अपने बच्चों का सुपरडैड बनने के लिए 10 टिप्स

अपने बच्चों का सुपरडैड बनने के लिए 10 टिप्स

एक मां की तरह पिता की जिम्मेदारियां भी अभिभावक बनने के बाद बढ़ जाती हैं। भारतीय समाज में अक्सतर पिता को एक कठोर छवि के साथ पेश किया जाता है। जब वह पिता बन जाता है तो अपने बच्चे के साथ अच्छे संबंध बनाना उनके जीवन का सबसे पुरस्कृत और परिपूर्ण कर देने वाला अनुभव होता है परंतु यह बिल्कुल नहीं है कि यह आसान है।

यदि आप भी चाहते हैं कि एक पिता होने के नाते आपके भी अपने बच्चों के साथ अच्छे संबंध और मधुर हो तो आइए जानते हैं यहां कुछ टिप्स (Relationship Tips for Father)।

पिता को अपने बच्चों के साथ अच्छे संबंध बनाने के 10 टिप्स (10 Tips to Develop Healthy Relationship Between Father and Kids in Hindi)

बच्चों की उम्र चाहे कितनी भी हो परंतु माता-पिता का दायित्व कभी खत्म नहीं होता। बच्चों के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए अच्छा और सकारात्मक माहौल देना अनिवार्य है ताकि बच्चों को भी लगे कि वह एक स्वतंत्र, कामयाब, आत्मविश्वास और वत्सल भरे वातावरण में विकसित हो सकते हैं।

 

#1. बच्चों को प्यार और दुलार देना सीखें

कहते हैं कि प्यार और दुलार दोनों सबसे अच्छी चीज है। बच्चों को देने के लिए और उनसे अच्छे संबंध बनाने के लिए आपका उन्हें प्यारा सा आलिंगन, थोड़ा सा प्रोत्साहन, प्यार भरा स्पर्श और एक हल्की सी मुस्कान काफी है। आप अपने बच्चों को प्यार से यह जताये कि वे आपके लिए कितने मूल्यवान हैं।

जब भी आपको मौका मिले आप उससे चुके नहीं। वात्सल्य लुटाने में आप उन्हें बिना शर्त के प्यार और दुलार करें। उन्हें यह बताएं कि यह आपके लिए कितने अनमोल और खास हैं। इससे उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और आपके प्रति प्यार भी।

 

#2. बच्चों की प्रशंसा करें 

माना जाता है कि मां ममता की मूरत होती है तो वही पिता को कठोर और सख्त माना जाता है परंतु बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए पिता को सख्त और थोड़ा कठोर होना भी पड़ता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने बच्चों से प्यार ही ना जताये। इसके लिए आपको जब भी मौका मिले आप उनकी प्रशंसा करें।

जब भी बच्चा कोई अच्छा काम करें जैसे अगर वे शौचालय का सही प्रयोग करते हैं या फिर अच्छे नंबर लाते हैं तो उनकी प्रशंसा जरूर करें। आप उनको शाबाशी दे और प्रशंसा करते हुए वाह वाही दें। इससे बच्चे के मन में भी सकारात्मकता उत्पन्न होगी और आप दोनों के संबंध अच्छे होंगे।

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#3. अपने बच्चे के साथ समय बिताएं 

आप चाहे नौकरी पेशा हो या फिर बिजनेसमैन परंतु आप रोजाना अपने बच्चे के लिए समय जरूर निकालें। आप रोज रात को उसके पास बैठ कर बातें करें। कुछ अपनी कहे कुछ उनकी सुने। उनके साथ रोजाना अपनी सारी बातें शेयर करें और उससे भी कहे कि वह अपनी दिन भर की सारी बातें आपको बताएं।

इससे बच्चे का आप पर विश्वास बढ़ेगा और वह आपसे हर बात शेयर करने लगेगा। अगर वह कुछ गलत बोलते हैं या करते हैं तो उन्हें समझाएं। आप रोजाना एक समय भी अपने बच्चे के लिए तैयार कर सकते हैं बात करने के लिए। इसलिए समय साथ बिताने से दोनों एक दूसरे को समझेंगे और आप दोनों के रिश्ते में मिठास और बढ़ जाएगी।

 

#4. दूसरे बच्चों से तुलना ना करें 

अगर आप हमेशा दूसरे बच्चों को अच्छा और अपने बच्चों को कम आकंते रहेंगे तो यह भी बहुत गलत होगा। आप कभी भी अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से ना करें बल्कि यदि आपके खुद के दो बच्चे हैं तो आप उनमे भी तुलना ना करें। दोनों को सामान समझे और हर काम के लिए समान ही मौका दें।

यदि 2 बच्चों में आपस में झगड़ा होता है तो एक का पक्ष कभी ना ले बल्कि निष्पक्ष निर्णय ले। यदि आप अपने बच्चों में हमेशा कमियां निकाल कर दूसरे बच्चों का अच्छा बताते रहेंगे तो वे आपसे दूर होते चले जायेंगे और आप दोनों के रिश्ते में खटास आ जाएगी।

