मैं ऋचा चौधरी, 5 साल के बेटे की माँ हूं और ये है मेरी कहानी है जिसमें ब्रेस्ट पंप ने मुझे बिना अपने बेटे को ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाए काम पर जाने में मदद की। मैं शुरू से ही अपने करियर को लेकर बहुत सजग थी और पूरी प्रेगनेंसी के टाइम मैंने ऑफिस जाना नहीं छोड़ा। हालाँकि मैं मानती हूँ कि मेरी प्रेगनेंसी कई महिलाओं की प्रेगनेंसी से काफी आसान थी क्योंकि ना मुझे मूड स्विंग्स की कोई दिक्कत हुई, और ना ही शरीर पर सूजन, उल्टी या बहुत ज्यादा क्रेविंग्स की ही समस्या आई।
सीधे शब्दों में कहूँ तो मेरी प्रेगनेंसी काफी आसान थी और मैंने अपना काम पूरी तरह एन्जॉय किया। इसके पीछे एक और बड़ा कारण था कि मेरे ऑफिस में 4-5 और महिलाएं भी प्रेग्नेंट थी और ऑफिस मेरे लिए एक प्रेगनेंसी क्लब जैसा हो गया था,जहाँ हम एक दूसरे के साथ ना सिर्फ अपनी समस्याएं बल्कि खाना, नोट्स और अपनी फीलिंग्स भी शेयर करते थे।
मैं अपनी पूरी प्रेगनेंसी के दौरान काफी अलर्ट रही। मैंने प्रेगनेंसी पर बहुत सारी बुक्स पढ़ी और गूगल तो मानो मेरा दोस्त ही बन गया था। इन्टरनेट पर अपने प्रेगनेंसी से जुड़ी रिसर्च सेशन में एक बार मुझे ब्रेस्ट पंप के बारे में जानने का मौका मिला। उस समय इन्टरनेट पर ब्रेस्टफीडिंग या ब्रेस्ट मिल्क के बारे में ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं थी। कहीं ना कहीं माँ और बच्चे दोनों के लिए ब्रेस्टफीडिंग के कुछ फायदे मैं जानती थी पर इसके कितने ज्यादा फायदे हैं इसका मुझे अंदाजा नहीं था।
मैं हमेशा से ही अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाना चाहती थी, क्योंकि मुझे लगता था कि ये एक माँ और बच्चे के बीच जुड़ाव का सबसे प्राकृतिक तरीका है। फिर भी ब्रेस्टफीडिंग को लेकर मेरे काफी सवाल और चिंताएं भी थी ,जो मैंने डॉक्टर के साथ भी शेयर की।
जैसे कि क्या होगा अगर मेरा बच्चा दूध नहीं पी पाया, या मेरे स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध ना बन पाया,या फिर निप्पल के आसपास सूजन वगैरह होने पर मैं बच्चे को दूध ना पिला पाई तो? मैं अक्सर बैठे-बैठे सोचती थी कि बच्चा ऐसे कैसे अपने आप दूध पीना सीख जाता है? कैसे मेरा शरीर दूध बनाना शुरु कर देगा? ये बच्चे और मेरे दोनों के लिए ही तो एक नया एक्सपीरियंस है।
मैंने खुद को इन सवालों के लिए तैयार किया और इसी बीच मैंने पहले ही ब्रेस्ट पंप खरीद लिया था। ब्रेस्ट पंप के होने से कभी भी मुझे ये सोच कर परेशान होने की जरुरत नहीं पड़ी कि मेरा बच्चा भूखा रहेगा। मेरे आसपास ना होने पर भी ब्रेस्ट पंप से स्टोर किया गया दूध कोई भी मेरे बच्चे को पिला सकता है।
मेरे बेटे के 8 महीने के होने के बाद मैंने दुबारा काम पर जाना शुरू कर दिया था। हालाँकि मैंने ब्रेस्ट पंप खरीदते हुए कभी ये नहीं सोचा कि काम पर जाने के समय जब ब्रेस्ट फीडिंग का समय इधर-उधर होगा तो ये काम आएगा, बल्कि मैंने ब्रेस्ट पंप अपनी सहूलियत के लिए खरीदा और पूरी मैटरनिटी लीव के दौरान भी मैंने इसका इस्तेमाल किया। अगर सही कहूं तो मैंने अपने बेटे को ब्रेस्टफीड से ज्यादा ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करवाया।
जब मैंने ब्रेस्ट पंप खरीदा तो मैंने किसी और की नहीं सिर्फ खुद की सुनी। मैं जानती थी कि मेरे लिए क्या सही है? मैंने महसूस किया है कि चाहे एक प्रेग्नेंट औरत को कितनी ही सलाहें मिले आखिरी में वो सिर्फ अपने दिल की सुनती है और वही करती है जो उसके और उसके बच्चे के लिए सही है। मेरे ब्रेस्ट पंप इस्तेमाल करने के 3 मुख्य कारण थे-
