प्रेगनेंसी में महिला शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कई तरह के उतार-चढ़ाव से गुजरती है। एक तरफ शिशु के आगमन की खुशी होती हैं तो दूसरी और प्रसव का दर्द व इस दौरान होने वाले मूड स्विंग्स आदि के कारण महिला असहज महसूस करती है।
गर्भवती होने पर केवल होने वाली माँ ही दवाब में नहीं होती बल्कि होने वाले पिता को भी उतने ही दबाव का सामना करना पड़ता हैं। कई पति (Husband) आने वाली जिम्मेदारियों के बारे में सोच कर परेशान हो जाते है, ऊपर से पत्नी की स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां और मूड स्विंग, उन्हें कभी-कभी चिड़चिड़ा और गुस्सैल बना देती हैं।
प्रेगनेंसी में महिला को संभालने और उसकी परेशानियों को कम करने में अगर कोई सहायक हो सकता है तो वो है उसका पति, क्योंकि पति (Pati) ही एक वो व्यक्ति होता है, जिस पर वो पूरा विश्वास करती है और जिसके साथ की उसे ज़रूरत होती हैं। ऐसे में पति को भी अपनी जिम्मेदारियां पूरे दिल से पूरी करनी चाहिए।
प्रेगनेंसी में आप अपनी पत्नी के लिए बेहतरीन पति बन सकते हैं बस उसके लिए आपको कुछ चीज़ों का ध्यान रखना चाहियें। जानिए ऐसे ही कुछ आसान तरीकों (Tips for a Perfect Husband during Pregnancy) के बारे में जिनसे आप बन सकते हैं अपनी पत्नी के लिए मि. परफेक्ट।
गर्भ में शिशु को नौ महीने तक रखना आसान नहीं है। याद रखें, प्रेगनेंसी के दौरान आपकी पत्नी को आपकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है। इस समय में अपनी पत्नी की बात सुने और उसे समझने की कोशिश करें। अगर आपकी पत्नी कभी कोई शिकायत करती हैं या चिड़चिड़ा व्यवहार करती हैं तो भी आप उससे प्यार से बात करें और उसे समझाएं।
हो सकता है कि आप अपने काम या नौकरी में व्यस्त हों लेकिन अपनी गर्भवती पत्नी को पूरा समय और अहमियत दें। दिन में जब भी समय मिले उसे फोन करके उसका हाल-चाल पूछना न भूले। फोन या मैसेज करके अपनी पत्नी का कुशल-क्षेम पूछना या प्यार भरी बातें करना उसे अच्छा महसूस कराएगा।
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प्रेगनेंसी में महिलाओं को कई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे जी मचलना, उल्टी आना, पेट और पीठ दर्द आदि। ऐसे में महिलाओं को घर का काम करने में मुश्किल होती है। अगर आप अपनी पत्नी की घरेलू जिम्मेदारियों को बाँट लें तो आपकी पत्नी को अच्छा लगेगा।
सुबह के समय प्रेगनेंसी में अधिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं होती हैं इसलिए आप सुबह उठ कर घर के छोटे-छोटे काम कर दिया करें। ऐसा करने से आपकी पत्नी को भी यह महसूस होगा कि आप उसकी कितनी देखभाल और प्यार करते हैं और आप मि. परफेक्ट बनने के एक कदम और नज़दीक आ जाएंगे।
गर्भावस्था में अपनी पत्नी को कभी भी अकेला न महसूस करने दें। शिशु केवल आपकी पत्नी का ही नहीं बल्कि आपकी भी जिम्मेदारी है। जब भी आपकी पत्नी डॉक्टर के पास जाए तो आप उसके साथ अवश्य जाएँ। इससे आपकी पत्नी को यह अहसास होगा कि आप हर परिस्थिति में उसके साथ रहेंगे।
इसके साथ ही अपनी पत्नी और शिशु के स्वास्थ्य की जानकारी डॉक्टर से लेते रहें ताकि आपको प्रसव विकल्पों के बारे में पता चले और आपकी पत्नी के स्वास्थ्य की भी जानकारी हो।
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गर्भावस्था में महिलाओं का वजन बढ़ जाता है और हार्मोन्स के असंतुलन के कारण कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इसलिए अधिकतर महिलाओं को इस दौरान यह भ्रम हो जाता है कि वो अच्छी नहीं लग रही इससे उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है या वो तनाव में भी आ सकती है।
अपनी पत्नी को यह विश्वास दिलाएं कि वो बेहद खूबसूरत हैं और पहले जैसी ही दिखती हैं। भूल कर भी उसका मज़ाक न उड़ाएं। आपकी तारीफ से न केवल वो खुश होंगी बल्कि उनके खुश होने से उनका और शिशु का स्वास्थ्य भी सही रहेगा।
शिशु के आने से आप कितना खुश और उत्साहित हैं, यह दर्शाने के लिए हमेशा तैयार रहें। अपनी पत्नी के साथ बैठ कर शिशु के बाद आने वाले बदलावों के बारे में बात करें। शिशु के लिए तैयारियों में अपनी पत्नी की मदद करें। शिशु के लिए खिलौने और कपड़े साथ में खरीदे।
यह आपके लिए भी एक नया अनुभव होगा इसके साथ ही आपकी पत्नी भी इस बात को लेकर आश्वस्त हो जाएगी कि आप परफेक्ट पति हैं और आने वाले समय में अच्छे पिता साबित होंगे। कुछ समय बाद आपके घर में एक नया मेहमान आने वाला हैं और उसके बाद आप दोनों अकेले नहीं रह रहे होंगे ऐसे में इस समय का पूरा फायदा उठायें। अपनी पत्नी के साथ इन लम्हों का आनंद लें और उन्हें खुश रखें।
प्रेगनेंसी के समय में अपनी पत्नी को अपने अन्य कामों के स्थान पर अधिक प्राथमिकता दें। उन्हें पैंपर करना न भूले। इस समय महिलाओं का दिल तरह-तरह के पकवान खाने का मन करता है, उसे यह सब खुद बना कर खिलाएं। उन्हें घूमाने ले कर जाएँ, शॉपिंग कराए, बाहर कुछ खिलाएं, हो सके तो फिल्म दिखाने ले जाएँ।
फूल, चॉकलेट, बैलून आदि ला कर दें। अगर उन्हें सिर, पीठ या पैरों में दर्द हो रह हो तो दबा दें। सिर या पैरों में मालिश करना न भूले। ऐसा करने से आपकी पत्नी खुद को इस दुनिया की सबसे खुशक़िस्मत पत्नी समझेगी।
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प्रेगनेंसी में अधिकतर महिलाएं घबरा जाती हैं। यह डर प्रसव को लेकर भी हो सकता है या इस दौरान होने वाले बदलावों को लेकर भी। जिसके कारण हो सकता है कि वो परेशान रहें लेकिन आपका साथ उन सभी डरों को दूर कर सकता है। अपनी पत्नी का ध्यान रखें और उसकी देखभाल करें।
अपनी पत्नी को कभी भी ऐसा महसूस न होने दें की आपको उनकी फ़िक्र नहीं है या शिशु केवल उनकी ज़िम्मेदारी है। अपने कर्त्तव्यों और जिम्मेदारियों को मिलजुल कर पूरा करें। यह समय एक-दूसरे को मेंटली और फिजिकली सपोर्ट दें। ऐसे यह नौ महीने का समय आसानी से गुज़र जायेंगे और आने वाला समय आपके जीवन का सबसे यादगार समय होगा।
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