गर्भावस्था के समय 11 ऐसे संकेत जब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए

गर्भावस्था के समय 11 ऐसे संकेत जब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को भावनात्मक और शारीरिक चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान ऐसे कई पल आते हैं जब आपको सतर्कता से काम लेना चाहिए। अगर आपको कुछ भी अजीबो गरीब लगे या असामान्य लक्षण दिखें तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे संकेत जिन्हें गर्भावस्था के दौरान आपको अनदेखा ना करके तुरंत डॉक्टर (pregnancy mein doctor ko kab bulana chaiye) को दिखाना चाहिए। प्रेगनेंसी में कब डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिएः

  • ज्यादा खून बहने पर
  • असामान्य सर दर्द
  • तेज बुखार
  • पेशाब करने में बहुत ज्यादा दर्द
  • बच्चे की गति या किक को महसूस ना कर पाने
  • आंखों के आगे धुंधलापन छाने
  • शरीर व चेहरे पर एकाएक सूजन आने पर
  • बहुत ज्यादा वेजाइनल डिस्चार्ज होने पर

 

11 ऐसे संकेत जो गर्भावस्था के दौरान तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए (11 Sign When to Call Your Doctor During Pregnancy in Hindi)

 

1. खून का ज्यादा बहना (Heavy Bleeding or Spotting)

गर्भावस्था के दौरान जब ब्लीडिंग ज्यादा होने लगती है तो आपको डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। वेजाइनल ब्लीडिंग से गर्भपात, अस्थानिक गर्भावस्था, प्लेसेंटा प्रेविया आदि जैसी स्थिति आ सकती है। आपको ऐसी स्थिति को अनदेखा नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। दाग लगने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे कि:

  • संक्रमण- कुछ महिलाओं में सर्विकल ब्लीडिंग होती है जो कि इन्फेक्शन के कारण होता है। ऐसे में डॉक्टर को दिखाना सही रहता है।
  • सबक्रॉनिक हैमोरेज- ऐसा तब होता है जब ब्लीडिंग प्लेसेंटा के पास होती है और इसके कारणवश प्री टर्म लेबर होता है।
  • असामान्य ग्रोथ- प्लेसेंटा की असामान्य ग्रोथ होने से या फिर गर्भाशय के असामान्य होने से भी यह दिक्कत आ सकती है जिसे मोलर प्रेगनेंसी कहते हैं।

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2. असामान्य सर दर्द (Abnormal Headaches)

जब आप गर्भ धारण करती हैं और उस समय आपके सर में दर्द रहता हो, खास करके जिसमें आपको चक्कर आते हो या फिर धुंधला दिखने लग जाता हो, ऐसे सर दर्द होने पर आपको अनदेखा नहीं करना चाहिए बल्कि आपको अपना ध्यान रखना चाहिए। जब आपको सर दर्द के साथ साथ यह संकेत भी नजर आए तब आपको अपने डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। कुछ संकेत:

  • जब आपसे बोला नहीं जा रहा हो या आपके हाथ और पांव में झुनझुनी सी हो रही हो।
  • जब आपके पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो रहा हो।
  • जब आपका अपने यूरिन पर कंट्रोल नहीं रहता हो।
  • जब आपका वजन एकदम से बढ़ जाता है या फिर हाथ और पैर बुत दर्द करने लगते हैं।

 

3. पेशाब करने में दर्द होना (Painful Urination)

गर्भावस्था के दौरान पेशाब ज्यादा आता है परंतु अगर इसमें दर्द या जलन होने लगे तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यह मूत्राशय में संक्रमण के कारण हो सकता है। वैसे तो मूत्राशय का संक्रमण बहुत आम है लेकिन इसमें मेडिकल केयर की जरूरत होती है। इस संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिए, कॉटन की अंडरवियर पहने और टाइट लेगिंग्स को पहनने से बचे। इस संक्रमण के कारण बच्चों का जन्म के समय वजन कम हो सकता है और प्री टर्म लेबर का कारण भी बन सकता है।

 

4. पेल्विक क्षेत्र में बहुत अधिक दर्द (Severe Attacks Of Pelvic Pain)

गर्भावस्था के दौरान सिर्फ आपके अस्थिबंध ही स्ट्रेच नहीं होते बल्कि वह आपके ऑर्गनस को भी अंदर शिफ्ट कर देता है ताकि गर्भाशय के लिए भी जगह बन सके। पेल्विक पेन इस समय आम है। कभी-कभी इस दर्द की वजह से खून आना, ऐंठन आ सकती है। पेल्विक पेन के कई अन्य कारण भी है जैसे कि ओवेरियस सिस्ट का बढ़ना, निचले हिस्से में दर्द, बच्चे के वजन से बढ़ता प्रेशर, कब्जी होना, यूटीआई आदि। परंतु अगर यह दर्द लंबे समय के लिए ना हो इसके लिए डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।

