छोटे बच्चों के मुँह का विशेष ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है क्योंकि यहां मौजूद किटाणु व बैक्टीरिया उसे बेहद बीमार बना सकते हैं। बच्चों के ओरल केयर (Oral Hygiene Tips for Babies) पर इसलिए भी ध्यान देना जरूरी होता है ताकि वह आगे जाकर इसके महत्व को समझ सकें। स्तनपान या दूध पीने के कारण बच्चों के मसूड़ों, जीभ और मुँह में दूध जमा होता रहता है जिससे शिशु के मुँह से बदबू आती है। शिशु के मुँह की सफाई बहुत सावधानी से और नियमित रूप से करनी चाहिए। इसके लिए आपको कुछ खास नहीं करना है। बस थोड़ी सी मेहनत और सावधानियों से आप अपने बच्ची के मुँह को आसानी से साफ कर सकती हैं। जानिए छोटे बच्चों की मुंह की सफाई (Bachho ke Muh ki safai) कैसे करनी चाहिए।
छोटे बच्चों की मुंह की सफाई करने का तरीका (Oral Hygiene Tips for Babies in Hindi )
शिशु के जीभ साफ करने का तरीका (Baby’s tongue and gums cleaning)
छोटे बच्चों के मुँह की सफाई के लिए आपको थोड़े धैर्य की आवश्यकता होती है। छोटे बच्चे भी आपको अपने मुँह में हाथ नहीं डालने देंगे और अगर उनके दांत आ गए हैं तो जब आप उनके मुँह में हाथ डालेंगी तो वो उसे काटने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इसलिए आपको इसके लिए अपने बच्चे के मूड को सबसे पहले अच्छा करना होगा और उसे अन्य किसी चीज़ में उलझा कर रखना होगा। ताकि बच्चा आराम से अपने मुँह को साफ करा लें।
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- शिशु की जीभ और मसूड़ों पर जमी गंदगी साफ करने के लिए सबसे पहले थोड़ा सा गुनगुना पानी और थोड़ी साफ कॉटन का कपडा लें। अब इस कपडे को अपनी उंगली में बाँध लें। इसके बाद बच्चे के दोनों गालों को दबाएं और बच्चे का मुँह खोलें। अब अपनी उंगली को पानी में भिगो कर शिशु के मुँह में डाल कर अच्छे से घुमाएं ताकि बच्चे का मुँह अच्छे से साफ हो जाए।
- हल्के-हल्के अपनी उंगली को शिशु के मुँह में सर्कुलर मोशन में रगड़ना शुरू करें। लेकिन अधिक देर तक ऐसा न करें क्योंकि ऐसा करने से शिशु चिड़चिड़ा हो सकता है इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर के बाद इस प्रक्रिया को दोहराएं। ऐसा करने से शिशु के मुँह में जमी गंदगी उस कपड़े में चिपक जायेगी और उसका मुँह साफ हो जाएगा।
- बच्चे की जीभ और मुँह को साफ करने का एक और तरीका है और वो है ग्लिसरीन का प्रयोग। यह ग्लिसरीन आपको किसी भी दवा की दुकान से आसानी से मिल जाएगा।
- इसके अलावा इयर बड्स से भी शिशु के मुँह को साफ किया जा सकता है। सबसे पहले स्टर्लाइज्ड बेबी इयर बड्स का चुनाव करें। अब इस इयर बड्स को गुनगुने पानी में भिगोकर बच्चे की जीभ पर धीरे-धीरे फिराएं। ऐसे ही बच्चे के मसूड़ों को भी आप साफ कर सकती है।
- ध्यान रखें कि इयर बड को शिशु के मुँह में अंदर तक न लेकर जाएँ और इसके साथ ही इयर बड को अच्छे से पकड़ कर रखें।
बच्चों के दांतों की सफाई करने का तरीका (How to Clean Teeth of 2 Year Kids)
छोटे बच्चों के दांत साफ करने के लिए टूथपेस्ट तब तक न दें जब तक वो अच्छे से कुल्ला करने में सक्षम न हो जाए क्योंकि शिशु के लिए टूथपेस्ट में मौजूद केमिकल और हानिकारक तत्व शिशु के स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।