ब्रेस्ट पंप सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि मेरे बेटे के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ। ब्रेस्टफीडिंग के जरिये कभी भी यह पता नहीं लगता है कि बच्चे ने कितना दूध पीया और बच्चे का पेट भरा है या नहीं, पर ब्रेस्ट पंप के साथ आप कितनी मात्रा में बच्चे को दूध पिला रहे हैं इसका पता लगता है। मैंने देखा है कि छोटे बच्चे रात को भूख लगने के कारण रोकर उठते हैं पर मेरे बेटे के साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। हम खुद ही उसे उठा कर जितना जरुरी था उतना दूध पिलाते थे, क्योंकि मुझे पहले से जानकारी रहती थी कि इसने कितना दूध पीया है।
मैं अपने ऑफिस में भी ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल करती थी, लेकिन मैं ज्यादातर इससे बचने की कोशिश करती थी। हालाँकि ऑफिस काफी साफ सुथरी जगह है पर फिर भी मुझे यहां पंप करना पूरी तरह हाईजिनिक नहीं लगता था। मेरा घर ऑफिस के बहुत पास होने के कारण मैं ब्रेक के दौरान घर जाकर दूध पंप कर वापिस आ जाती थी। ऑफिस में भी फ्रिज की सुविधा थी पर कॉमन फ्रिज होने के कारण ये मुझे ज्यादा सही विकल्प नहीं लगा।
मेरी माने तो ब्रेस्ट पंप उन महिलायों के लिए वरदान है जो डिलीवरी के बाद काम जारी रखना चाहती हैं। हालाँकि मेरा घर ऑफिस से पास होने के कारण मुझे कभी भी ज्यादा मात्रा में दूध स्टोर नहीं करना पड़ा पर फिर भी मुझे ब्रेस्ट पंप इस्तेमाल करने का कभी अपराधबोध नहीं हुआ और मेरे बेटे के 1 साल के होते ही मैंने ब्रेस्टफीडिंग बंद कर दिया। जैसा कि मैंने कहा कि पहले ब्रेस्टफीडिंग को लेकर इतनी जागरूकता नहीं थी, वरना मैं भी बच्चे को लंबे समय तक ब्रेस्ट फीड करवाना चाहती थी।
बहुत सी महिलाओं को लगता है कि ब्रेस्ट पंप इस्तेमाल करना बहुत मुश्किल और पीड़ादायक है इसलिए वो इसके इस्तेमाल से झिझकती हैं। पर यकीन माने ऐसा बिलकुल नहीं है। ब्रेस्ट पंप इस्तेमाल करने में किसी भी तरह का दर्द नहीं होता, और एक बार आदत पड़ने पर यह फटाफट हो जाता है। इसे आप स्तनपान की तरह ही मानें। एक बार पंप करने में करीब आधे घंटे तक का समय लग सकता है। इसलिए इसे बेहद आसान भी नहीं कह सकते और ना ही एकदम कठिन।
बस हर एक पम्पिंग सेशन के बाद आपको पंप को स्टेरीलाइस कर क्लीन करने की जरुरत है। पंप कर दूध स्टोर कर आप आसानी से बाहर जा सकती है, सो सकती हैं, पब्लिक जगह पर बच्चे को दूध पिला सकती हैं। सार्वजनिक स्थलों या बस आदि में बच्चे को स्तनपान कराना काफी सजग होता है हालांकि ब्रेस्ट पंप से स्टोर किए गए दूध ने मेरी इस परेशानी का जड़ से सुलझाने का कार्य किया।
बहुत सी महिलाओं को लगता है कि जब ब्रेस्ट फीडिंग में कोई समस्या ही नहीं तो इतनी महंगी चीजों पर क्यों पैसा खर्च किया जाए। तो शायद वो महिलाएं LuvLap के ब्रेस्ट पंप के बारे में नहीं जानती हैं जो आपको मदद करने के साथ ही आपके बजट में भी आता है। और इसे इस्तेमाल करने के बाद आप कितनी शांति महसूस करने वाली हैं इसका तो अनुभव इस्तेमाल के बाद ही पता चलेगा।
मैंने खुद ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल किया है और इस नाते मैं तो बाकि माँओं को भी इसे इस्तेमाल करने की सलाह जरुर दूंगी। और हां यह जरूर कहना चाहूंगी कि जब आप प्रेगनेंसी में इतनी सारी नई चीजें करती हैं तो एक बार ब्रेस्ट पंप भी ट्राई करके देखिए।
(साभारः LuvLap)
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