माँ बनना हर औरत के लिए एक बहुत सुख का एहसास है, इस एहसास की कल्पना मात्र से ही एक औरत अपने आप को पूर्ण मानने लगती हैं। जब पता लगता हैं कि वह माँ बनने वाली है, तभी से उसको हर तरह की देखरेख की जरूरत हो जाती हैं। उसे अपने खाने-पीने से लेकर उठने-बैठने तक का ध्यान रखना होता हैं। गर्भधारण के नौ महीने के समय मे सभी औरत हर समय को एक नए अनुभव के साथ बिताती हैं।
सामान्य प्रसव बहुत अच्छा होता हैं, यह एक बार पीड़ादायक होता हैं। लेकिन यह माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। सामान्य प्रसव होने से बच्चा तंदरुस्त पैदा होता हैं। वह जब अपने माँ के गर्भ से बाहर निकलने के लिए अपने हाथ पाँव मारता हैं तो इससे उसका व्यायाम होता हैं। यह एक ऐसा अनुभव हैं जिसे हर औरत ताउम्र याद रखती है। कहा भी जाता हैं कि माँ बनना औरत के लिए दूसरे जन्म लेने के बराबर होता हैं।
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सामान्य प्रसव के लिए सबसे जरूरी हैं रोज़ व्यायाम करना। कुछ हल्के व्यायाम जैसे कि कोणआसन, वक्रासन, सुखभद्रासन कर सकते हैं लेकिन एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। सामान्य प्रसव के लिए टहलना बहुत ही जरूरी है, अपने रोज़ के कामकाज के अलावा मॉर्निंग वॉक जरूर करनी चाहिए, आप जितना टहलेंगी आपका बच्चा उतना ही एक्टिव होगा| इस समय मे आप जितना हिलडुल करेंगी वह शिशु के लिए उतना ही अच्छा हैं। इस समय मे लगातार खड़े नहीं रहना चाहिए इससे पाँव मे सूजन और दर्द हो जाता हैं।
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आपको अपने खान-पान का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर एक समान्य औरत को 1200 केलोरी की जरूरत हैं, तो गर्भवती महिला को प्रतिदिन 2400 केलोरी की जरूरत होती है। गर्भवती महिला को ब्रोकली जरूर खानी चाहिए, इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाईड्रेड, विटामिन ए और सी, आयरन और क्रोमियम पाया जाता हैं। गर्भवती महिला अगर ब्रोकली को अपने रोज़ के भोजन मे शामिल कर ले तो उन्हे बहुत सी बीमारियों और इन्फेक्शन से लड़ने मे सहायता मिलती हैं। गर्भवती महिला को ओस्टियोपोरोसिस होने का बहुत खतरा रहता हैं लेकिन इसके सेवन से यह खतरा कम हो जाता हैं। इसमे एंटी ऑक्सीडेंट भी पाया जाता हैं। पेट मे पल रहे शिशु के मस्तिष्क को भी यह मजबूत करता हैं।
पत्ते वाली हरी सब्जियों मे फोलिक एसिड पाया जाता हैं जो प्रजनन अंगो के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इसलिए प्रतिदिन किसी भी तरह से पालक, मेथी, मटर, मकई, फूल गोभी, शलगम, चुकुंदर जरूर खाने चाहिए। अपने खाने मे रेशा युक्त खाने को शामिल करना चाहिए।
अंकुरित अनाज को भी खाने मे शामिल करना चाहिए। अगर अनाज को अंकुरित करके खाया जाए तो उसकी पौष्टिक्ता 20 से 30% तक बढ़ जाती हैं। तूर की दाल मे फॉलिक एसिड होता है जो गर्भवती महिला के लिए बहुत जरूरी है। मूंग को अंकुरित करके सलाद बना कर खाने से पेट में पल रहे शिशु का दिमाग तेज़ होता हैं। इन सब चीजों के साथ-साथ फल भी जरूरी है। आम, अंगूर, केला, सेब, गाजर जैसे फल आप खा सकती है।
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प्रसव पीड़ा के समय खून की कमी नहीं होनी चाहिए इसके लिए नियमित खून की जांच करवाते रहना चाहिए। खून की कमी होने से शरीर मे कमजोरी हो जाती हैं जो कि शिशु और माँ दोनों के लिए ही अच्छा नहीं हैं।
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सामान्य प्रसव के लिए किसी अच्छी ट्रेनर से जो मालिश की बारीकियों को अच्छी तरह से जानती हो, जिसे यह मालूम हो कि सामान्य प्रसव के लिए गर्भवती महिला की कैसे मालिश हो, जिससे उसे आराम मिले वैसी महिला से मालिश करवाना बेहतर होता हैं। मालिश करवाते रहने से पैरों की सूजन भी कम होती हैं और बहुत राहत मिलती है।
गर्भावस्था के समय नींद पूरी लेनी चाहिए। नींद पूरी नहीं होने पर बच्चे के विकास पर असर पड़ता हैं। प्रेग्नेंसी के समय बाई करवट लेकर सोना चाहिए, बाई करवट लेकर सोने से बैलेन्स अच्छा बनता हैं और बच्चे के लिए लाभकारी भी होता हैं।
महिलाओ को इस समय मे जरा भी चिंता नहीं करनी चाहिए, ज्यादा चिंता करने से गर्भपात का डर बना रहता है। इस समय हमेशा खुश रहना चाहिए। मानसिक तनाव ज्यादा लेने से गर्भपात का भी डर रहता है। अगर खान-पान अच्छा होगा और नियमित टहलना होता रहेगा तो प्रसव सामान्य ही होगा। इसलिए जरा सा भी तनाव नहीं ले।
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पेट मे बच्चा एक थैली में रहता है, इस थैली को एमनियोटिक फ्लूड कहते है, इसी से बच्चों को ऊर्जा मिलती है। कम पानी पीने से गर्भवती महिला को प्रसव के समय काफी परेशानी हो जाती है। माँ के दूध के विकास मे भी पानी की महत्वपूर्ण भूमिका है, कम पानी पीने से कई बार दूध पूरा नही बन पाता है।
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दूध और दूध से बनी चीज़ों के सेवन से माँ और बच्चे दोनों में कैल्शियम की कमी दूर होती हैं। दाँतो और मांसपेशियों के विकास में कैल्शियम बहुत जरूरी हैं। सामान्य प्रसव की पीड़ा को सहने के लिए शरीर मे हर तरह के कैल्शियम और विटामिन का होना जरूरी हैं।
इस अवस्था मे एक अच्छे स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए, डॉक्टर को भी सामान्य प्रसव मे विश्वास होना चाहिए। ये बात तो सभी जानते हैं कि किसी भी तरह की परेशानी हो वह डॉक्टर से नहीं छुपानी चाहिए और मंथली चेकअप कराते रहना चाहिए।
इन सभी बातों को ध्यान मे रख कर अगर सही तरीके से व्यायाम, टहलना, खाना-पीना किया जाए तो सामान्य प्रसव मे कोई भी परेशानी नहीं होगी।
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