शिशु के बड़े होने पर माता-पिता की ज़िम्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है। उन्हें यह चिंता रहती है कि कैसे बच्चे का विकास सही से हो, वो कुछ नया सीखे साथ ही उसे नैतिक मूल्यों का महत्व समझाया जा सके। बढ़ते बच्चे के लिए कविताएँ जादू का काम करती है। कविताओं से ना केवल बच्चों के विकास में मदद मिलती है बल्कि यह बच्चों में स्मृति कौशल बढ़ाने, भाषा ज्ञान, शब्दावली और रिश्तों की जानकारी देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आज जानिए ऐसी ही कुछ नर्सरी की कविताओं (Hindi Nursery Rhymes) के बारे में जो आप बच्चों को सीखा सकती हैं और बच्चे भी इनका पूरा मजा लेंगे।
“मछ्ली जल की रानी है
जीवन उसका पानी है
हाथ लगाओ तो डर जाएगी
बाहर निकालो तो मर जाएगी
पानी मे डालो तो तैर जाएगी
पानी मे डालो तो तैर जाएगी”
शिक्षा: यह कविता हर किसी ने अपने बचपन में सुनी भी होगी और सुनाई भी होगी। अगर इस कविता को आप अपने बच्चे को विडियो के साथ सुनाएंगे तो उसे ज्यादा मज़ा आएगा। इससे बच्चे में भाषा का विकास होगा और वो नए शब्द भी सीखेगा। अपने बच्चे की तोतली भाषा में यह कविता सुनकर हर कोई भावविभोर होगा।
“आलू बोला मुझको खा लो,
मैं तुम को मोटा कर दूंगा ।
पालक बोली मुझको खा लो,
मैं तुम को ताकत दे दूँगी ।
गाजर, भिन्डी, बैंगन बोले,
गोभी, मटर, टमाटर बोले,
अगर हमें भी खाओगे,
जल्दी बड़े हो जाओगे”
शिक्षा: इस हिंदी कविता में सब्जियों के महत्व को साफ-साफ बताया गया है। बच्चे अक्सर सब्जियों को खाने में आनाकानी करते हैं किन्तु आप इस कविता से अपने बच्चे को बता सकते हैं कि सब्जियां खाना कितना जरूरी है। इस क्यूट सी कविता से आपका बच्चा सब्जियों से प्यार करने लगेगा और साथ ही उसे नयी-नयी सब्जियों के बारे में भी पता चलेगा।
“लाला जी ने केला खाया,
केला खा के मुंह पिचकाया,
मुंह पिचका के कदम बढाया,
पैर के नीचे छिलका आया,
लाला जी तो गिरे धड़ाम,
मुंह से निकला हाय राम हाय राम हाय राम”
शिक्षा: इस कविता के शब्द सुनते ही बच्चों के मुँह पर चढ़ जाते हैं। यह कविता न केवल मनोरंजन करती है बल्कि बच्चों को एक अच्छी सीख भी देती है। इस कविता में लाला जी केले का छिलका जमीन पर फेंक देते हैं जिसके कारण वो फिसल कर गिर जाते हैं। इस कविता से आप बच्चों को यह सिखा सकते हैं कि कूड़े को हमेशा कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए। कूड़ा इधर उधर फेंकने से उसका दुष्परिणाम भी हमें ही भुगतना पड़ेगा। बच्चा इस सीख को पूरी उम्र नहीं भूलेगा।
“मम्मी की रोटी गोल गोल,
पापा का पैसा गोल गोल,
दादा का चश्मा गोल गोल,
दादी की बिंदिया गोल गोल,
ऊपर पंखा गोल- गोल
नीचे धरती गोल -गोल
चंदा गोल सूरज गोल
हम भी गोल तुम भी गोल
सारी दुनिया गोल-मटोल”
शिक्षा: इस कविता से बच्चे को आप कई जानकारियां दे सकती हैं जो इस उम्र में उनके लिए सीखना जरूरी है जैसे गोल शेप यानी आकृति के बारे में ज्ञान। इसके साथ ही आप धरती, चंद्रमा और दुनिया के बारे में उसे विस्तार से समझा सकती हैं। इस कविता को सुनने के बाद आपका बच्चा उन चीज़ों की ओर अवश्य आकर्षित होगा जिनका वर्णन इसमें किया गया है।
“धोबी आया धोबी आया,
कितने कपड़े लाया..?
एक, दो, तीन,
एक, दो, तीन….
धोबी आया धोबी आया,
कितने कपड़े लाया..?
चार, पांच, छे,
चार, पांच, छे….”
शिक्षा: बच्चे को इस चरण में गिनती सिखाने की कोशिश की जाती है और बच्चे को गिनती सिखाने के लिए इस कविता से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। इस कविता को आप अपने अनुसार बड़ा बना सकते हैं साथ ही अगर आप अंग्रेजी में गिनती सिखाना चाहें तो एक दो तीन की जगह वन, टू, थ्री कर लें। इस कविता से आप बच्चे को यह भी सीखा सकते हैं कि धोबी कौन होता है और वो हमारी किस तरह से मदद करता है।
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“चुन्नू मुन्नू थे दो भाई, रसगुल्ले पर हुई लड़ाई,
चुन्नू बोला मैं खाऊंगा, मुन्नू बोला मैं खाऊंगा,
झगड़ा सुन कर मम्मी आई,
दोनों को एक चपत लगाई.
आधा तू ले चुन्नू बेटा,आधा तू ले मुन्नू बेटा,
कभी न लड़ना – झगड़ना,
आपस में तुम मिलकर रहना”
शिक्षा: यह कविता बच्चों को आपस में प्रेम करने और भाईचारे का संदेश देती है। इस कविता (Kavita) के माध्यम से बच्चे यह जान पाएंगे कि हमें कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए और साथ ही चीज़ों को आपस में बाँटना चाहिए। इस कविता के माध्यम से बच्चे रिश्तों की अहमियत भी जानेंगे।
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“बारिश आई छम, छम, छम
बारिश आयी छम, छम, छम
लेकर छाता निकले हम
पैर फिसला गिर गये हम
ऊपर छाता नीचे हम”
शिक्षा: बारिश के मौसम पर बनी इस कविता को सुन कर और इस पर अभिनय करना हर बच्चे को पसंद आता है खास कर पैर फिसल कर गिरने वाला हिस्सा। इस बारिश से आप बच्चे को मौसमों की जानकारी दे सकते हैं खासकर बारिश के मौसम की।
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