आज के समय में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं 30 की उम्र के बाद भी मां बनती है। आपको पहले बच्चा ना होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे कि आप पहले या तो आर्थिक रूप से स्थिर होना चाहती हो या फिर प्रेगनेंसी से पहले अपने कुछ लक्ष्यों को पूरा करना चाहती हो।
इसके कुछ भी कारण हो सकते हैं परंतु 35 की उम्र के बाद मां बनने के लिए कई दुविधाओ का सामना करना पड़ता है। तो आइए जानते हैं ऐसी कुछ सावधानियों के बारे में जो आपको 35 के बाद मां बनने से पहले (Pregnancy After 35) सोच लेनी चाहिए।
जब एक महिला 30 की उम्र से पार हो जाती है तो यह उम्र गर्भावस्था के लिए सही उम्र नहीं मानी जाती है क्योंकि इसमें बहुत सारे खतरे होते हैं, जैसे कि:
जो अंडे महिला अपनी पूरी जिंदगी इस्तेमाल करती है वह उसे अपने जन्म के समय ही अपनी मां से मिल जाते हैं। जब आपकी उम्र बड़ी होने लगती है तो उन अंडों की गुणवत्ता भी गिरने लगती है और उनका आकार भी छोटा होने लगता है। इसलिए उस उम्र में गर्भवती होने की संभावना बहुत कम होती हैं।
पुरुषों में भी देर से बच्चा करने के नुकसान होते हैं जैसे वीर्य का कम होना, वीर्य की गतिशीलता कम होना और उसकी मात्रा का कम होना इत्यादि। इसलिए ज्यादा उम्र होने के बाद बच्चा करना जोखिमभरा हो सकता है। इसका एक बड़ा जोखिम यही है कि 35 की उम्र के बाद गर्भवती होने की संभावना 54% तक कम हो जाती है।
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35 के बाद बच्चा करने से उसमें आनुवांशिक विकार भी आ सकते है। शोध यह बताते है कि जो महिलाएं 25 साल के पास हैं उन 1064 महिलाओं में से एक महिला के भ्रूण में डेवलपिंग डाउन सिंड्रोम की संभावना होती हैं व जैसे ही वे 35 की उम्र की होने लगती है तब इसकी संभावना एक से बढ़कर 240 महिलाओं तक हो जाती हैं।
इससे गुणसूत्रों के आपस में जुड़े होने पर भी असर पड़ता है। जो माता-पिता बड़ी उम्र के हो जाते हैं वे शिशु में आनुवांशिक विकारों के कारण बनते हैं।
जैसा कि हमने बताया जब महिला ज्यादा उम्र की हो जाती है तब उसके अंडे की गुणवत्ता कम हो जाती है। इसलिए इस उम्र में गर्भवती होने का सबसे बड़ा खतरा यह होता है कि आपका गर्भपात भी हो सकता है।
अध्ययनों में भी यही कहा गया है कि जब महिला 20 से 24 की उम्र में होती है तब गर्भपात का खतरा 8.9 % तक होता है और यही खतरा 75% तक बढ़ जाता है जब महिला 45 साल की हो जाती है।
जो महिला 35 की उम्र की हो जाती है उनमें मरे हुए शिशु (Still Birth) को जन्म देने की संभावना दुगुनी हो जाती हैं। इसलिए डॉक्टर भी इस उम्र में बच्चा करने के लिए मना करते हैं और अगर आपका 35 की उम्र में पहला बच्चा हो रहा है तो यह खतरा और ज्यादा हो जाता है।
35 की उम्र के बाद गर्भवती होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और जटिलताएं बढ़ जाती हैं। अगर आप अपने पति से उम्र में बड़ी है तो आपको प्लेसेंटा प्रिविया, गर्भकालीन मधुमेह, समय से पहले जन्म, शिशु का वजन कम या ज्यादा होना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस उम्र में आपको ज्यादातर आपातकालीन सिजेरियन प्रसव की ही सलाह दी जाएगी जिससे कि मुसीबते कम हो।
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ऐसी बहुत सारी महिलाएं होती है जो 35 की उम्र के बाद भी बच्चे करती हैं। आप गर्भावस्था के खतरे को कैसे कम कर सकती हैं? आइए जानते हैं:
35 की उम्र वाली महिलाओं से जन्में बच्चे की स्वस्थ होने की संभावना काफी कम हो जाती है। इस उम्र में गेस्टेशनल डायबिटीज और हाइरपटेंशन का स्तर काफी हद तक बढ़ जाता है।
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हालांकि डॉक़्टर की सही सलाह व अपनी सेहत का ध्यान रख कर आप इस उम्र में भी मातृत्व को हासिल कर सकती हैं। अगर आप देर से प्रेगनेंट होने पर विचार कर रही हैं तो आपको निम्न बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिएः
डॉक्टर की सलाह लेंः
गर्भाधान से पहले आप स्वस्थ हैं यह सुनिश्चित करने के लिए अपने डॉक्टर से चेकअप कराएं। डॉक्टर से यह सुनिश्चित करें कि आपकी गर्भावस्था बिना किसी परेशानी के रहेगी। अगर कोई आपको कोई बीमारी है तो इसके बारें में डॉक्टर को अवश्य बताएं विशेषकर डायबिटीज, बीपी, हाइपरटेंशन, अस्थमा आदि।
प्रेगनेंसी से पहले अपना पूरा चेकअप अवश्य कराएं। इससे गर्भावस्था के दौरान होने वाली कठिनाइयों से आप बच सकती हैं। इसके अलावा प्रेगनेंसी से पहले आवश्यक टीकाकरण और दवाओं के बारे में भी बात करें। टीकाकरण आपको कुछ बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है।
प्रेगनेंसी से पहले अपना वजन कंट्रोल में रखें। यदि आपका वजन अधिक है या बहुत कम वजन है, तो आपको गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य समस्याएं होने की अधिक संभावना है। गर्भवती होने से पहले एक स्वस्थ वजन पाने के लिए स्वस्थ भोजन खाएं और एक्टिव लाइफ स्टाइल अपनाएं।
35 की आयु में मां बनना हो या इससे पहले स्वस्थ व संतुलित आहार हर समय आवश्यक होता है। इस दौरान आप खूब सारे फल और सब्जी, साबुत अनाज, बीन्स, लीन मीट और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद चुनें। फोलिक एसिड की पूर्ति के लिए पत्तेदार हरी सब्जियां, सूखे बीन्स, राजमा और कुछ खट्टे फलों को भी आहार में शामिल करें।
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