ही आस-पड़ोस के लोगों को करने दें। ऐसा करने से दोनों के मन में हीन भावना पनप सकती हैं जिससे दोनों बच्चे एक दूसरे से घृणा या ईर्ष्या कर सकते हैं। यह समझें कि उन दोनों का अपना अलग व्यक्तित्व है ऐसे में उन दोनों के बीच अपनी ख़ूबियाँ और कमियाँ हैं। उन्हें ऐसे ही अपनाए और उनके हिस्सा का प्यार दें।

#6. अपने झगड़े खुद सुलझाने दें (Let them Free)
भाई-बहनों के बीच झगड़े होना बहुत ही सामान्य है। अगर आपके जुड़वाँ बच्चे भी झगड़ते हैं तो परेशान न हों। दोनों के बीच होने वाले झगड़ों को उन्हें खुद ही सुलझाने दें। उनके मामलों में तब तक न पड़ें जब तक ज़रूरी न हो। बस ध्यान रहे कि दोनों के बीच में मारपीट न हो। अक्सर जुड़वाँ बच्चों में बहुत अधिक प्यार होता है और समान उम्र के होने के कारण उनके बीच में झगड़ें भी बहुत होते हैं। लेकिन ऐसा होना बहुत ही सामान्य है।

 

जुड़वां बच्चों के लिए एक आवश्यक बात

जुड़वां बच्चे शारीरिक रूप से सामान्य बच्चों से अधिक कमजोर होते हैं और पांच साल तक की उम्र तक उन्हें खास ध्यान और देखभाल की आवश्यकता होती है। ऐसे में दोनों का खास ख्याल रखें। अगर एक बच्चे को सर्दी, जुकाम या अन्य संक्रमण हो तो दूसरे बच्चे को उससे अलग रखें ताकि दूसरा बच्चा भी उस समस्या से पीड़ित न हो।

आमतौर पर ऐसा भी सुना गया है कि जुड़वां बच्चे (Judwa Bachche) देखने में भी एक जैसे होते हैं इसलिए कभी-कभी माता-पिता को भी उन्हें पहचानने में धोखा हो जाता है। एक चार्ट बना लें और उसमे अपने दोनों बच्चों के बारे में लिखें। उन दोनों को क्या खाना पसंद हैं, कौन से खिलौने पसंद है इसके अलावा उनकी अन्य आदतों को भी नोट कर लें। इससे आपको दोनों को समझने और उनकी परवरिश में आसानी होगी।

जुड़वां बच्चों में जो बच्चा पहले माँ के गर्भ से बाहर आता है उसे बड़ा और दूसरे को छोटा कहा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि मैडिकल साइंस में जो पहले माँ के गर्भ से बाहर आता है उसे छोटा और दूसरे स्थान पर बाहर आने वाले को उम्र में बड़ा माना जाता है। जुड़वाँ बच्चों के जन्म से परेशान न हों बल्कि इस अनोखे अनुभव का मजा लें। यह अनुभव आपके लिए बहुत कुछ अच्छा लेकर आएगा जैसे दोनों बच्चों को एक साथ बड़े होते देखना। अपने आपको सकारात्मक रखें और यह थोड़ा मुश्किल समय भी आसानी से गुजर जाएगा।

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