मासिक धर्म यानी पीरियड महिलाओं के लिए कोई नया नाम नहीं है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसका हर महीने आना महिला के स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है। नियमित रूप से मासिक धर्म आना महिला के स्वस्थ होने का प्रतीक है लेकिन अधिकतर महिलाएं कई बार अनियमित पीरियड (Irregular Periods) का सामना करती हैं।
अनियमित मासिक धर्म कई अन्य समस्याओं का भी कारण बनता है। पीरियड अगर नियमित रूप से न हो तो कई बार रोजाना के कार्य करने भी मुश्किल हो जाता है। अनियमित पीरियड का अर्थ है पीरियड का निश्चित समय से जल्दी या देर से आना (periods der se aane ke karan) और यह समस्या कई महिलाओं को होती है। सबसे पहले जानिये मासिक धर्म के देरी से आना (period sahi time par nahi aana) क्या होता है।
सामान्य तौर पर मासिक धर्म का चक्कर अठाइस से तीस दिनों का होता है लेकिन अगर आपके पीरियड इस अवधि से देरी से आते हैं तो उन्हें अनियमित या पीरियड्स समय पर ना आना (masik dharma time par na aana) कहा जाता है। ऐसा होना महिलाओं के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से परेशानी भरा हो सकता है।
इसके पीछे भी कई कारण होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि इस समस्या से निजात नहीं पायी जा सकती। मासिक धर्म के देर से आने के कारण व उपाय हम आज आपके लिए लेकर आएं हैं।
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महिला का अधिक वजन होना महिला के मासिक धर्म में देरी का एक मुख्य कारण है। ऐसे में अपने मोटापे पर नियंत्रण रखें। इसका एक अन्य कारण थायराइड भी हो सकता है। थायराइड के कारण वजन बढ़ता है, यही नहीं इसके कारण हार्मोन्स के लेवल भी असंतुलित हो जाते है।
अगर ऐसा है तो डॉक्टर की सलाह के बाद इसका इलाज करें। वजन के कम होने के कारण भी पीरियड में देरी हो सकती है
हमारे शरीर के साथ-साथ पीरियड पर भी हमारे खाने-पीने का प्रभाव पड़ता है। हमारा लाइफस्टाइल कैसा है इसका भी मासिक धर्म पर प्रभाव पड़ता है। इसके कारण पीरियड देरी से आते हैं।
इसके लिए एक स्वस्थ लाइफस्टाइल का पालन करें और इसके साथ ही हेल्थी खाना खाएं। अधिक चीनी, नमक, कैफीन और जंक फूड का सेवन न करें।
पीरियड का देरी से आने में आपकी उम्र का कम या अधिक होना भी एक कारण हो सकता है। कई लड़कियों में छोटी उम्र में ही मासिक धर्म शुरू हो जाता है जिसके कारण पीरियड की देरी हो सकती है तो अधिक उम्र की महिलाओं में भी मासिक धर्म में देरी की समस्या देखी जाती है। समय के साथ यह समस्या स्वयं ही दूर हो जाती है।
तनाव, चिंता और अवसाद का असर भी पीरियड पर पड़ता है। तनाव के कारण हमारे हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि तनाव या चिंता के कारण आपके हार्मोन्स असंतुलित हो रहे है तो अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करें।
इसके साथ ही कसरत, सकारात्मक सोच, डॉक्टर की सलाह और संतुलित आहार के साथ चिंता मुक्त जीवन जीने की कोशिश करें।
अगर आप किन्हीं बीमारियों से ग्रस्त हैं तो इसके कारण भी आपके पीरियड में देरी हो सकती है। अगर आपके अंडाशय में सिस्ट हों तो उसके कारण भी पीरियड में देरी हो सकती हैं। इसके साथ ही डायबिटीज भी इसका कारण हो सकता है।
