गर्भावस्था के दौरान किडनी में पथरी होने से बहुत सारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और यह महिला के लिए बहुत दर्द का कारण भी बन सकता है। पथरी का दर्द एक बच्चे को जन्म देने के दर्द के बराबर होता है। आज के दौर में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की किडनी में पथरी (Kidney Mein Stone) होना ज्यादा हो गया है और इससे छुटकारा और निदान पाना बहुत कठिन सा हो गया है।
नोटः जैसे ही आपको पता चले कि आपकी किडनी में पथरी है तो सबसे पहली चीज यही होनी चाहिए कि आप अपने डॉक्टर को दिखाएं।
यह किडनी में पथरी होने का एक आम कारण है फिर चाहे महिला गर्भवती हो या ना हो। तरल का अपर्याप्त होने से पेशाब में जरूरी पोषक तत्व जैसे कि कैल्शियम और फास्फोरस बन जाते हैं। इसके कारण ही किडनी में पथरी बन जाती है।
आनुवांशिक कारण से भी महिला में गर्भावस्था के दौरान पथरी हो सकती है। कई परिवारों के सदस्यों में हाइपर्कैल्सीयूरिया होता है जिससे उनके पेशाब में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे परिवार की महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान किडनी में पथरी होना लाजमी हो जाता है।
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कैल्शियम का ज्यादा सेवन करने से भी पथरी की संभावना बढ़ जाती है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को ज्यादा कैल्शियम लेने को कहा जाता है। ज्यादा कैल्शियम से किडनी पर प्रेशर आता है जिससे क्रिस्टल डेवलपमेंट होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का शरीर कैल्शियम को ज्यादा सोखता है जो कि शिशु के बढ़ते विकास के कारण होता है और महिला में किडनी की पथरी का कारण बनता है।
जिन लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संवेदनशीलता होती है उन्हें किडनी में पथरी का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उनकी आँतों में जलन होने लगती है जिससे किडनी में कैल्शियम इकट्ठा होने लगता है जिसके कारण उनकी किडनी में क्रिस्टल या फिर पथरी बन जाती है।
यह किडनी में पथरी का सबसे पहला संकेत होता है और जब पथरी धीरे-धीरे पेशाब की नली तक पहुंचती है तब महिला के गर्भाशय में बहुत ज्यादा दर्द होता है। यहां तक कि जब पेशाब करने जाती है तब उसे बहुत ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है।
किडनी में पथरी के होने पर महिला को पेशाब करते समय वहां से खून आने की भी समस्या होती हैं।
यह गर्भावस्था के दौरान सामान्य होता है लेकिन पथरी की समस्या होने पर आपको जी मचलने या उल्टी आने की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है।
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गर्भावस्था का समय एक महिला के लिए एक बहुत ही नाजुक समय होता है और यदि उसमें महिला की किडनी में पथरी हो जाए तो यह एक बहुत बड़ा चिंता का विषय बन जाता है। शिशु को कोई खतरा ना हो यह देखते हुए महिला के दर्द को कम किया जा सकता है। इस समय महिला की किडनी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उसे हटाना भी कोई सही चुनाव नहीं है।
यदि गर्भवती महिला अपने गर्भाशय मे दर्द महसूस करती है तो उसे सबसे पहले अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए ना कि घर पर ही कोई पेनकिलर लेनी चाहिए। अस्पताल में महिला के दर्द को नियंत्रित किया जाता है और उसे तरल पदार्थ दिये जाते है क्योंकि पथरी के दर्द के कारण महिला को उल्टियां आने लगती है जिससे उसके शरीर में पानी की कमी आ जाती है।
डॉक्टर महिला को ऐसी दवा देते हैं जिससे शिशु को कोई नुकसान ना पहुंचे। अगर महिला में कुछ संक्रमण के निशान देखे जा रहे हैं तो उसे तुरंत एंटीबायोटिक देनी चाहिए। डॉक्टर ऐसी एंटीबायोटिक चुनेंगे जो शिशु को भी कोई नुकसान ना पहुंचाएं।
अगर डॉक्टर सर्जरी करने के लिए कहते हैं तो नीचे दी गई प्रक्रिया में से सर्जरी होगी:
एक पतली ट्यूब जैसे आकार का टेलीस्कोप महिला के मूत्र वाहिनी के जरिए मूत्राशय तक पहुंचाया जाता है। इस प्रोसेस से किडनी की पथरी को हटाया जा सकता है। यह तरीका ज्यादातर डॉक्टर अपनाते हैं क्योंकि इसमें जटिलता की संभावना कम होती हैं।
यह तरीका महिला को कुछ समय तक के लिए किडनी के दर से आराम दे सकता है। इसमें एक खाली सॉफ्ट ट्यूब मूत्र वाहिनी के अंदर रखी जाती हैं जिससे कि सारा पेशाब बाहर निकल जाता है और महिला को आराम मिलता है। यह स्टेंट एक अस्थाई तरीका है जो कि पथरी के इलाज का, जब तक कि महिला का प्रसव नहीं हो जाता यह तब तक के लिए दर्द को टाल देता है। यह हर दो-तीन महीने में बदला जाता है।
इसमें आपकी त्वचा के जरिए किडनी में एक छोटी ट्यूब रखी जाती है। यह किडनी को विस पीड़न करने में मदद करता है। ऐसा करने से दर्द से आराम मिलता है परंतु यह प्रक्रिया पथरी को खत्म नहीं कर सकता लेकिन दर्द को कम कर सकता है।
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#1. आपकी डाइट में कुछ बदलाव करने से पथरी को खत्म किया जा सकता है। इससे किडनी में छोटी-छोटी पथरी के टुकड़े खत्म हो सकते हैं और यह भी सुनिश्चित होगा कि भविष्य में कभी भी किडनी में पथरी नहीं होगी। परंतु आपको इसके साथ-साथ डॉक्टर की भी सलाह जरूर लेनी चाहिए खास करके अगर आप गर्भवती हो तो।
#2. आप जितना हो सके उतना पानी और अन्य तरल पदार्थ को पीए। यह आपके पेशाब में पोषक तत्वों और नमक को घुलने में मदद करेगा। ऐसा करने से पथरी के छोटे-छोटे टुकड़े आप की मूत्र वाहिनी से निकल जाएंगे।
#3. आपको ऐसे फलों का सेवन करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा हो जैसे तरबूज, आडू, सेब और बैरीस इत्यादि।
#4. आप चाहे तो नींबू का रस भी पी सकती हैं क्योंकि नींबू में प्राकृतिक साइट्रेट होता है जो कि किडनी में पथरी को खत्म करने में मदद करता है। आप बिना चीनी और नमक का नींबू पानी पिए।
जैसे ही आपको पता चले कि आपकी किडनी में पथरी है तो सबसे पहली चीज यही होनी चाहिए कि आप अपने डॉक्टर को दिखाएं। आप इसका इलाज घर पर ही ना करें, इसका मतलब यह है कि आप अपने आप घर पर ही कोई पेन किलर या अन्य दवा ना लें। इससे आपको और आपके अजन्मे शिशु दोनों को नुकसान हो सकता है।
किडनी में पथरी का दर्द बहुत दर्दनाक होता है और खास करके जब आप गर्भवती हो। इससे बहुत सारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में डॉक्टर ही आपकी अच्छी तरह से मदद कर सकते हैं।
अगर बच्चे को फिर भी तकलीफ हो रही है तो आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि नवजात शिशु मुंह से बोलकर हमें नहीं बता सकते कि उन्हें क्या तकलीफ हो रही हैं| इसलिए आराम ना मिलने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
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