आत्म-सम्मान का अर्थ है स्वयं का सम्मान करना। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति खुद का सम्मान नहीं करता वो किसी और का सम्मान नहीं कर सकता। यह भावना केवल बड़ों के लिए ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी बहुत मायने रखती है। बच्चे के आत्म-सम्मान में विकास हर माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण है। आत्म-सम्मान एक ऐसा सबसे बड़ा उपहार है जो माता-पिता अपने बच्चे को दे सकते हैं। जिन बच्चों में भरपूर आत्म-सम्मान होता है वो बच्चे प्रेमपूर्ण, आत्मविश्वासी व खुद को हर तरह से सक्षम महसूस करते हैं और एक अच्छे नागरिक के सारे कर्तव्य पूरा करते हैं। बच्चो में आत्म-सम्मान के विकास के लिए आपको कुछ खास चीज़ें करनी चाहिए और जानिए इसके लिए कुछ आसान टिप्स (Tips to Develop Kids Self Respect in Hindi) ।
बच्चो में आत्म-सम्मान के विकास के लिए 7 टिप्स (Tips to Develop Kids Self Respect in Hindi)
#1. ज्यादा सख्ती न करें (Don’t be Too Strict)
जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, वो अपने अनुसार जीवन जीना चाहता है ऐसे में अगर आप उसके जीवन में अधिक हस्तक्षेप या रोक-टोक करते हैं तो उसे बुरा लगता है। यही नहीं अगर आप उन्हें अधिक डांटते या सख्ती करते हैं तो इससे उसके आत्म-सम्मान (Self Esteem) में भी कमी आ सकती है। इसके कारण न केवल वो आपसे दूर रहने लगेगा बल्कि अन्य लोगों को नज़रअंदाज़ करके अकेले में अधिक समय बिताना शुरू कर देगा। यह सच है कि हर माता-पिता को अपने बच्चे की चिंता होती है और वो कुछ गलत न करे इसलिए माता-पिता उससे सख्ती से पेश आते हैं लेकिन बच्चों को अधिक रोकना-टोकने से उसका आत्म-सम्मान कम होता है। जहाँ जरूरी है उस पर बंदिशे लगाए लेकिन अनावश्यक रोकने-टोकन से बचें।
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#2. बच्चों को खुद निर्णय लेने दें (Let the children decide)
माता-पिता अपने बच्चे को लेकर अधिक चिंतित रहते हैं। बच्चा कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए लेकिन माता-पिता उसे छोटा बच्चा ही समझते हैं और वैसे ही उससे व्यवहार करते हैं। उसके निर्णय माता-पिता खुद ही लेना चाहते हैं लेकिन ऐसा करने से बच्चे का आत्म-सम्मान विकसित नहीं होता। बच्चे को खुद और घर के बारे में छोटे-छोटे निर्णय लेने दें। ऐसा करने से उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वो वह अपने आपको कुछ भी करने में सक्षम पायेगा। यह तरीका उसके आत्म-सम्मान के विकास में मदद करेगा।
#3. बच्चे को समझाएं (Explain Value of Self Respect)
बच्चे को उसका काम स्वयं करने दें और उसके सारे काम आप न करें। ऐसा करने से उसका नयी चुनौतियों से सामना होगा, वो उन्हें सफलतापूर्वक पूरा करेगा और उसका खुद पर भरोसा बढ़ेगा, जिससे उसके आत्म-सम्मान में भी विकास होगा। ऐसे में अगर बच्चे से कोई गलती हो जाती है तो उसे दोषी महसूस न कराएं बल्कि उसे प्यार से समझाएं कि इस दुनिया में कोई भी इंसान संपन्न नहीं है। गलती से ही इंसान सीखता है और आगे सफलता प्राप्त करता है।
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#4. बच्चे की तारीफ करें (Give Compliment)
