शिशु की त्वचा बेहद नाज़ुक होती है, यही कारण है कि शिशु कि देखभाल के लिए माता-पिता हर संभव प्रयास करते हैं। शिशु के दूध से लेकर साबुन तक और उसके खिलौनों से लेकर डायपर तक हर चीज़ को सोच समझ कर खरीदा जाता है ताकि शिशु को कोई परेशानी न हो। अगर बात डायपर की करें तो बाजार में कई प्रकार के विकल्प मौजूद हैं। पहले अधिकांश लोग कपड़े के डाइपर्स का प्रयोग करते थे लेकिन अब उनकी जगह डिस्पोजेबल डायपर (Disposable Diapers) ने ले ली है। घर के बड़े-बुजुगों को आप आज भी यही कहते हुए सुन सकते हैं कि कपड़े के डाइपर्स का प्रयोग करना बेहतरीन है किंतु आजकल की पीढ़ी बाजार में मिलने वाले डाइपर्स का प्रयोग करना चाहती है। अब विवाद का विषय यह है कि बच्चे के लिए कौन से डाइपर्स बेहतर हैं- बाजार में मिलने वाले डिस्पोजेबल डायपर या बरसों से प्रयोग होने वाले कपड़े के डायपर। आईये जानते हैं दोनों डायपर्स के क्या फायदे या नुकसान हैं (Pro and con of Disposable Vs Cloth Diaper)।
डिस्पोजेबल या कपड़े वाले डायपर में से कौन सा है बेहतर ( Pro and con of Disposable Vs Cloth Diaper in Hindi)
#1. शिशु की त्वचा के लिए बेहतरीन (Cloth Diaper is Best for Baby's Skin)
कपड़े वाले डायपर का प्रयोग हमारे घरों से सदियों से किया जा रहा है। जब बच्चा जन्म लेता है, उस समय इन्हें घर पर सिला जाता है। आमतौर पर इन्हे बनाने के लिए कॉटन के कपड़े का प्रयोग किया जाता है। आजकल बाज़ार में भी यह डायपर बने-बनाये मिल जाते हैं। कॉटन के होने के कारण यह बेहद मुलायम होते हैं और शिशु की कोमल त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते जबकि डिस्पोजेबल डाइपर शिशु की त्वचा के लिए थोड़े
कठोर हो सकते हैं और नुकसानदायक भी होते हैं।
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#2. लम्बे समय तक उपयोगी (Long time useful)
कपड़े वाले डायपर (Cloth Diaperss) को लम्बे समय तक प्रयोग में लाया जा सकता है। अगर शिशु इसमें पेशाब या पॉटी करता है तो इसे तुरंत धो दिया जाता है और सूखा कर इसका दोबारा से प्रयोग किया जा सकता है यही नहीं इसका प्रयोग दूसरा शिशु भी कर सकता है जबकि डिस्पोजेबल डायपर को केवल एक बार प्रयोग किया जा सकता है। शिशु के तीन या चार बार पेशाब करने के बाद यह भारी हो जाता है और इसके बाद इसको बदलना जरूरी हो जाता है। पॉटी करने पर तो इसे तुरंत बदल दिया जाता है।
#3. किफायती (Disposable Vs Cloth Diaper: Economical)
कपड़े के डायपर एक सस्ता उपाय है क्योंकि इन्हें बनाने में केवल कपड़े का प्रयोग होता है जो बाज़ार में आसानी से मिल जाता है। बार-बार प्रयोग में लाने से यह जेब पर हल्का पड़ता है। दूसरी तरफ डिस्पोजेबल डायपर जेब पर भारी पड़ सकते हैं। इन्हें बार-बार बदलना पड़ता है। इसलिए इन्हें एक साथ अधिक मात्रा में खरीदना पड़ता हैं जिससे पैसे भी अधिक खर्च करने पड़ते हैं।
#4. मुलायम (Disposable Vs Cloth Diaper: Soft)
कपड़े वाले डायपर में किसी प्रकार के केमिकल नहीं होते जिसके कारण यह शिशु की त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं। मुलायम होने के कारण इनसे कोई रेशेस नहीं होते। डिस्पोजेबल डायपर में केमिकल होते हैं जिनसे बच्चों की त्वचा में रेशेस हो सकते हैं और त्वचा को नुकसान हो सकता है।
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#5. सुविधाजनक (Disposable Vs Cloth Diaper: Comfortable)