जो लोग फैमिली प्लानिंग कर रहे है वो महिलाएं अक्सर बर्थ कंट्रोल पिल्स जैसे माला डी आदि का सेवन करती हैं। यह पिल्स भी मासिक धर्म में परिवर्तन का एक कारण बन सकती हैं।
दरअसल इन पिल्स में मौजूद हार्मोन्स मासिक धर्म को सामान्य या नियमित रूप से आने में समस्या पैदा करते हैं। ज्यादा दवाइयों का सेवन भी पीरियड में अनियमितता का कारण हो सकता है।
हल्दी एक बेहतरीन औषधि है जिसका प्रयोग आप पीरियड में देरी जैसी समस्या में भी कर सकती है। गुनगुने पानी में एक चम्मच हल्दी मिला कर दिन में एक या दो बार पीने से आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
अजवायन को पानी में उबाल कर दिन में दो या तीन बार पीएं इससे भी लाभ होता है। इसके साथ ही जीरे की तासीर भी गर्म होती है। इसके सेवन से भी पीरियड की समस्याओं में लाभ होता है।
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अदरक की तासीर गर्म होती है ऐसे में पीरियड में देरी जैसी समस्या को दूर करने में यह भी सहायक है। अदरक की चाय या सब्जी में डाल कर इसका सेवन करें।
अदरक के रस को शहद के साथ भी आप ले सकती हैं। हालाँकि इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन करना हानिकारक हो सकता है।
किशमिश न केवल खाने में स्वादिष्ट होती है बल्कि इसके स्वास्थ्य सम्बन्धी कई लाभ भी हैं। किशमिश को रात भर पानी में भिगो कर रखें, इसके बाद उबाल लें और जब इसकी कम मात्रा शेष रहे तो छान कर इसका सेवन करें।
कुछ मात्रा में काले तिल लेकर उन्हें गुड़ में मिला लें और उसका सेवन करें। इस उपाय से भी पीरियड में देरी जैसी परेशानी से छुटकारा मिलता है।
पपीता खासतौर पर कच्चा पपीता भी एक प्रभावी उपाय है। इसके सेवन से गर्भाशय में कसाव आता है जिसके कारण पीरियड जल्दी आ सकते है।
सौंफ को पानी में कुछ देर उबाल कर इस पानी को पीने से फायदा होता है। इसके सेवन से गर्भाशय में सिकुड़न होती है जिससे मासिक धर्म के सही समय पर आने में मदद मिलती है। इसके साथ ही मेथी के दानों को भी इसी तरह से पानी में उबाल कर पीने से लाभ होता है।
खट्टे फलों जैसे संतरा, नींबू, आंवला आदि में भरपूर विटामिन-सी होता है जिससे शरीर में एस्ट्रोजन नाम का हार्मोन बढ़ता है। इस हार्मोन के कारण शरीर में मासिक धर्म का चक्कर सही रहता है। अनार का जूस भी इस समस्या को दूर करने में लाभदायक है।
दालचीनी की तासीर भी गर्म होती है जिससे पीरियड समय पर आने में मदद मिलती है। दालचीनी के पावडर को दूध या चाय में मिला कर इसका सेवन करें।
खजूर गर्म होते हैं जो मासिक धर्म को नियमित बनाये रखते हैं। ऐसे ही अनानास का सेवन करना भी पीरियड को नियमित बनाये रखता है। कॉफी को नियमित व संतुलित रूप से पीना भी पीरियड को सही समय पर लाने में मददगार है।
यह उपाय बेहद आसान हैं। आप इन्हें अपना कर अपने मासिक धर्म को नियमित कर सकती हैं लेकिन अगर यह उपाय करने के बाद भी आपको कोई फायदा नहीं होता है तो इस बात को हल्के में न लें बल्कि तुरंत डॉक्टर को सम्पर्क करें।
हर बार मासिक धर्म का अनियमित होना या देरी से आना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह किसी बीमारी का भी प्रतीक है ऐसे में सही समय पर इलाज कराना आवश्यक है।
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