गर्भावस्था ऐसा समय होता है जब महिला को अपने साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु का खास ख्याल रखना पड़ता है और गर्मी के मौसम में तो और भी अधिक देखभाल की ज़रूरत पड़ती है। आज हम आपको गर्भावस्था में गर्मियों के मौसम में खुद का ख्याल कैसे रखें इसके कुछ टिप्स (Pregnancy Summer Care Tips) देने जा रहे हैं जिनके बारे में जानना आपके लिए बेहद आवश्यक है। जानिए गर्मियों में गर्भवती स्त्री (Summer Pregnancy Care Tips) को किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए:
गर्भावस्था का पूरा समय गर्भवती महिला के लिए मुश्किलों भरा होता है और गर्मी का मौसम इन समस्याओं को और बढ़ा देता है। प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस, थकावट और शरीर में दर्द जैसी समस्याएं होना बहुत ही आम हैं लेकिन गर्मी के मौसम में यह सब अधिक कष्टदायक हो सकता है। यही नहीं प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली माँ के शरीर का तापमान सामान्य से अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में गर्मी और नमी भरे मौसम में शरीर का तापमान और भी अधिक हो जाता है।
गर्भावस्था के दौरान शिशु और माँ के लिए जितना हो सके अधिक पानी पीना बेहद आवश्यक है। गर्मियों में डिहायड्रेशन होने की संभावना और भी अधिक रहती है। इसलिए दिन में कम से कम सात से आठ गिलास पानी जरूर पीएं। होंठों का सुखना, कम या पीले रंग का पेशाब आना, चक्कर आना, मतली आदि शरीर में पानी की मात्रा कम होने का संकेत है। इन्हे समझें और अगर ऐसा कुछ हो तो डॉक्टर की सलाह लें।
गर्मी के दिनों में ठंडे पानी से बेहतर और कुछ नहीं और यही ठंडा पानी आपको खुश और आरामदायक महसूस कराएगा। ठंडे पानी से स्नान करें या स्विमिंग करें। ऐसा करने से आपको गर्मी से कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
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पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक आहार आपको इस गर्मी से सुकून पहुंचाएगा, इसके साथ ही इससे गर्भ में पल रहे शिशु का विकास भी सही से हो पायेगा। गर्मियों में ठंडे फल, जूस या सलाद का सेवन अवश्य करें। हालाँकि इस मौसम में खाने को लेकर बहुत सी सावधानियां (Eating Precautions During Summer) भी बरतनी चाहिए जैसे गर्मियों में अधिक मसाले वाले या जंक फूड आदि के सेवन से बचे। बाहर के खाने की तुलना में घर का बना सादा आहार ही आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
गर्मियों में न केवल हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए। गहरे रंग के कपड़े गर्मी को अधिक अवशोषित करते हैं जिससे गर्मी अधिक लगती है। इसलिए हल्के रंग के कपड़ों को चुने जैसे सफेद, गुलाबी, हल्का हरा, आसमानी आदि। इसके साथ ही भारी-भरकम कपड़ों की जगह हल्के कुर्ते आदि को पहने ताकि गर्मी में आप बचे रहे। कॉटन के कपड़ों में आप आरामदायक महसूस करेंगी।
गर्भावस्था में त्वचा बेहद संवेदनशील हो जाती है। ऐसे में अपनी त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाएं। बाहर निकलने से पहले अच्छे सन-स्क्रीन का प्रयोग करें। इसके साथ ही अपने चेहरे को ढक कर ही बाहर निकलें। सिर और आँखों को भी कवर करें।
गर्मी है और आप गर्भवती है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि आप शारीरिक गतिविधियों को सीमित कर दें। गर्मी के दिनों में भी सैर, ध्यान, योग या डॉक्टर की सलाह के अनुसार व्यायाम करने से आप और आपका शिशु स्वस्थ रहता है। इसके अलावा इस दौरान तनाव और होने वाली साँस सम्बन्धी समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से प्राणायाम करें। बस गर्भावस्था में प्राणायाम करते हुए क्या सावधानियां बरतनी हैं, इससे संबंधित पूरी जानकारी पहले अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से ले लें।
गर्भावस्था में अच्छी नींद और आराम करना बहुत आवश्यक है। इससे तनाव से भी मुक्ति मिलती है। अपने शरीर के संकेतों को को समझते हुए पर्याप्त आराम करें।
गर्मियों की कड़ी धूप आपको और अधिक थका सकती है इसलिए अपने लिए समय निकालें। कोई अच्छी किताब पढ़ें, संगीत सुने या अपनी पसंद का कोई भी काम करने से आपको अच्छा महसूस होगा। इसके साथ ही ऐसा करने से गर्मी में भी आप तरोताजा रहेंगी।