 

#5. हमेशा डांटे नहीं 

पिता होने के नाते आप अपने बच्चों को हमेशा डांटते मत रहे चाहे गलती बच्चों की हो या नहीं। आप अपना सारा दिन का गुस्सा बस बच्चों पर निकाल दिया ऐसा भी मत करें। अगर आप किसी बात से परेशान है तो उन्हें प्यार से बताए ना कि सबके सामने। ऐसा करने से वह धीरे-धीरे आप से नफरत करने लगेंगे और आप से दूर चले जाएंगे।

आपको पता भी नहीं चलेगा कि ऐसे में बच्चे बड़े होकर गलत राह पकड़ लेते हैं जिसका खामियाजा आपको बाद में भरना पड़ेगा। यदि उन्हें समझाना है तो अकेले में समझाएं। इससे बच्चा आपको अपना दोस्त समझेगा और आप उसके रोल मॉडल बन जाएंगे।

 

#6. बाहर घुमाने लेकर जाएं

जब भी आपको मौका मिले या आपकी छुट्टी हो तो आप उसे बेकार ना जाने दे। उस दिन का पूरा-पूरा फायदा उठाएं और परिवार के साथ छुट्टी मनाने जाए। चाहे तो आप पार्क जाए या पिकनिक पर जाएं।

पार्क जाकर अपने बच्चों के साथ खेले। वहां उनके साथ पूरा समय बिताएं, ढेर सारी बातें करें, छोटी-छोटी बातें समझाएं कि क्या सही है और क्या गलत, सब बताएं और अगर वह आपसे कुछ पूछते हैं तो आप उन्हें धीरे से सुने और उनका जवाब दें।

यदि आप उनको ध्यान से सुनते हैं तो वे भी आपको ध्यान से सुनेंगे। इससे भी आपके और बच्चे के रिश्ते में मधुरता का आगमन होगा।

 

#7. बच्चों के खास पलों में उपस्थित रहे 

आप अपने कामों में काफी व्यस्त हो सकते हो परंतु आप अपने बच्चों के जीवन के खास पलों में हमेशा उनके लिए समय निकालें जैसे कि अगर बच्चों का स्कूल में कोई प्रोग्राम है तो आप उस समय वहां जरूर उपस्थित रहे। आपके बच्चे के वह खास पल जो उसकी जिंदगी में है आप भी उन्हें अपनी जिंदगी के खास पल बना ले।

अगर आप बच्चों की हर बार नजरअंदाज करते रहे तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि कब आप के बच्चे बड़े हो गए और आप से दूर होते चले गए। इसका आपको जीवन भर अफसोस रहेगा कि आपके बच्चे के स्कूल का पहला दिन और आपने उसे मिस कर दिया। जरूरी नहीं है कि हर बार संभव हो परंतु आप कोशिश जरूर करें और खास पलों में तो अवश्य शामिल रहे।

 

#8. उनकी पढ़ाई, दोस्तों और गतिविधियों में शामिल रहे 

आप जितना समय अपने बच्चे को देंगे उतना ही आपका और आपके बच्चों का रिश्ता मजबूत होगा। आप अगर अपने बच्चों की हर छोटी-छोटी गतिविधियों में शामिल होंगे, उतना ही आप एक अच्छे पिता साबित होंगे। आपके बच्चे आप पर विश्वास करने लगेंगे, फिर चाहे बात पढ़ाई की हो, उनके साथ समय बिताने की हो या फिर उनके दोस्तों को जानने की हो।

आप चाहें तो बच्चों के स्कूल के शिक्षकों के साथ भी टच में रह सकते हैं और उसकी स्कूल की छोटी-छोटी गतिविधियों में आप अपनी हिस्सेदारी दे सकते हैं।

 

#9. अपने बच्चों का विश्वास जीते 

विश्वास हर रिश्ते की एक ऐसी चीज़ होती है जो रिश्ते को मजबूत बनाती है। आपको अपने बच्चों के लिए भरोसेमंद बनना चाहिए ताकि आपका बच्चा आपके साथ मन की बात करे और उसे कोई भी समस्या हो तो वह आपसे कहने में झिझके नही। आपको अपने बच्चों का भरोसा जीतने में थोड़ा समय लग सकता है परंतु अगर आप अपने बच्चों के साथ किए हुए वादे याद रखेंगे तो वह आप पर विश्वास करेंगे।

 

#10. अपने बच्चों को सम्मान दें

छोटे बच्चे हमेशा हर चीज में एक्टिव रहते हैं परंतु उनको उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए किसी की जरूरत होती है। इसलिए आप एक पिता होने के नाते उनका हौसला बढ़ाएं और उनका उत्साह कम ना होने दें। ऐसे में अगर आप उन्हें डांटते रहेंगे तो उनका उत्साह कम होने लगता है। इसलिए आप हमेशा उन्हें प्रोत्साहित करें और अपने बच्चों के साथ अपना रिश्ता और मजबूत बनाएं।

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