क्या आप एक माँ के अपने बच्चे को सार्वजनिक स्तनपान (Public Breastfeeding) करवाने का समर्थन करते हैं? सार्वजनिक स्तनपान एक ऐसा विषय है जिसे लेकर हर मां काफी सजग और सतर्क रहती हैं। आपने भी कई बार यह महसूस किया होगा कि जब आपको बच्चे के साथ कहीं बाहर जाना होता है और अगर आपका बच्चा बोतल से दूध नहीं पीता तो आपकी सबसे बड़ी चिंता इसी बात की होती है कि आप उसे बाहर कैसे दूध पिलाएंगी? बस में, मेट्रो में, पार्क में, या मंदिर आदि में वैसे तो कई जगह होती हैं जहां आप आराम से बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं। लेकिन समाज में आज भी बाहर सार्वजनिक स्थान पर स्तनपान कराना बेहद अपमानजनक माना जाता है। जबकि यह एक प्राकृतिक कृत्य है। क्या आप बाहर ठेले से खाना नहीं खाते, क्या आप अपना लंच पार्क या बर्गर मेट्रो में नहीं खाते। भूख लगती है तो हम जगह का ख्याल ना करते हुए आराम से खाते हैं, फिर क्यों किसी मासूम की भूख को शांत कराने के लिए जब कोई मां उसे दूध पिलाती है तो हम उसे जज करते है? सार्वजनिक स्तनपान को लेकर क्यों हमारी सोच रूढ़ीवादी हो जाती है? क्यों हम पब्लिक ब्रेस्टफीडिंग (Public Breastfeeding) को गलत समझते हैं? अगर हमें बदलाव लाना है तो उसकी शुरुआत हमें आज से और खुद से करनी होगी। आगे से अगर आपके आसपास कोई मां अपने बच्चे को स्तनपान कराए तो इसपर किसी प्रकार की कोई टिप्पणी या हरकत ना करें ताकि वह मां खुद को सहज महसूस करें। अगर आपके आसपास कोई इसे गलत बताएं तो उसे समझाएं कि सार्वजनिक स्तनपान कराना कोई बुरी बात नहीं बल्कि यह बेहद सामान्य चीज है। जैसे हमें भूख लगती है और हम कहीं भी खाना खा सकते हैं वैसे ही एक बच्चे और मां का भी यह अधिकार होना चाहिए कि वह कहीं भी स्तनपान करा सके।