बच्चों की तारीफ करने से भी उनमें आत्म-सम्मान की बढ़ोत्तरी होगी। बात-बात पर बच्चे की आलोचना करना या उसे नीचा दिखाना उसके मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकता है। बच्चा कोई भी अच्छा काम करता है या किसी नए कार्य की शुरुआत करता है तो उसकी तारीफ करना बेहद जरूरी है। हर बात पर तारीफ या ओवरप्रेस्ड न करें लेकिन उसे प्रोत्साहित करने के लिए उन बातों के लिए उसकी तारीफ करना न भूलें जिसका वो हकदार है।
#5. बच्चे का अन्य लोगों के सामने अपमान न करें (Don’t Insult Kids in Front of Other People)
माता-पिता जाने-अनजाने में लोगों के सामने बच्चे का अपमान कर देते हैं। जैसे उसके पढ़ाई में कमजोर होने पर, उसकी शरारतों के बारे में लेकिन मज़ाक में भी दूसरे लोगों के सामने बोलना उसे परेशान कर सकता है। माता-पिता के लिए यह बहुत सामान्य सी बात है लेकिन अगर बार-बार ऐसा होगा तो बच्चा इससे अपमानित महसूस करेगा और उसे लगेगा कि वो कोई भी काम अच्छे से करने में सक्षम नहीं है इसीलिए उसके माता पिता उसे सबके सामने डांटते हैं। धीरे-धीरे बच्चे में आत्म-सम्मान कम होने लगेगा जो भविष्य में बेहद नकारात्मक हो सकता है इसलिए बच्चे को सबके सामने न डांटे। अगर आपको बच्चे से कोई शिकायत या नाराजगी है तो अकेले में उनसे प्यार से बात करें और उसे समझाएं।
#6. बच्चे को सुरक्षित महसूस कराएं (Make them Feel Safe)
बच्चा घर के सदस्यों से बहुत कुछ सीखता है। उसे घर में ऐसा माहौल प्रदान करें जिसमें वो सुरक्षित महसूस करे। जिन बच्चों के घर में माहौल नकारात्मक या भय वाला होता है, उस परिवार के बच्चों में आत्म-सम्मान की कमी होती है। अपने बच्चे को पूरा प्यार और सुरक्षा प्रदान करें ताकि वो आपसे हर विषय के बारे में खुल कर बात कर सके और आपसे वो सब शेयर करें जो उसके दिमाग में है। यह बात भी आत्म-सम्मान को बढ़ाने में उपयोगी है।
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#7. आजादी दें और विश्वास करें (Give them Freedom)
बड़ा होने पर बच्चा अपनी पसंद के दोस्तों के साथ अच्छा महसूस करता है। अन्य बच्चों के साथ खेलने या साथ में रहने से बच्चे की सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है। माता-पिता बच्चों को लोगों से मिलने या अन्य बच्चों से बात करने में भी पाबंदियां लगा देते हैं ताकि वो गलत लोगों की संगत में न पड़ जाएँ। माता-पिता की यह सोच स्वभाविक है लेकिन बच्चे को अपने दोस्त स्वयं चुनने दें। बच्चे को गलत और सही के बारे में बताएं और उस पर विश्वास रखें। आपका यह विश्वास बच्चे के आत्म-सम्मान (Self Respect) को विकसित करने में सहायक होगा और आप भी अच्छे माता-पिता का कर्तव्य पूरा करेंगे।
उपरोक्त बच्चों में आत्म सम्मान बढ़ाने के टिप्स (Tips to Develop Kids Self Respect) के अतिरिक्त आवश्यक है कि आप उन्हें कुछ घरेलू और सामाजिक कार्यों में संलिप्त रखें। उन्हें यह अहसास दिलाएं कि उन्हें कब किस कार्य के लिए हां कहना है और सबसे जरूरी जब बच्चे बढ़े होने लगे तो उन्हें ना कहने की आदत डालें। यह समझाएं कि आत्म समान और अहंकार में अंतर क्या है। यह भी जरूरी है कि आप कोई ऐसा कार्य ना करें जिससे बच्चे के आत्म-सम्मान को चोट पहुंचे।
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