कपड़े वाले डायपर का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इन्हे बार-बार साफ करना पड़ता है जिससे असुविधा हो सकती है। इसके अलावा इनमें सोखने की क्षमता कम होती है। अगर शिशु एक बार पेशाब कर देता है तो इसे बदलना और धोना पड़ता है यही नहीं इसे पहन कर शिशु का पेशाब या पॉटी इस डायपर से निकल कर बाहर फैल सकता है। जबकि डिस्पोजेबल डायपर में सोखने की क्षमता अधिक होती है। बच्चा तीन से चार बार इसमें पेशाब कर सकता है। जैसे ही वो भारी हो जाए उसे उतार कर फेंक दें और नया डायपर प्रयोग में लाएं। यह अधिक सुविधाजनक होता है। लम्बे समय तक बाहर रहना हो तो इससे बेहतर कुछ नहीं।
#6. समय की बचत (Disposable Vs Cloth Diaper: Saving time)
कपड़े वाले डायपर को बार-बार बदलना और धोना पड़ता है जिसके कारण मेहनत अधिक लगती है और समय भी बर्बाद होता है जबकि डिस्पोजेबल डायपर को बदल कर शिशु को दूसरा पहनाना होता है जो बहुत ही आसान है।
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#7. पर्यावरण के लिए नुकसानदायक (Harmful to the environment)
सिंथेटिक फेब्रिक के बने होने के कारण डिस्पोजेबल डायपर पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होते हैं जबकि कपड़े के डायपर को सूती कपड़ों से बनाया जाता है जो पर्यावरण के लिए बिलकुल भी हानिकारक नहीं हैं।
#8. कम कपड़ों की आवश्यकता (Less cloths required)
डिस्पोजेबल डायपर के कारण बच्चा कम कपड़े गन्दा करता है। अगर लम्बे समय तक घर से बाहर जाना हो या किसी फंक्शन आदि में जाना हो तो कपड़े के डायपर का प्रयोग करना न केवल माँ बल्कि बच्चे के लिए भी असुविधाजनक होगा ऐसे में डिस्पोजेबल डायपर एक बेहतरीन उपाय है। सर्दी के मौसम में कपड़े सुखना मुश्किल हो जाता है इसलिए इसमें भी डिस्पोजेबल डायपर अच्छा विकल्प है। रात को अगर बच्चा कपड़े के डायपर पहन कर सोयेगा तो बार-बार डायपर के गीले होने पर उसकी नींद ख़राब होगी तो वो चिड़चिड़ा हो जाएगा और उसकी नींद पूरी नहीं होगी लेकिन डिस्पोजेबल डायपर एक बार रात को पहना दें तो सुबह तक बच्चा आराम की नींद सो सकता है। इससे न केवल बच्चे को बल्कि माँ को भी पूरा आराम मिलेगा।
#9. फिटिंग (Fitting)
डिस्पोजेबल डायपर आपके बच्चे के वजन और उम्र के अनुसार उसकी फिटिंग के मिल जाएंगे जिससे कुछ भी लीक नहीं होगा जबकि कपड़े के डायपर में ऐसी कोई सुविधा नहीं मिल सकती। आमतौर पर एक बार इन्हे बना दिया जाता है और फिर तब तक प्रयोग किया जाता है जब तक बच्चा बड़ा नहीं हो जाता। वैसे आजकल बाजार में कई प्रकार के कपड़े के डायपर मिल जाते हैं लेकिन फिटिंग के हिसाब से डिस्पोजेबल डायपर ही अच्छे हैं।
#10. पॉटी ट्रेनिंग (Potty Training)
कुछ माता-पिता का यह मानना है कि कपड़े के डायपर के प्रयोग से बच्चे को पॉटी की ट्रेनिंग देना अधिक आसान होता है क्योंकि बच्चा कपड़े में अधिक आरामदायक होता है जिसके कारण वो आसानी से इन कपड़ों में पेशाब या पॉटी कर देता है जबकि डिस्पोजेबल डायपर के मामले में ऐसा नहीं होता।
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अब आप आसानी से दोनों प्रकार के डायपर के नुकसान और फायदों (Pro and Con of Disposable Vs Cloth Diaper) को जान चुकें हैं। दोनों ही डायपर के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। जहाँ कपड़े वाले डायपर (Cloth Diaper) सस्ते होते हैं, उनमें कोई केमिकल नहीं होते और इनका प्रयोग बार बार किया जा सकता है वही डिस्पोजेबल डायपर में सोखने की क्षमता बेहतर होती है, इनके प्रयोग से समय की बचत होती है और बच्चा भी आराम महसूस करता है। गर्मी के मौसम में अगर शिशु को घर पर ही रहना है तो उस समय आप उसे कपड़े वाला डायपर पहना सकती हैं लेकिन अगर आपको कहीं बाहर जाना है या सर्दी का मौसम है तो आप डिस्पोजेबल डायपर (Disposable Diaper) का ही प्रयोग करें। बाकि माता-पिता होने के नाते आप अच्छे से जानते हैं कि आपको अपने बच्चे के लिए क्या चुनना है।
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