एड्स से बचने के पांच आसान तरीके

एड्स से बचने के पांच आसान तरीके

एड्स (AIDS) को एक लाइलाज बीमारी माना जाता है। सामान्य भाषा में समझे तो यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को लगभग खत्म कर देता है जिससे बार-बार सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियां होने लगती हैं। एड्स से बचाव का एकमात्र तरीका है जानकारी और सतर्कता। तो आइयें एड्स से बचाव के तरीके (HIV AIDS Se Bachne ke Tarike) के कुछ तरीके जानें।

 

एड्स क्या है (What is AIDS)

एड्स उन भयानक रोगों में से एक है जिसके उपचार या बचाव का कोई टीका अभी तक मौजूद नहीं हैं। एड्स (AIDS ) (Acquired Immune Deficiency syndrome) का पूरा मतलब होता है उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण। एड्स एचआईवी (HIV) यानी “मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु” के कारण होता है।

जब यह विषाणु किसी को प्रभावित करता है तो उसके कारण मनुष्य की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। यह विषाणु मनुष्य के खून में मौजूद टी कोशिकाओं और मस्ति‍ष्‍क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। यह टी कोशिकाएं शरीर को रोगों से बचाती है लेकिन इनके प्रभावित होने से मनुष्य कुछ समय में इतना कमजोर हो जाता है कि उसका शरीर आम रोगों से भी नहीं बच पाता। इस तरह से मनुष्य का शरीर कई तरह से इन्फेक्शन्स और बीमारियों का शिकार होने लगता।

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अगर कोई व्यक्ति एच.आई.वी. संक्रमित (HIV Positive) है तो यह आवश्यक नहीं कि उसे एड्स हो। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सभी एचआईवी संक्रमित लोगों को एड्स नहीं होता लेकिन एचआईवी संक्रमित व्यक्ति डॉक्टर की सलाह, दवाईयों और संतुलित लाइफस्टाइल से सामान्य जीवन जी सकता है।

संक्रमित (Infected) व्यक्ति में एड्स के लक्षणों का विकास संक्रमण के 6 महीने से लेकर 10 साल तक में हो सकता है। लक्षण विकसित होने तक व्यक्ति सामान्यतः स्वस्थ दिखाई देता है पर उसके संपर्क में आने वालों को वह संक्रमित कर सकता है।

एड्स अभी तक लाइलाज है और 1981 से लेकर अभी तक पूरी दुनिया में इसके कारण लगभग तीस करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है। अभी एड्स से बचना ही इसका उपचार है। जानिए एड्स के बचाव के कुछ तरीके (Prevention of HIV AIDS)।

 

एड्स के बचाव के उपाय (5 Tips for Prevention of HIV AIDS in Hindi)

#1. असुरक्षित यौन सम्बन्ध (Avoid Unsafe Sexual Relationship)
एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति से यौन सम्पर्क बनाने से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। एड्स से बचने के लिए केवल अपने साथी के साथ ही यौन सम्बन्ध बनाएं और यौन सम्बन्ध बनाते हुए हमेशा कंडोम का प्रयोग करें। अगर आप किसी केजूअल या वन नाइट स्टैंड जैसी स्थिति में है तो कंडोम के बिना कभी भी रिस्क ना लें।

आपको नहीं पता होगा कि सामने वाले को कोई बीमारी है या नहीं। शादी से पहले अगर एचआईवी की जांच करवा सकें तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। प्रोस्टिट्यूशन या सेक्स वर्क्स से दूर रहना ही बेहतर है।

 

#2. संक्रमित सिरिंज या सुई (Syringe or Needle)
संक्रमित सुईयों का प्रयोग भी एचआईवी (HIV Positive) को आमंत्रण देता है। अगली बार जब भी आप डॉक्टर के पास इंजेक्शन लगवाने जाएं तो सबसे पहले नई सुई का इस्तेमाल करने को कहें। आजकल अधिकांश डॉक्टर एक बार इस्तेमाल होने वाली सीरिंज ही इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन फिर भी कई बार जल्दबाजी या झोलाछाप डॉक्टर एक ही सुई का बार-बार प्रयोग कर देते हैं। इससे बचना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जो व्यक्ति नशे के आदि होते हैं और सिरिंज एवं सूई का प्रयोग करते हैं, उनके द्वारा प्रयोग में लायी सुई का प्रयोग कभी न करें क्योंकि इससे भी एड्स होने की संभावना कई गुना अधिक बढ़ जाती है।

 

#3. संक्रमित खून (Infected Blood)
संक्रमित खून शरीर में जाने से भी एड्स हो सकता है। अगर कभी खून की आवश्यकता हो तो उसके प्रयोग से पहले उस खून की पूरी जाँच हो जानी चाहिए कि कहीं वो खून संक्रमित तो नहीं। कभी भी संक्रमित खून को दूसरे व्यक्ति के शरीर में नहीं चढ़ाना चाहिए। अगर आप एच.आई.वी संक्रमित है या आपको एड्स (AIDS) है तो आप कभी भी रक्तदान न करें।

 

#4. माता/पिता के द्वारा (Infected Mother / Father)
अगर माता या पिता एच.आई.वी. संक्रमित हैं या उन्हें एड्स है तो उनके बच्चे के भी एच.आई.वी. संक्रमित होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

अगर स्त्री एड्स से पीड़ित है तो उसे कभी भी गर्भधारण नहीं करना चाहिए क्योंकि यह शिशु में संक्रमण का कारण बन सकता है। माँ को एड्स है या नहीं इसके लिए प्रसव के समय माँ का एड्स का टेस्ट कराया जाता है। यह टेस्ट अवश्य कराना चाहिए।

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#5. पुराने ब्लेड का प्रयोग (Use of Old Blades)
एड्स से बचने के लिए दाढ़ी बनाते समय हमेशा नए ब्लेड का प्रयोग करें। अगर आप घर पर दाढ़ी बना रहे हैं या बाहर नाई से बनवा रहे हैं, दूसरों की दाढ़ी बनाने के लिए प्रयोग में लाये गए ब्लेड का प्रयोग कभी न करें इससे एड्स की संभावना बढ़ जाती है।

घर पर भी एक दूसरे के रेज़र इस्तेमाल ना करें, अगर घर में अधिक सदस्य हैं तो सबके अलग-अलग रेजर होने चाहिए। सैलून में जाते हैं तो नाई को पहले कह दें कि ब्लेड बदल लें।

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एचआईवी संक्रमण का पता केवल टेस्ट के द्वारा चल सकता है। किसी व्यक्ति को देखकर आप यह नहीं पता लगा सकते हैं कि वह एड्स से पीड़ित है या नहीं। अगर आपने कभी भी किसी संक्रमित सुई, खून या अनसेफ सेक्स किया है तो एक बार एचआईवी टेस्ट अवश्य करा लेना चाहिए।

एड्स को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कोई दवाई या टीका नहीं है, हालाँकि कुछ दवाईयां हैं जो एड्स के वायरस को कुछ हद तक कम कर सकती हैं या इसको बढ़ने से रोकने की अवधि बढ़ा सकती है लेकिन यह पूरी तरह से यह खत्म नहीं हो सकता इसलिए सावधान रहने में ही बचाव है।

 

एड्स की दवाईयां और टेस्ट सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है। इसके अलावा यह भी जान लें कि एड्स एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, साथ खाने पीने या अन्य चीज़ों के उपयोग से भी यह रोग नहीं फैलता।

किसी मच्छर के काटने की वजह से भी एड्स नहीं फैलता। याद रखें एड्स से बचाव ही एड्स का बेहतर इलाज है।

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