सेरेलक देने से पहले उसके कुछ नुकसान भी जान लें

सेरेलक देने से पहले उसके कुछ नुकसान भी जान लें

सेरेलक बच्चों के लिए पहले भोजन की तरह होता है। छह माह का होने के बाद ही बच्चों को सबसे पहले लोग सेरेलक ही देते हैं। छह माह का होने के बाद शिशु के विकास को ध्यान में रखते हुए, उसे अर्ध-ठोस एवं ठोस आहार देने ज़रूरी हो जाते हैं। ऐसे में अर्द्ध ठोस आहार की शुरुआत होती है सेरेलक जैसे आहार से।

लेकिन सेरेलक देना अक्सर माताओं के लिए चुनौती होता है। कई माताओं का कहना है कि सेरेलक देने के बाद उनके बच्चों को कब्ज की शिकायत होने लगी है। तो चलिए आज जानते हैं कि आखिर सेरेलक देने से बच्चों को किस प्रकार की समस्याएं (Side Effects of Cerelac in Hindi) हो सकती हैं।

 

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सेरेलक से क्या समस्या हो सकती हैं (Side Effects of Cerelac in Hindi)

कब्ज

आमतौर पर माताओं का कहना है कि सेरेलक (Cerelac) से उनके बच्चों को शुरुआत में कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ा। दरअसल छह माह तक बच्चा मां का दूध पीता है ऐसे में जब वह सेरेलक या कोई अन्य ठोस आहार शुरु करता है तो शुरु में पेट उसे पचा नहीं पाता। यह समस्या कई बच्चों के साथ देखने में मिलती है।

 

शौच से गंधा आना

बच्चा जब सेरेलक खाना शुरु करता है तो शुरु में उनकी बहुत बुरी दुर्गन्ध आनी शुरू हो जाती है। यह काफी आम बात है जिससे घबराने की कोई जरूरत नहीं होती है। बच्चा जब कोई नया पदार्थ खाता है तो पेट उसे पचाने की कोशिश करता है और यह गंध उसी की होती है।

एलर्जी

कई बार सेरेलक से बच्चे को एलर्जी का खतरा होता है। सेरेलक में प्रिजेवेटिव के तौर पर मिलाए गए रसायनों की वजह से ऐसा होता है। अगर सेरेलक देने के बाद बच्चा रोने लगता है या उसके पेट में दर्द होता है तो बच्चे को यह ना दें। अगर सेरेलक देने के बाद बच्चे की त्वचा पर रैशेज होने लगते हैं तो भी कोशिश करें कि बच्चे को यह ना दें।

पेट का दर्द

सेरेलक देने के शुरुआती दौर में अक्सर बच्चों को पेट का दर्द होने की समस्या आती है। अगर बच्चे को यह खिलाने के बाद पेट में दर्द हो तो उसके गाढ़ेपन पर विशेष ध्यान दें।

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कैसे बचे सेरेलक से होने वाली समस्याओं से

कई बार सेरेलक का मिश्रण कभी गाढ़ा, कभी पतला होने की वजह से ये ठीक तरह से शिशु की भूख को शांत नहीं करता। इसलिए कोशिश करें कि यह उसी तरह बना हो जैसा पैकेट पर लिखा हो। सेरेलक का ठीक मिश्रण जानने के लिए डॉक्टर्स से सलाह लें। इसके अलावा इसे केवल दिन में दो से तीन बार ही बच्चे को दें। बार-बार सेरेलक खाने से बच्चे के पेट पर भी प्रभाव पड़ता है।

डॉक्टर्स के अनुसार जब बच्चा एक आहार से दूसरे आहार पर जाता है तो उसका पाचन तंत्र प्रभावित हो जाता है। इससे पेट दर्द और मल त्यागने में बच्चे को परेशानी हो सकती है। बच्चों को अगर आप सेरेलक खिला रही हैं तो उसमें फल और हरी सब्जियों का मिश्रण करें। इसमें ऐसी चीजें डालने की कोशिश करें जिनमें फाइबर की मात्रा भरपूर हो।

अगर सेरेलक को अच्छे से ना घोला जाए तो उसमें गांठे बन जाती है। इस कारण से बच्चे को पेट में समस्या हो सकती हैं। इससे बचने के लिए सेरेलक का घोल अच्छी तरह से बनाएं। सेरेलक को स्टोर करने पर भी विशेष ध्यान दें। इसे हमेशा हवा-बंद डिब्बे या ज़िप-लॉक में रखें। अगर उपरोक्त सावधानियों के बाद भी आपके बच्चे को सेरेलक से परेशानी हो तो इसे देना रोक कर डॉक्टर की सलाह लें।

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