बच्चों को डायबिटीज से दूर रखने के लिए सबसे पहले डायबिटीज के लक्षणों को जानना आवश्यक है। लक्षण देखने के बाद तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। बच्चों को डायबिटीज से बचाने के उपाय (Precautions for Diabetes in Kids) निम्न हैंः
इसे अवश्य पढ़ेंः Symptoms of Diabetes in Hindi
जिन बच्चों को मधुमेह (Madhumeh) की शिकायत होती है उन्हें भोजन समय पर करना चाहिए और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। ऐसे बच्चों को बार-बार भूख लगती है जिससे वह जंक फूड की तरफ आकर्षित होते हैं। ऐसे में यह माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि वह बच्चों को फास्ट फूड एवं जंक फूड से दूर रखें।
मधुमेह से बचने के लिए उन्हें रोजाना सैर करनी चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम भी करना चाहिए। अगर शरीर एक्टिव होगा तो शुगर की मात्रा नियंत्रित रहेगी। बच्चों के लिए डायबिटीज (Diabetes in Kids) के दौरान एक्टिव रहना और भी जरूरी होती है अन्यथा उनमें वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
बच्चों को सही पोषण देना बहुत जरूरी है। कोशिश करें कि आप उन्हें हर थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाने को दें। टाइप 2 मधुमेह के बच्चों को रिफाइंड, कार्बोहाइड्रेट्स और शुगर का सेवन कम से कम करना चाहिए। इसके स्थान पर उन्हें हॉल ग्रेन या मल्टी ग्रेन ब्रेड, नेचुरल शुगर आदि का सेवन करना चाहिए।
अगर बच्चे को मधुमेह है तो कोशिश करें कि बच्चे को मिठाई, सफेद रोटी, पेस्ट्री आदि का सेवन कम कराएं क्योंकि यह आहार बच्चों में मोटापा लाते हैं जिससे टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) का शिकार होने का डर रहता है।
हां अगर कभी एकदम से शुगर लेवल (Sugar Level) कम हो जाता है तो बच्चे के पास हमेशा कैंडी रखें और समझाएं इसे केवल शुगर कम होने या चक्कर आदि आने की स्थिति में ही खाना है।
Also Read: Food Items that Increase Obesity in Kids
मधुमेह के रोग में शरीर में इंसूलिन की पूर्ति होना बहुत जरूरी होता है। इसलिए समय पर इंसूलिन लेना जरूरी हो जाता है। इंसूलिन की मात्रा भी घटती बढ़ती रहती है। इसलिए समय-समय पर ब्लड शुगर (Blood Sugar) चेक करवाते रहना चाहिए।
बच्चों के शुगर लेवल को हर दिन चेक करें।अगर आप घर पर ही शुगर टेस्ट किट लाकर उसका प्रयोग करना शुरु करें तो ज्यादा बेहतर होगा। बच्चों के शुगर लेवल का चार्ट आपको उसकी बीमारी के बारें में समझ को भी बढ़ाएगा। साथ ही यह आपको यह प्लान करने में मदद करेगा कि बच्चे को कब इंसूलिन देना है या कब उसके शरीर में शुगर कम हो रहा है।
अगर आपके बच्चे को डायबिटीज है और वह स्कूल जाता है तो सबसे पहले उसके टीचर्स को इसकी जानकारी दें। कई बार ऐसे बच्चों की तबियत स्कूल में एकदम से बिगड़ने लगती है ऐसे में टीचर को पता होना चाहिए उन्हें क्या करना है। बच्चे को अगर इंसूलिन के इंजेक्शन लगते हैं तो कोशिश करें कि बच्चे के बैग में एक डोज हमेशा रखा हो।
Also Read: Stomach Infection in Hindi
अगर बच्चा स्कूल में हो या कहीं बाहर जा रहा हो तो उसके साथ उसकी मेडिकल किट अवश्य साथ रखेंं। कुछ कैंडीज, ग्लूकॉज बिस्कुट, दवाइयां, जूस, एक बुकलेट आदि को इकठ्ठा कर आप इमरजेंसी किट बना सकती हैं।
अक्सर बच्चों को मधुमेह (Madhumeh) होने पर उनका वजन बढ़ने लगता है जिससे यह समस्या बद से बदत्तर बन जाती है। इसके अलावा अतिरिक्त वजन भी मधुमेह का एक कारण होता है इसलिए अपने बच्चे के वजन पर हमेशा नजर रखें। अगर वह एक तय सीमा से अधिक बढ़ रहा हो तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें और बच्चे की डाइट पर विशेष ध्यान दें।
मधुमेह से पीड़ित बच्चों को आपके प्रोत्साहन की विशेष आवश्यकता होती है। उन्हें बाहर घूमने, शारीरिक श्रम करने, सही आहार लेने, दवाइयों को समय पर खाने आदि के लिए प्रोत्साहित करें।
कई बार बच्चे अपने बढ़े हुए वजन के कारण आत्मग्लानि महसूस करते हैं ऐसे में आपका स्पोर्ट उनके लिए काफी महत्व रखता है।
यह कुछ ऐसे उपाय और तरीके (Precautions for Diabetes in Kids) थे जो मधुमेह से पीड़ित बच्चों के माता-पिता को अवश्य पता होने चाहिए।
बच्चों में मधुमेह आज बेशक काफी आम हो गया है लेकिन थोड़ी-सी सावधानी से आप अपने बच्चे को इस बीमारी की जद से निकाल सकते हैं। मधुमेह में परहेज काफी महत्वपूर्ण होता है, इसका आपको अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
Also Read: Allergy in Kids
क्या आप एक माँ के रूप में अन्य माताओं से शब्दों या तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभव बांटना चाहती हैं? अगर हाँ, तो माताओं के संयुक्त संगठन का हिस्सा बने| यहाँ क्लिक करें और हम आपसे संपर्क करेंगे|
null