मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में रहने के लिए उसके अंदर अच्छे गुणों और आदतों का होना आवश्यक है। यह गुण हर मनुष्य अपने बचपन में ही सीखना शुरू कर देता है और हर मां-बाप का कर्तव्य है कि वह अपने बच्चे में जन्म के कुछ महीनों बाद ही छोटी-छोटी बातें सिखाना शुरू कर दें। इसलिये जब बच्चे थोड़े बड़े होने लगते हैं तो उनको अच्छी आदतें सिखाना शुरू कर दे। तो आइए जानते हैं छोटे बच्चों को अच्छी आदतें कैसे (Tips to Teach Good Habits in Hindi) सिखा सकते हैं।
समय के साथ-साथ हम हर रोज कुछ ना कुछ नया सीखते हैं परंतु इसी तरह कुछ ऐसी आदतें है जो बच्चे को 5 साल तक की उम्र में सीख लेनी चाहिए। 5 साल का बच्चा इतना बड़ा नहीं होता हैं कि वह खुद से इन आदतों और बातों को अपने व्यवहार का हिस्सा बना सके। यह तो मां बाप की ही जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बच्चे में अच्छी आदतें और अच्छे व्यवहार को सीखा सकें ताकि वह बच्चा बड़ा होकर अच्छी शिक्षा ले और साथ-साथ एक बेहतर और सफल इंसान बन सके। बचपन में सिखाई हुई आदतें मनुष्य के जीवन भर काम आती है।
अच्छी आदत क्या है? (What are Good Habits in Hindi)
अच्छी आदतें वे होती है जो आपको एक बेहतर इंसान बनाने में मदद करती है जैसे कि बड़ों का आदर करना, अच्छी किताबें पढ़ना, अपनी जिम्मेदारी समझना इत्यादि।
अच्छी आदतें सीखना क्यों है जरूरी (Why it is necessary to have Good Habits)
आपके बच्चे में अच्छी आदतों का होना बहुत जरूरी है क्योंकि यह अच्छी आदतें आपके बच्चे को ना केवल एक बेहतर इंसान बनाने में मदद करती हैं बल्कि उसे एक अच्छी और सेहत भरी जिंदगी जीने में मदद करती हैं। अगर आपके बच्चों में बचपन से ही पौष्टिक खाना खाने की व खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत है तो यह आदत उसे कई तरह से संक्रमण और बीमारियों से बचाती है। यह आपके बच्चे को एक स्वास्थ्य वर्धक और बेहतर जिंदगी देता है।
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3 से 5 साल के बच्चों को कैसे सिखाएं अच्छी आदतें (How to teach Good Habits to kid in Hindi)
एक आदमी बड़ा होकर कैसा चरित्र वाला बनेगा यह काफी हद तक उसके परिवार पर निर्भर करता है क्योंकि ज्यादातर अच्छी आदते बचपन में ही सीखी जाती है जो बाद में धीरे-धीरे समय के साथ विकसित होती रहती हैं।
#1. सफाई से रहना (Stay Clean)
आप अपने बच्चों में सबसे पहले यह आदत डालें कि वह अपने शरीर को पूरी तरीके से साफ रखें जैसे कि रोजाना नहाना, दांतों की सफाई, नाखूनों को काट कर रखना और टॉयलेट जाने के बाद या फिर खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना, अपने खिलौनों आदि को सही जगह पर रखना, अपने कपड़ों को गंदा ना करना आदि। यह सब आदतें आप उसे बचपन से ही धीरे-धीरे करके प्यार से सिखा सकते हैं। जब भी वे बाहर से खेल कर आए तो उन्हें बताये कि वे अपने हाथ पैर धो कर अच्छे से साफ कर ले ताकि खेलने के दौरान हाथों पर लगी मिट्टी उनके पेट में जाएगी तो उसे संक्रमण और सांस की बीमारी के साथ त्वचा संबंधी परेशानियां भी हो सकती हैं।
#2. अपने घर की देखभाल (Take care of your house)
आप अपने बच्चों को खुद की सफाई के साथ-साथ घर की सफाई का भी ध्यान रखना सिखाएं। आमतौर पर घर को सजाने संवारने का काम बड़े ही करते हैं क्योंकि 3 साल के छोटे बच्चे हर तरह का काम नहीं कर सकते परंतु आप उन्हें अपने साथ छोटे-छोटे कामों में हाथ बंटाने को बोल सकते हो जैसे कि घर की सजावट, समान की सफाई करना, बिस्तर लगाना, अपने खिलौने इधर उधर ना बिखेर कर उनको अपनी जगह पर रखना इत्यादि। इससे वह घर के काम करना और घर को साफ रखना सीख जाएंगे और उनकी रुचि भी इसमें बढ़ने लगेगी। आप अपने छोटे बच्चे को कोई भी कूड़ा जैसे कि स्नेक्स के रैपर्स, कागज के टुकड़े, फलों के छिलके आदि कूड़ेदान में डालना सिखाएं। अगर बच्चे इसे इधर-उधर फेंकते हैं तो उन्हें समझाएं कि ऐसा करना उचित नहीं हैं। ऐसे करने से घर गंदा लगता है और साथ में बीमारियां भी फैलती हैं और उन्हें इस बात के लिए भी प्रेरित करें कि अगर वे किसी को कचरा फैलाते देखें तो भी उन्हें ऐसा करने से रोके।