जब तक शिशु के दांत नहीं निकल आते तब तक आप उसके दांतों वाले स्थान को कॉटन के कपडे से ही साफ कर सकते हैं लेकिन अगर शिशु के दांत निकल गए हैं तो उसके लिए छोटे टूथ ब्रश का प्रयोग करें जिन्हें खास तौर पर शिशु के लिए बनाया गया हो। इसके साथ ही ब्रश के बाद शिशु के मुँह से टूथ पेस्ट को अच्छे से साफ करना न भूलें। डॉक्टर भी बच्चों के लिए ऐसे ब्रश के प्रयोग की सलाह देते हैं जिन्हें खासतौर पर बच्चों के लिए बनाया जाता है। शिशु का ब्रश मुलायम होना चाहिए।
फिंगर ब्रश का करें प्रयोग (Use Finger Brush)
एक से दो साल तक के बच्चों के लिए आप फिंगर ब्रश का भी प्रयोग कर सकते हैं जो बेहद नरम प्रदार्थ से बने होते हैं। फिंगर ब्रश लेते हुए ध्यान रखें कि वह अच्छी क्वालिटी का हो।
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सावधानियां (Precautions While Cleaning Baby’s Mouth in Hindi)
बच्चों के मुँह की सफाई करते समय कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए जैसेः
- जिन बच्चों के दांत नहीं निकले होते उन बच्चों के मुँह को साफ करते हुए नरम कपडे का ही प्रयोग करें क्योंकि अगर कपड़ा सख्त होगा तो बच्चे के मुँह में सूजन या घाव हो सकते हैं।
- छोटे बच्चों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है इसलिए उन्हें ब्रश कराते हुए अधिक गर्म पानी का प्रयोग न करें बल्कि गुनगुना पानी ही प्रयोग में लाएं।
- बच्चे का मुँह साफ करते समय जल्दबाज़ी न करें ऐसा करने से बच्चे को नुकसान हो सकता है।
- एक साल से कम उम्र के बच्चे को टूथब्रश का प्रयोग न करने दें। उनके लिए यह ठीक नहीं है। छोटी ऊँगली के प्रयोग से आप शिशु का मुँह आराम से साफ कर सकती है।
- अगर बच्चे के दांत हैं तो उसके लिए किसी अच्छे ब्रश का चुनाव करें। टूथब्रश के पिछले हिस्से से उसके मसूड़े और जीभ को साफ न करें अन्यथा बच्चे की तकलीफ हो सकती है।
- ध्यान रहे कि बच्चे के मुँह में ज़ोर से कपडा न फेरे, नहीं तो बच्चे के मसूड़ों और जीभ में घाव हो सकता है। इसके साथ ही यह भी याद रहे कि आपके हाथ, प्रयोग में लाया जाने वाला कपडा और पानी सभी बिल्कुल साफ होने चाहिए अन्यथा शिशु को संक्रमण भी हो सकता है। इसके साथ ही अपने नाखून भी काट ले।
- बच्चा जब थोड़ा बड़ा होता है तो उसे टूथब्रश का प्रयोग करना सिखाएं। छोटे बच्चे शुरुआत में टूथब्रश से खेलना भी पसंद करते हैं, उन्हें ऐसा करने दें। शिशु को दांतों की सफाई के लिए प्रोत्साहित करें। जब तक बच्चा 6 साल का नहीं हो जाता उसे फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट न दें। बच्चे टूथपेस्ट के मीठे स्वाद को बेहद पसंद करते हैं और उसे थूकते नहीं बल्कि कई बार निगल लेते हैं। इसलिए उन्हें टूथपेस्ट को निगलना नहीं बल्कि थूकना सिखाएं।
बच्चों के मुँह की सफाई (Oral Care) जितनी जल्दी आप शुरू कर दें, उतना ही अच्छा है। छोटी उम्र में ही साफ-सफाई बच्चों को एक स्वस्थ जीवन जीने में सहायक हो सकता है। जैसे ही बच्चे के दांत आना शुरू होते हैं वैसे ही उनका नियमित रूप से दांत का चैकअप कराना भी अनिवार्य है।
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