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गर्भावस्था में सूजन जैसी समस्या होना सामान्य है। ऐसे में गर्मी के मौसम में मालिश कराना न भूलें। इससे न केवल आपको सूजन जैसी परेशानी से राहत मिलेगी बल्कि आराम भी मिलेगा। पार्लर और स्पा सर्विस लेने से भी आप शांत और अच्छा महसूस करेंगी।
गर्मी के मौसम में जो चीज़ सबसे अधिक परेशान करती है वो है बाल। बालों के कारण शरीर में सामान्य के मुकाबले अधिक पसीना आता है। इसलिए अपने बालों का खास ध्यान रखें। नियमित रूप से उन्हें धोएं और साफ रखें। अपने बालों को जितना हो सके उतना बांध कर रखें।
गर्भावस्था के दौरान गर्मी से बचने के टिप्स (Pregnancy Summer Care Tips) में से एक टिप यह भी है कि आप अपने घर को ठंडा रखें। गर्भावस्था में आप अधिकतर समय अपने घर में गुजारती हैं इसलिए अपने घर को ठंडा बनाये रखें ताकि आपको आराम मिले और साथ ही आप भी शांत रहें। एसी और कूलर की सहायता से आप घर को ठंडा रख सकती हैं।
गर्मियों में मच्छर और अन्य कीड़े मकोड़े बेहद परेशान करते हैं जिनके कारण डेंगू, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं। अगर आप गर्भवती हैं तो इन कीड़े मकोड़ों और मच्छरों से बचने की कोशिश करें। इनके लिए बग स्प्रे का प्रयोग न करें क्योंकि इनमें भारी मात्रा में केमिकल होते हैं। इनसे बचने के लिए ऐसे घरेलू नुस्खों का प्रयोग करें जो आपके लिए हानिकारक न हों।
गर्मियों में नींबू पानी, गाजर या पुदीने का पानी और खीरे का जूस पीने से आपको गर्मी से राहत मिलती है। इनसे न केवल शरीर की गंदगी बाहर निकलती है बल्कि यह आपके शरीर को ठंडा करते है जिनसे आपको गर्मी से राहत मिलती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती है।
गर्मियां हैं तो ऐसा नहीं है कि आप पूरा दिन आराम करते रहें। अपनी दिनचर्या को पहले ही निर्धारित कर लें। योग या कसरत अवश्य करें। छोटा-बहुत घर का काम भी कर सकती हैं। अगर आप शराब या धूम्रपान करती हैं तो इसे भी छोड़ दें और कैफीन भी न लें क्योंकि यह भी आपको अधिक गर्मी के लगने का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था में आपको ऐसे जूते पहनने चाहिए जो हील वाले न हो और आरामदायक हो लेकिन इस दौरान गर्मी के मौसम में भी आपको जूते सोच समझ कर चुनने चाहिए। फ्लिप-फ्लॉप की जगह ऐसे सैंडल्स पहने जो नरम हों। इसके साथ ही पूरी तरह से पैरों को कवर करने वाले जूतों की जगह आगे से खुले जूते पहने। ऐसे जूते पहने जिसमे अधिक पसीना न आये।
गर्भावस्था के दौरान गर्मियों में ही नहीं बल्कि सर्दियों में भी ऐसी जगहों से दूर रहें जहाँ भीड़ होती है क्योंकि ऐसा करने से आपको अधिक गर्मी लग सकती हैं जिससे आपको बैचेनी हो सकती हैं या कई अन्य समस्याओं का सामान करना पड़ सकता है। इसके साथ ही भीड़ वाली जगहें आपके लिए नुकसानदायक हो सकती हैं।
गर्भावस्था में पैरों और टांगों में सूजन आना आम है लेकिन गर्मी में यह समस्या भी बढ़ जाती है। गर्मी के मौसम में आप इस समस्या से नीचे दिए गए तरीको के माध्यम से आसानी से राहत पा सकती हैं।
अधिक नमक खाने से आपके शरीर से अधिक पानी निकलेगा जिससे आपके शरीर में पानी की कमी तेज़ी से हो सकती है। चिप्स, कूकीज, फ़ास्ट फ़ूड जैसे खाने से इस दौरान दूर ही रहें।
अगर आप गर्भवती हैं तो गर्मियों में ऐसे समय में घर से बाहर न निकले जब गर्मी अधिक हो। सुबह या शाम को आप बाहर निकल सकती हैं लेकिन दोपहर के ग्यारह से लेकर शाम के पांच बजे तक घर से बाहर निकलने से बचे क्योंकि इस समय सूर्य की किरणें सबसे कठोर होती हैं।
गर्मियों में त्वचा सम्बन्धी रोग अधिक हो सकते हैं यही नहीं इस दौरान मॉर्निंग सिक्नेस, थकावट, शरीर में दर्द जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती है। लेकिन ऐसे में खुद से कोई भी दवाई न लें क्योंकि इस दौरान अपनी मर्जी से दवाई लेना आपकी समस्याओं को और बढ़ा सकता है। अगर आपको कोई परेशानी है तो अपने डॉक्टर से सलाह ले। अगर डॉक्टर कोई दवाई दे तभी उसका सेवन करें।
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