#3. समय का महत्व समझे (Value of Time)
छोटे बच्चो को समय का महत्व समझाना बहुत जरूरी होता है। उन्हें समझाएं कि जो समय की कद्र करता है व उसकी कीमत समझता है वह बड़ा होकर हमेशा सफलता हासिल करता है। इसलिए आप बच्चों को छोटी उम्र से ही समझाएं कि वे अपने सारे काम समय पर करें जैसे कि समय पर सोना, समय पर उठना, समय पर स्कूल जाना, समय पर ही भोजन करना और दूध पीना आदि।
#4. बड़ों की आज्ञा का पालन करना (Obey your elders)
छोटे बच्चे हमेशा अपने से बड़ों का अनुशासन करते हैं। इसलिए आप उन्हें समझाए कि हमेशा अपनो से बड़ों का सम्मान करें और उनकी बात माने। बच्चों को भी समझाएं कि वह अपने से बड़ों का आदर करें, उनकी बात विनम्रता से सुने, उनसे ज़िद ना करें व उनके कामों में सहायता भी करें।
#5. जिम्मेदार होना (Take Responsibility)
आप अपने बच्चों में अपने काम के प्रति जिम्मेदार और एकाग्रता सिखाए। आप उनका सही मार्गदर्शन करें ताकि वे लापरवाह ना बने। उन्हें सिखाएं कि आप जो जिम्मेदारी लेते हैं उसे पूरी निष्ठा के साथ करें ताकि आपका काम बिल्कुल परफेक्ट हो। जैसे आप बच्चों को सिखाएं कि अगर वह कोई सामान या खिलौना लेते हैं तो उसे इस्तेमाल करके वापस अपनी जगह पर रखें ताकि वह वही चीज दोबारा लेता है तो उसे वह समान आराम से मिल जाए। इससे बच्चे में जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी।
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#6. मददगार बनना भी है जरूरी (Always be Helpful)
बच्चों में बचपन से ही यह आदत डालें कि वह हमेशा दूसरों की मदद करें, ना केवल अपने परिचित या दोस्त बल्कि हर किसी के प्रति उसके मन में दया का भाव होना चाहिए ताकि उसके मन में मदद की भावना बनी रहे। मददगार होने के साथ-साथ बच्चों को इस बात की भी समझ होनी चाहिए कि वह अपनी हर चीज बांट कर इस्तेमाल करें। बच्चों में अपना खाना शेयर करने की आदत, अपनी चीजें व खिलौने बांटकर खेलना इत्यादि जैसे आदतें आवश्यक रूप से होनी चाहिए। यह आदत बच्चों को आगे जीवन में बहुत काम आती है।
#7. सही गलत का फर्क समझाएं (What is right and What is wrong)
आप बच्चों को सही या गलत की पहचान करना सिखाएं। अगर बच्चा सही गलत में अंतर करना सीख लेता है तो उसे स्वीकार करना भी सीख लेगा ताकि वह अपना निर्णय खुद ले सके। आप बच्चों को सही और गलत समझाने के लिए कहानियों का सहारा ले सकते हैं। यानी आप उसे कहानियों के माध्यम से यह समझाएं कि क्या सही है और क्या गलत और उस परिस्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए।
#8. ईमानदारी (Honesty)
आपको अपने बच्चे के अंदर इमानदारी की आदत डाल देनी चाहिए और कोशिश करें कि यह इमानदारी आपके बच्चे में 5 साल तक आ जाए क्योंकि बच्चे शुरुआत में छोटे-छोटे झूठ बोलते हैं और अगर आप उन्हें नहीं रोकेंगे तो यह एक छोटा झूठ बड़ा होने पर अपराध का रूप ले सकता है। अगर आपका बच्चा ईमानदार है तो वह ना तो झूठ बोलेगा, ना चोरी करेगा और ना ही किसी को धोखा देगा व हमेशा अपने काम के प्रति ईमानदार रहेगा।
#9. दिखावे से दूर रहे (Don’t Show off)
आजकल सारे लोग दिखावे में जी रहे हैं क्योंकि समय ही ऐसा आ गया है कि ना चाहते हुए भी लोग इसकी शरण में चले जाते हैं और यह आदत इंसान को बर्बाद कर देती है। बच्चे भी दिखावे के चक्कर में गलत काम में पड़ जाते हैं। इसलिये आप अपने बच्चों को हमेशा दिखावटी दुनिया से दूर रखें और उन्हें यह समझाएं कि वही इंसान सफल होता है जो कर्म करने में विश्वास रखता है ना कि दिखाने में।
#10. मधुर भाषी बनाए (Always talk sweetly)
आप अपने बच्चों को मधुर भाषा का महत्व समझाएं। उन्हें बताएं कि हम मधुर बोल कर किसी भी काम को आसानी से कर सकते हैं। किसी पर चिल्लाने से, गुस्सा करने से, गलत भाषा का प्रयोग करने से बनते काम भी बिगड़ जाते हैं परंतु मधुर वाणी में इतनी ताकत होती है कि बड़े से बड़े और मुश्किल काम भी आसानी से हो जाते हैं। इसलिए आप उन्हें हमेशा मधुर और प्यार से बोलना सिखाएं ताकि वे भविष्य में खूब तरक्की कर सके और एक सफल और बड़ा इंसान बन सके।
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