क्या आपने शिशु की अच्छी नींद के लिए यह तरीका अपनाया हैं?

क्या आपने शिशु की अच्छी नींद के लिए यह तरीका अपनाया हैं?

बच्चे के आने के बाद माँ-बाप की पूरी जिन्दगी ही बदल जाती है। जहां बच्चे अपने साथ ढ़ेर सारी खुशियां लेकर आते हैं वहीं तमाम जिम्मेदारियां भी उनके साथ आती हैं। बच्चों की जिम्मेदारियों में सबसे अहम होता है बच्चे के विकास पर पैनी नजर रखना। न्यूबॉर्न बेबीज की ग्रोथ में सबसे अहम होता है नींद।

सही नींद बच्चे के शरीर को पूरी तरह से विकसित होने में मदद करती है। अगर नींद पूरी रहेगी तो बच्चा एक्टिव भी रहेगा और चीजों को ज्यादा जल्दी सिखेगा। यह शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद अहम होता है।

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अमूमन नवजात बच्चों को दिन में लगभग 15-18 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इसके बाद जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं उनकी नींद का समय कम होता रहता है। इसके बाद भी एक साल के बच्चे को कम से कम 12 से 13 घंटे की नींद जरूरी होती है। बच्चे की पूरी नींद जरूरी हैं इसके लिए निम्न बातों का अवश्य ध्यान रखेंः

  • बच्चे को पेट भरा होगा तो वह आराम से सोएगा। नवजात बच्चों के लिए तो रात को कम से कम एक बार अवश्य जागकर उसे फीड कराना चाहिए। अगर बच्चा छ्ह माह से बड़ा है तो रात को ठोस आहार अवश्य दें ताकि वह रात को भूखा ना रहें।  
  • बच्चे का बिस्तर आरामदायक होना चाहिए। उसके कमरे का तापमान करीब 20-22 डिग्री के करीब होना चाहिए। आरामदायक बिस्तर और सही तापमान अच्छी नींद के लिए बहुत जरूरी है।
  • बच्चे अक्सर पेशाब करके गीलेपन के कारण जाग जाते हैं इसलिए रात के समय उसके लिए अच्छी गुणवत्ता का डायपर इस्तेमाल करें।
  • अगर बच्चा रोता है या अनकंफर्टेबल महसूस करता है तो उसकी मालिश जरूरी है।

 

बच्चों को शांत कराने के लिए भारत में लंबे समय से सबसे असरदार मालिश को माना जाता है। मालिश ना सिर्फ बच्चे के शरीर को मजबूत बनाने में मददगार होती है बल्कि यह बच्चे को शांत भी करती है। अगर बच्चा कभी बहुत ज्यादा रोए तो कुछ मत कीजिएं सिर्फ उसकी अच्छी से मालिश कीजिएं और गुनगुने पानी से नहला दीजिएं।

इसके बाद बच्चे को सुलाइएं, वह काफी आराम से सो जाएगा। इस तकनीक को कहते हैं थ्री स्टेप ट्रिक। आइयें जानें क्या है बच्चों को सुलाने का यह जादुई थ्री स्टेप तरीका (Bachho ko Sulane ka Aasan Tarika)।

 

बच्चों को सुलाने का आसान तरीका (Three Tips for Kids Good Sleep in Hindi)

पहला स्टेप मालिश (Massage)
अगर बच्चा ज्यादा फजी हो रहा है या शांत नही हो रहा है तो पहले उसकी अच्छे से मालिश करें। मालिश करने से पहले बच्चे के साथ थोड़ी बातचीत करें। मालिश करने वाली जगह थोड़े खिलौने रख दें। मालिश करने की जगह का वातावरण ज्यादा गर्म या ज्यादा ठंडा नहीं होना चाहिए। इसके बाद बच्चे की हल्के हाथों से मालिश करें। मालिश के लिए सही तेल का इस्तेमाल करना भी बेहद जरूरी है।

बच्चे की त्वचा कोमल होती है इसलिए हमेशा ऐसा ऑयल इस्तेमाल करें जो बच्चे की स्किन के लिए जेंटल और लाइट हो जैसे जॉनसन बेबी ऑयल। तेल की गंध कई बार बच्चे को परेशान कर देती है इसलिए मालिश के लिए अच्छा तेल इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। मालिश के कई अन्य फायदें भी हैं जैसे कि:

  • स्किन टू स्किन टच से बच्चे के साथ भावनात्मक यानि इमोशनल बॉन्ड मजबूत होता है।
  • हड्डियां मजबूत होती हैं।
  • शरीर में रक्त संचार यानि ब्लड सर्क्यूलेशन सही रहता है।

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दूसरा स्टेप नहलाना (Warm Bath)
मालिश के बाद बच्चों को अच्छी तरह से नहलाएं। नहलाने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करें। नहलाने के पानी का तापमान बहुत अहम है। ठंडे पानी से नहलाने पर बच्चे सो नहीं पाते। नहलाने का पानी गुनगुना होना चाहिए। बच्चो को नहलाते समय थोड़ा सतर्क भी रहना चाहिए। अगर बच्चा ज्यादा छोटा है तो उसे नहलाते समय थोड़ी देर के लिए भी अकेला ना छोड़ें।

बच्चे को नहलाने के लिए बॉडी वॉश या बेबी शम्पू का प्रयोग किया जा सकता है। यहां भी ध्यान रखें कि यह प्रोड्क्ट आपके बच्चे के लिए जेंटल हो और आंखों में जलन पैदा ना करें। बच्चों के बॉडी वॉश या शैंपू में मौजूद पैराबेन या कैमिकल्स की वजह से आंखों में जलन होती है। कोशिश करें कि बच्चों के लिए आप पैराबेन रहित उत्पाद ही इस्तेमाल हो जैसे जॉनसन बेनी नॉ टियर्स शैंपू या टोप टू टो वॉश।

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तीसरा स्टेप सुलाना (Ready for Sleep)
मालिश और नहलाने के बाद बच्चे आराम से सोने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुके होते हैं। सुलाने के लिए अच्छे बिस्तर का प्रयोग करें। बच्चे को थोड़ी देर अपने शरीर से लगाकर रखें ताकि वह आपके स्पर्श को महसूस कर शांत रहे। उसके लिए आपका स्पर्श बहुत मायने रखता है। यह स्पर्श बच्चे के साथ आपके इमोशनल जुड़ाव को मजबूत बनाता है।

 

कई लोग इस थ्री स्टेप में पहले बच्चे को नहलाते हैं फिर मालिश करके बच्चे को सुलाते हैं। यह भी काफी उपयोगी होता है। आप चाहे कोई भी तरीका इस्तेमाल करें बस जरूरी है कि बच्चे की नींद पूरी हो।

 

इसके अलावा कोशिश करें कि बच्चा जिस कमरे में सोए वहां रोशनी का सही प्रबंध हो। बच्चे के कमरे की लाइटें आंखों पर ज्यादा चुभने वाली ना हो। आप बच्चों को सुलाने के लिए बच्चों की कविता व नर्सरी राइम्स या फिर लोरी का सहारा ले सकती हैं जिसे धीमी आवाज में सुनाएं।

 

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