साबूदाने का प्रयोग भारतीय घरों में अक्सर व्रत के दौरान ही होता है। लेकिन बेहद हल्का होने के कारण इसे आप नाश्ते में या अपने नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए भी प्रयोग कर सकते हैं। इसे बनाना बेहद आसान होता है। साबूदाने दो प्रकार के मिलते हैं एक छोटे दाने और दूसरे बड़े दाने। साबूदाने कार्बस, विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। यह प्रोटीन और फाइबर का भी अहम स्त्रोत होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक कप साबूदाने में आपके दैनिक जरूरत की लगभग 45% तक के कार्बस मौजूद होते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं साबूदाने की खिचड़ी बनाने की रेसिपी (Sabudana Khichdi Recipe)। साबूदाना खिचड़ी रेसिपी (Sabudana Khichdi Recipe in Hindi) साबूदाने की खिचड़ी बनाने के लिए पहले साबूदाने को एक रात पहले या अगर छोटे दाने हैं तो कुछ देर के लिए पानी में भिगोकर रख दें। आप इसे बच्चों को भी आसानी से खिला सकती हैं।
साबुदाना खिचड़ी बनाने की साम्रगी (Ingredients for Sabudana Khichadi) साबुदाना एक पाव आलू, शिमला -हरा मिर्च गाजर, मटर लहसून,जीरा, सरसों के दानें , टमाटर नमक स्वादानुसार
साबुदाना खिचड़ी बनाने की विधि (Sabudana Khichdi Recipe for Kids in Hindi) साबुदाने को रात को भिगोकर सुबह उसका पानी निकाल दें। सारी सब्जियों को बारीक काट लें। पैन में तेल डालकर उसमें सरसों दाने डालकर भूनें फिर उसमें सब्जियां डाल दें। जब सब्जियां हल्की पक जाएं तो उसमें पानी, नमक और हल्दी डाल दें। जब सब्जियां पक जाएं तो उसमें टमाटर डाल दें। फिर इसमें साबुदाना मिलाकार ढ़क कर अच्छे से पका लें। आपकी साबुदाना खिचड़ी तैयार है। याद रखें कि अगर साबूदाने के दाने छोटे हैं तो इसे थोड़ी देर के लिए भिगोएं अगर बड़े दाने हैं तो आप रात भर भी इसको भिगो कर रख सकती हैं। अगर आप इसे खूद के लिए बना रही हैं तो इसमें मटर अथवा मूंगफली के भूने हए दानें डाले, इससे इसका स्वाद बेहतरीन हो जाएगा।
साबुदाना खिचड़ी के फायदें (Benefits of Sabudana Khichdi in Hindi) यह बच्चों को पचाने में आसान होती है। बच्चों का वजन बढ़ाने में मददगार होता है। यह प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत होता है। बच्चों में रक्त की कमी को भी साबूदाना सही करता है। हड्डियों को मजबूत बनाता है। आप इसे सभी प्रकार के मिनरल्स का एक मुख्य स्त्रोत मान सकते हैं। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। कार्बोहाइड्र्टेस से भरपूर होने के कारण इसे खाने के बाद भूख कम लगती है। फाइबर की अधिक मात्रा इसे पचाने में आसान बनाती है। प्रेगनेंसी के दौरान इसे खाने से बच्चे का विकास सही तरीके से होता है। ध्यान रखें कि साबुदान हमेशा सही हो। अगर इसकी डेट निकली यानि एक्सप्राई हो तो इसे ना लें।