 

5. तेज बुखार (Chills Or High Fever)

गर्भावस्था के दौरान बुखार होने से आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर का तापमान 98.3 डिग्री से लेकर 100 डिग्री फारेनहाइट तक होना चाहिए। अगर प्रेगनेंसी में 100 डिग्री से ज्यादा बुखार है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

 

6. योनि स्राव का ज्यादा होना (Heavy Vaginal Discharge)

योनी स्राव या वेजाइनल डिस्चार्ज को ल्यूकोरिया कहा जाता है और यह गर्भावस्था के दौरान होता है। गर्भावस्था के 37वे हफ्ते में अगर वेजाइनल डिस्चार्ज बहुत ज्यादा हो रहा हो तो यह प्री टर्म लेबर की ओर इशारा करता है जिसे प्री टर्म पीआरओएम भी कहा जाता है। पी. आर. ओ. एम. का मतलब है प्रीमेच्योर रूप्चर ऑफ मेंब्रेन (Premature Rupture Of Membranes)। ऐसा तब होता है जब आपके मेंब्रेनस जो कि एमनीओटिक फ्लूइड से घिरे हुए होते हैं वे समय से पहले ही टूट जाते हैं। इसका एक संकेत यह है कि जब यह तरल पदार्थ आपकी योनि से बाहर आता है।

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7. भ्रूण की कम गतिविधि होना (Reduced Fetal Movement)

आपके पेट में भ्रूण की गतिविधियाँ तब-तब होती है जब आपका बच्चा कोई मूवमेंट कर रहा हो या लात मार रहा हो। बहुत से डाक्टर यह सलाह देते हैं कि आप रोजाना, शिशु कितनी बार लात मार रहा है यह गिनना चाहिए और अगर किसी दिन आपका शिशु आवश्यकता से कम गतिविधियाँ कर रहा है या लात नही मार रहा हैं तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर 16 से 18 घंटे तक आपको बच्चे की मूवमेंट ना दिखें तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

 

8. भूख कम लगना (Loss Of Appetite)

गर्भावस्था के दौरान अक्सर आपकी भूख खत्म हो जाती है और आपको हर समय उल्टी जैसा महसूस होता है परंतु आपके लिए उस समय पोषक तत्वों की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। अगर आप ज्यादा देर तक भूखी रहेंगी तो इसका आपके स्वास्थ्य पर और आपके शिशु के विकास पर बहुत असर पड़ेगा। इसलिए अगर आपको भूख कम लगती है तो आपको अपने डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।

 

9. धुंधला दिखना (Blurry Vision)

आपके चेहरे की ज्यादा सूजन से या ज्यादा रक्तचाप से आपको देखने में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में आपको डॉक्टर के इलाज की जरूरत पड़ सकती है। धुंधला दिखने से आपके सिर में भी दर्द हो सकता है। डॉक्टर के पास जाने से आप इस समस्या का जल्दी और सुरक्षित निवारण कर सकती हैं।

 

10. शरीर के अंगों और चेहरे का सूजना (Sudden Swelling Of Limbs And Face)

अगर आपके शरीर के अंग सूज रहे हैं तो यह शरीर में पानी की कमी को दर्शाते हैं। इस स्थिति को प्रीकलैंपसिया (Preclampsia) कहते हैं जो कि महिलाओं में गर्भावस्था के 20 हफ्ते बाद होता है। प्रीकलैंपसिया में रक्त कोशिकाएं आपके लीवर, किडनी, दिमाग आदि में दब जाते हैं। यह बड़ी रक्त कोशिकाओं में बदल जाते है जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या भी आ सकती है। ऐसा होने पर आपको डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए।

 

11. गर्भावस्था के दौरान गिर जाना (Any Fall During Pregnancy)

अगर आप गर्भावस्था के दौरान कहीं पर भी गिर जाती हैं तो ऐसे में आपको बैठना नही चाहिए और ना ही आपको यह अनदेखा करना चाहिए बल्कि आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। अगर आप पेट के बल गिरती है चाहे आपको कोई चोट ना लगे परंतु शिशु को चोट लग सकती है। इस समय आपको और आपके बच्चे को ज्यादा सावधानी की आवश्यकता होती है।

 

यह कुछ सामान्य परिस्थितियां थी जब आपको डॉक्टर (doctor) के पास जाना चाहिए। प्रेगनेंसी में कभी भी देशी दवाइयों या घरेलू उपायों पर ज्यादा फोकस ना करें। एक गर्भवती होने के नाते आप पर दो जानों का दायित्व होता है इसलिए इस समय किसी भी तरह का जोखिम ना लें। हो सके तो अपने गायनो का नंबर स्पीड डायल में रखें या नजदीकी अस्पताल के संपर्क में रहें।

 

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