टीथिंग के समय बच्चे को स्तनपान करवाने के लिए क्या करें?

टीथिंग के समय बच्चे को स्तनपान करवाने के लिए क्या करें?

स्तनपान का महत्व क्या है यह तो हम सब जानते हैं। डब्ल्यूएचओ व डॉक्टर सभी नवजात शिशु को लगभग छह माह तक केवल स्तनपान कराने की सलाह देते हैं। स्तनपान से बच्चों का विकास सही गति से होता है और उन्हें संपूर्ण आहार मिलता है। हालांकि बच्चों के दांत निकलते समय स्तनपान करवाना थोड़ा मुश्किल होता है। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए यह समस्या और गंभीर होती है क्योंकि कई बार बच्चे के दांत निप्पल पर लगते हैं तो कई बार दांत निकलने के दौरान बच्चे सही से दूध नहीं पीते। आएं आज जानें कि दांत निकलते समय बच्चों को स्तनपान के दौरान क्या समस्याएं आती हैं और टीथिंग के समय बच्चों को स्तनपान कराने के टिप्स (Tips for Breastfeeding Teething Baby)।

 

दांत निकलते समय बच्चे क्यों काटते हैं?

अधिकांश माओं की यह शिकायत होती है कि दांत निकलने के दौरान बच्चे अक्सर निप्पल व स्तन काटते हैं। दरअसल बच्चे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें निप्पल काटने से आराम मिलता है। दांत निकलने के दौरान मसूडों में सूजना व हल्का मीठा दर्द होता है। यह दर्द किसी नरम चीज को काटने से कम होता है।

एक और चीज, बच्चे आपका अटेंशन पाने के लिए भी स्तनों को काटते हैं। जी हां, आपने सही सुना। केवल आपका ध्यान पाने के लिए भी आपका नन्हा मुन्ना शैतान आपको काट सकता है।

 

माएं क्यों होती हैं बच्चों के दांत निकलते समय परेशान

बच्चों के दांत निकलते समय वह स्तनों व निप्पल को काटने लगते हैं। इससे माएं काफी परेशान हो जाती हैं। कई बार तो वह एकदम से बच्चे के मुंह से निप्पल निकाल देती हैं जिससे और अधिक कटने का डर रहता है। एकदम से चिल्लाने या निप्पल को बाहर निकालने से बच्चा भी परेशान हो सकता है।

 

टीथिंग के समय बच्चों को स्तनपान कराने के टिप्स (Tips for Breastfeeding Teething Baby in Hindi)

 

#1. एकदम से रिएक्ट ना करें

अगर बच्चा आपका स्तन काटें तो एकदम से रिएक्ट ना करें। ऐसे में बच्चे को फीड कराना छोड़ दें और उसे दिखावटी गुस्सा दिखाएं। बच्चे को एकदम से डांटने से वह फिर से ऐसी हरकत दोहरा सकता है। ऐसे में बेहतर है कि आप बच्चे को कुछ देर के लिए फीड कराना छोड़ दें। इससे उसे लगेगा कि अगर वह दोबारा स्तन या निप्पल काटेगा तो उसे दूध नहीं मिलेगा। इससे आपको मनोवैज्ञानिक जीत मिलेगी।

 

#2. स्तनपान के दौरान ध्यान ना भटकाएं

अगर आपके बच्चे के दांत निकल रहे हैं तो स्तनपान कराने के दौरान अपना ध्यान मोबाइल या टीवी पर ना लगाएं। इस समय बच्चे को फीड करते हुए देखें व उससे बातें करें। कई बार बच्चे स्तनपान के दौरान केवल ध्यान आकर्षित करने के लिए भी काटने लगते हैं। इसलिए कोशिश करें कि जब दांत आना शुरु हो तो बच्चे पर थोड़ा ध्यान अधिक दें। एक बार बच्चे को लगने लगेगा कि आप उस पर ध्यान दें रही हैं तो बाद के दिनों में वह आपको परेशान नहीं करेगा।

 

#3. स्तनपान से पहले व बाद में टीथर दें

अगर बच्चे के दांत आना शुरु हुए हैं तो स्तनपान कराने से पहले उसे टीथर दें। टीथर मुंह में रखकर चबाने से बच्चे के मसूड़ों को आराम मिलेगा और वह दूध पीते हुए स्तन नहीं काटेगा। आप उसे स्तनपान कराने के बाद भी कुछ देर के लिए टीथर दे सकती हैं।

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#4. ध्यान दें कि बच्चे का पेट भरा है या नहीं

पेट भरने के बाद भी अगर बच्चे को स्तनपान कराना जारी रखा जाए तो वह स्तन काटते हैं। बच्चे को स्तनपान करवाते हुए इस बात पर लगातार ध्यान रखें कि बच्चे का पेट भरा है या नहीं। अगर बच्चे का पेट भर गया हो तो उसे स्तनपान करवाना बंद कर दें।

 

#5. स्तनपान करवाने का सही तरीका अपनाएं

अगर बच्चे को सही तरीके से फीड करवाया जाए तो वह स्तन नहीं काटता है। दरअसल स्तनपान करवाने के सही तरीके के अनुसार स्तनपान के समय बच्चे की जीभ उसके निचले मसूडों के नीचे होती है जिससे नीचे के दांतों से काटने का जोखिम बहुत कम हो जाता है। इसके अलावा बच्चे के मुंह में पूरा निप्पल होना चाहिए और उसके ऊपरी मसूडों के नीचे स्तनों का अग्र भाग होता है जिससे भी कटने के आसार कम हो जाते हैं।

 

लेकिन हां, अगर आप गलत तरीके से स्तनपान करवाती हैं यानि बच्चे के मुंह में केवल निप्पल जाता है तो वह उसे अवश्य काट सकता है। ऐसे में आपको बच्चे को स्तनपान करवाने के सही तरीके को अवश्य समझना चाहिए।

 

इसके अलावा बच्चे को स्तनपान करवाने के दौरान अपने स्तनों की साफ-सफाई व स्तनपान के तरीके पर भी हमेशा नजर रखें। बच्चे को दूध पिलाने से पहले ऐसी चीज दें जिससे उसके मसूडों का दर्द कम हो। कभी भी बच्चों के दांत निकलते समय ऐसे घरेलू उपाय ना करें जिससे उनके दांत आने की प्रक्रिया पर असर पड़े। इस चीज को स्वभाविक समझें कि बच्चे दूध पीते समय स्तनों को काट ही देते हैं। यह एक आम समस्या है जिससे आसानी से निपटा जा सकता है। ऐसे समय में गुस्सा ना करें बल्कि मनोवैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग कर बच्चे को समझाएं कि अगर वह काटेगा तो आगे से उसे दूध नहीं मिलेगा।

(साभारः प्रेगा न्यूज)

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