जब बच्चे 4 से 5 महीने के होने लगते है तो उनके दाँत आने लगते है जिससे टीथिंग (teething) की परेशानी शुरू हो जाती है। और ये आम परेशानी है जो नए शिशु और माँ को झेलनी ही पड़ती है। इस समय बच्चों के लिए तिलस्मी मोती (Tilasmi Moti) भी काफी फायदेमंद होता है। तो चलिए जानते हैं कि तिलस्मी मोती क्या होता है और तिलस्मी मोती के फायदे।
तिलस्मी मोती (Tilasmi Moti) एक पेंडेंट या ताबीज के रूप में होता हैं जो बच्चों के मसूड़ो में दर्द को कम करने में मदद करता है। सदियों से, हमारे पूर्वजों ने तिलस्मी मोती का उपयोग किया है, जो आयुर्वेदिक उपाय है और यह सभी मसूड़ो की समस्याओं को ठीक करने का एक सरल उपाय है।
तिलस्मी मोती बच्चों को होने वाली पीड़ा को कम करने में मदद करता है। यह एक छोटे से सफेद (चमकिला) रंग का पेंडेंट होता है, जो समान मात्रा में पांच धातुओं (पंचधु) को मिलाकर बना है।
तिलस्मी मोती की रचना करने वाली पांच धातुओं के नामों को बताया नहीं गया है क्योंकि यह एक गुप्त रचना है। ये सुनने में थोड़ा अजीब लगता है पर ये सच है और इसे बनाने वालों ने कभी भी इन पाँच धातुओ के बारे में चर्चा नहीं की है।
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जब बच्चे अपनी परेशानी को बता नहीं पाते है, तब वे रोने लगते या फिर चिल्लाते हैं| मसूड़ों में जलन होने से वे किसी भी खिलौने या वस्तु को चबाने की कोशिश करने लगते हैं। जब वे किसी चीज़ को चबाते हैं तो बच्चे के मसूड़े पर थोड़ा दबाव पड़ता है, जिससे बच्चे शांत होने लगते है।
बच्चे की माँ को बच्चे को ऐसे देख कर बहुत दुख होता है। माता-पिता परेशान होकर बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाते हैं, डॉक्टर बहुत तरीके की दवाएं देते हैं और अपने बच्चों को शांत करने के लिए बहुत से उपाय भी अपनाते है।
बच्चे के मसूड़ों में होने वाली परेशानी को शांत करने के लिए सबसे अच्छे तरीका हैं खिलौने का उपयोग करना, जो आजकल आसानी से बाज़ार में उपलब्ध है। खिलौने आपके बच्चों को आराम दिलाने का एक शानदार तरीका है लेकिन ये सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि ये खिलौने या तो प्लास्टिक से बने होते है या फिर ये कह पाना मुश्किल है कि ये किस चीज से बने रहते है, जिससे आपके बच्चे सुरक्षित है कि नहीं। अपने बच्चे को दर्दनाक मसूड़ों से मुक्त करने का एक अन्य तरीका है – तिलस्मी मोती (Tilasmi Moti)
ये पेंडेंट तांबा से बना है जो बच्चे के शरीर को चुंबक की तरह शक्ति देता है, जो मसूड़ो में होने वाले दर्द या अन्य परेशानी से बच्चों को आराम दिलाता है। यह एक छोटे मोती के रूप में आता है जो चेहरे के आसपास की ऊर्जा का एक प्राकृतिक तालमेल है और बच्चे के दाँतो में होने वाली परेशानी से बचाता है।
तिलस्मी मोती को कई लोग जादू या औषधी समझते है। पर तिलस्मी मोती (Tilasmi Moti) को कोई औषधी उपाय या जादू नहीं बोल सकते है। यह एक वैज्ञानिक सिद्धांत से काम करता है। यह आपके बच्चे के दाँतो और मुंह के आस-पास के ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है और यह 2 महीने की आयु के बच्चों में शुरुआती समस्याओं को आसान बनाने के लिए बहुत ही उपयोगी है।
इतना ही नहीं यह सभी प्रकार के संक्रमण को रोकने में मदद करता है और आपके बच्चे के रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। यह बच्चो में होने वाली परेशानी जैसे की उल्टी होना, दस्त, मसूड़ो में दर्द या इससे होने वाली अन्य समस्याओ से आराम दिलाता है ।
इस प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय ने टीथिंग की परेशानी से बहुत से बच्चों की मदद की है, न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी इसका उपयोग किया जाता है। तिलस्मी मोती के पेंडेंट को बच्चे के गर्दन के चारों ओर पहनाना चाहिए। पेंडेंट हमेशा बच्चे की त्वचा के साथ लगातार चिपकता रहना चाहिए। जिससे बच्चो को सभी परेशानी से लड़ने में मदद मिलती रहे।
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तिलस्मी मोती (Tilasmi Moti) का उपयोग करने से कोई परेशानी नहीं होती है। बहुत सी माँ ने अपने बच्चे की गर्दन के चारों ओर तिलस्मी मोती को बांधा हैं और इसका कोई नुकसान सामने अभी तक नहीं आया है। टीथर के प्रयोग से अच्छा है आप तिलसमी मोती का उपयोग करे। जिससे कोई संक्रमण यानि इन्फ़ैकशन होने का कोई खतरा नहीं है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है और बहुत हल्के भी होते है।
यह आपको आसानी से किसी भी आयुर्वेदिक दवाइयों की दुकान पर मिल जायेगा| या फिर इसे आप ऑनलाइन भी खरीद सकती हैं|
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