गर्भावस्था का समय हर महिला के लिए एक सुखद एहसास जैसा होता हैं| अगर आप भी गर्भवती हैं तो आपको भी ढेरों सलाह मिलती होगी कि यह खाओ या ये मत खाओ और आपका मन करता हैं आपके पसंदीदा खाने का लेकिन इस समय के दौरान आप किसी भी महीने में खाने में लापरवाही नहीं कर सकती| प्रेगनेंसी के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए (pregnancy mein kya nahi khana) यह हर स्त्री को पता होना चाहिए।
सुंदर, स्वस्थ व तंदरुस्त बच्चा पैदा करने के लिए महिला को काफी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं जैसे कि गर्भवती महिला क्या खाए और क्या न खाएं क्योंकि इस दौरान मां जो भी खाती हैं उसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता हैं| इसलिए गर्भवती महिला के भोजन में पौष्टिक तत्व होने चाहिए जिससे बच्चा स्वस्थ व तंदरुस्त पैदा हो|
हमें एक बात और ध्यान रखनी चाहिए कि मां जो खा रही हैं वह मां और बच्चे दोनों के लिए हैं इसलिए प्रेगनेंसी में औरतों को विशेष डाइट लेनी चाहिए जिसमें फल, सब्जियां व दूसरे खाद्य पदार्थ संतुलित मात्रा में लेने चाहिए। गर्भावस्था में मां का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे मां और बच्चे के बीमार होने की आशंका बढ़ जाती हैं| इसलिए गर्भवती महिला को क्या-क्या नहीं खाना चाहिए (Pregnancy mein kya nahi khana chaiye) आइए जानते हैं।
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कई बार शुरुआती दिनों में आप ऐसी चीजों का सेवन करती है जिससे गर्भपात होने का डर बना रहता है। जिनमें विटामिन सी की मात्रा अधिक हो, उन पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिला के लिए ऐसी चीजें जो उनके लिए वर्जित हैं, आइए जानते हैं:
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गर्भवती महिलाओं को कच्चे दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। वैसे तो दूध प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता हैं और इसके कारण बहुत फायदा भी होता है। परंतु कच्चे दूध का सेवन करने से पेट से संबंधित परेशानी हो जाती हैं जो कि गर्भवती महिला के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए महिला को दूध उबाल कर और उसे छानकर पीना चाहिए। फ्रिज से निकले ठंडे दूध का भी बिना एक दम से सेवन नहीं करना चाहिए।
कटहल का सेवन भी गर्भवती महिला के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। कटहल एक सब्जी हैं और इसमें भी विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है। यदि आप इसका सेवन करती हैं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। गर्भवती महिला के लिए बैंगन भी नुकसानदायक है हालांकि कभी-कभार बहुत कम मात्रा में इसे खा सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को बासी और फ्रिज में रखे ठंडे खाने का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके कारण आपको भोजन पचाने में समस्या हो सकती है। साथ ही बासी भोजन सेहत के लिए हानिकारक होता है। खासकर अंडे का सेवन तो आपको बिल्कुल नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था में आपको संतुलित, ताजा व पोष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था में जितना हो सके आप को चाय या कॉफी का सेवन कम से कम करना चाहिए क्योंकि इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है। कई महिलाएं सारा दिन थोड़े-थोड़े समय के बाद चाय का सेवन करती हैं। इसके कारण गैस की समस्या हो सकती हैं और साथ ही इसके कारण पेशाब भी ज्यादा आता है। खाली पेट तो चाय का सेवन कभी नहीं करना चाहिए। जब भी इसका सेवन करें तो कुछ ना कुछ साथ अवश्य खाएं।
गर्भवती महिला को हमेशा पौष्टिक व कम मसाले वाला भोजन ही खाना चाहिए। यदि आप ज्यादा मात्रा में तले हुए या मसालेदार भोजन का सेवन करती हैं तो कई बार इसे पचाने में व इसमे कई मिनरल्स की कमी होने के कारण गैस व एसिडिटी जैसी समस्या हो जाती हैं।
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नशीले पदार्थों के सेवन से भी गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर बहुत बुरा असर पड़ता हैं। यदि आप एल्कोहल या धुम्रपान करती हैं तो गर्भावस्था के समय जितना हो सके इस से दूरी बनाकर रखें।
इलायची की तासीर गर्म होती हैं व इसके सेवन से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता हैं। दिन के समय एक-दो बार आप इसकी चाय का सेवन कर सकती है परंतु ज्यादा मात्रा में नहीं। साथ ही जितना हो सके रात के समय इसके सेवन से परहेज करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान जिन चीजों की तासीर गर्म होती हैं उनके सेवन से परहेज करना चाहिए। जैसे कि ज्यादा मात्रा में सूखे मेवे, गुड़ आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान महिला के साथ कोई न कोई समस्या लगी रहती हैं। कभी पीठ दर्द, कभी उल्टी तो कभी पेट दर्द, ऐसे में इनसे निजात पाने के लिए महिला को बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए आपको कभी भी किसी भी परेशानी का अनुभव हो तो डॉक्टर की लिखी हुई दवाई ही ले।
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पपीता एक ऐसा फल है जिसे डॉक्टर बड़ी सख्ती से मना करते हैं। क्योंकि पपीता प्रेग्नेंसी रोकने के उपाय के रूप में किया जाता है। पपीता खाने से प्रसव समय से पहले हो जाता है। जिससे गर्भपात होने की समस्या ज्यादा बढ़ जाती हैं। पपीते में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है और इसकी तासीर भी गर्म होती है। पपीता के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को फलों में अनन्नास और अंगूर भी नहीं खाना चाहिए। क्योंकि अनन्नास में भी विटामिन सी ज्यादा होता है और अंगूर की तासीर भी ज्यादा गर्म होती है। इसलिए इनसे भी गर्भपात का खतरा बना रहता है। इसलिए यह तीनों फल नहीं खाने चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान ऐसी मछलियां खाने से बचना चाहिए जिसमें मर्करी की मात्रा अधिक हो। मर्करी की अधिक मात्रा लीवर, नर्वस सिस्टम व इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है। इसके अलावा सप्ताह में एक या दो बार से अधिक मछली खाने से भी परहेज करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान कच्चा, बासी, अधपका मीट भी नहीं खाना चाहिए। ऐसा मीट शरीर में वायरस और जानलेवा किटाणुओं को पहुंचा सकता है। कच्चा या अधपका मीट खाने से डायरिया भी हो सकता है।
कच्चे अंडे में मौजूद सेल्मोनेल्ला (Salmonella) नामक किटाणु के कारण गर्भवती महिलाओं को पेट दर्द या डायरिया हो सकता है। इसके कारण प्रीमेच्यौर डिलीवरी का भी खतरा रहता है।
प्रेगनेंसी के दौरान जंक फूड खाने से वजन एकदम से बढ़ सकता है। जंक फूड एकदम से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ा देता है, इस वजह से प्रेगनेंसी में जंक फूड खाना बीपी को भी एकदम से बढ़ा सकता है।
गर्भावस्था किसी भी महिला की जिंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा होता हैं| इसलिए गर्भवती महिलाओं को खाने में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि एक स्वस्थ माँ के गर्भ में ही एक स्वस्थ बच्चा निवास करता है|
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