गर्भवती होने के कुछ दिन बाद ही महिला के मन में ये सवाल उठने लगता है कि उसकी नॉर्मल डिलीवरी होगी या सिजेरियन। आमतौर पर डॉक्टर भी नॉर्मल डिलीवरी की ही सलाह देते हैं क्योंकि ये आगे जाकर आपकी हेल्थ को कोई नुकसान नहीं करती है। पर फिर भी कई बार किसी तरह की परेशानी होने या महिला में दर्द को सहने की क्षमता कम होने पर सिजेरियन डिलीवरी का विकल्प चुना जाता है।
भले ही नॉर्मल डिलीवरी में महिला को कहीं ना कहीं ज्यादा दर्द का अनुभव करना पड़ता है फिर भी ये सेहत के लिहाज़ से ज्यादा अच्छा विकल्प है। चलिए जानते हैं नॉर्मल डिलीवरी के लिए आसान टिप्स (Normal Delivery ke Liye Tips):
ऐसे तो डिलीवरी का तरीका अंतिम तिमाही में बहुत सी चीजों पर निर्भर करता है , जैसे कि बच्चे की स्थिति, उसका वजन, माँ का वजन, माँ की सेहत आदि। पर फिर भी गर्भावस्था के दौरान कुछ छोटे -छोटे टिप्स अपना कर आप नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं।जाने क्या हैं वो टिप्स-
एक स्वस्थ बच्चे का जन्म माँ के स्वास्थ्य से जुड़ा है। प्रेगनेंसी के समय ऐसे बहुत सी छोटी-मोटी एक्सरसाइज हैं जिनके करने से आपके शरीर में रक्त संचार अच्छे से होता है और प्रेग्नेंट महिला के पेल्विक जॉइंट्स खुल जाते हैं , जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना तो बढ़ती ही है, साथ ही डिलीवरी के समय होने वाला दर्द भी कम होता है।
कुछ ऐसी ही एक्सरसाइज जो आप प्रेगनेंसी के दौरान कर सकती हैं वो ये हैं-
वाक या सैर करना एक गर्भवती महिला के लिए बहुत बढ़िया व्यायाम है। ये बॉडी को रिलैक्स तो करता ही है साथ ही शरीर को लचीला बनाता है जो नॉर्मल डिलीवरी में सहायक है। सैर करते हुए कुछ ध्यान रखने योग्य बात-
प्रेगनेंसी के दौरान कीगल एक्सरसाइज करने से पैल्विक मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं। गर्भावस्था में कीगल एक्सरसाइज करने से यूरिनरी ब्लेडर पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार डिलीवरी के बाद करीब 70 प्रतिशत महिलाओं को यूरीन कंट्रोल करने जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। इस स्थिति में कीगल एक्सरसाइज करना बेहतर विकल्प है।
कीगल एक्सरसाइज करने का तरीका –
प्रेगनेंसी में स्क्वाट एक्सरसाइज आपके शरीर के निचले हिस्से के लिए काफी गुणकारी है। नियमित रूप से स्क्वाट करने के साथ आप लेबर टाइम को कम कर सकती हैं।
नॉर्मल डिलीवरी के लिए कैसे करें स्क्वाट-
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में पेल्विक स्ट्रेचिस एक्सरसाइज नॉर्मल डिलीवरी के लिए बेहद जरूरी है। यह एक्सरसाइज पेल्विक एरिया के खुलने में काफी फायदेमंद है।
कैसे करें पेल्विक स्ट्रेचिस एक्सरसाइज –
प्रेगनेंसी के समय स्विमिंग बहुत ही सही एक्सरसाइज है, कारण है कि एक तो स्विमिंग आपके बढ़े हुए वेट को आसानी से सपोर्ट करता है। पानी के अंदर आपको अपना बढ़ा हुआ वजन महसूस नहीं होता है और आसानी से रिलैक्स कर सकती हैं।
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योग के आसन का अभ्यास प्रेगनेंसी के चौथे महीने से ले कर नौवें महीने तक करने की सलाह दी जाती है। योग के जरिये ना केवल तनाव दूर होता है, बल्कि प्रसव के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है| तो आइये जानते हैं प्रेगनेंसी के दौरान कौन सा योगा करना फायदेमंद रहेगा। हाँ पर योग आसन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
गर्भावस्था में वजन बढ़ना एक आम बात है, सामान्य प्रेगनेंसी में महिला का वजन 10 से 12 किलोग्राम तक बढ़ सकता है। वजन के बहुत ज्यादा बढ़ने पर नियंत्रण रखें क्योंकि ये हाई ब्लड प्रेशर, थकान और डिलीवरी के समय समस्या खड़ी कर सकता है। अगर आपका वजन सामान्य से ज्यादा गति से बढ़ रहा है तो खुद कोई घरेलू उपाय ना करें बल्कि अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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प्रेगनेंसी के सातवें महीने में पेरिनियम मसाज करना शुरू कर देना चाहिए। इसमें योनि और मलद्वार के बीच के हिस्से में मसाज करनी होती है। इसे आप अपने अंगूठे की मदद से कर सकती है। ये मसाज प्रसव पीड़ा कम करने और तनाव को दूर करने का काम करती है।
प्रेगनेंसी के दौरान तनाव आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए ही सही नहीं है।आप जितना तनाव से दूर रहेंगें उतना ही आपकी डिलीवरी के लिए ये अच्छा है । तनाव से दूर रहने के लिए आप कुछ उपाय कर सकती हैं-
दिन में लगभग 30 मिनट अपनी पसंद का रिलैक्सिंग म्यूजिक सुने, म्यूजिक तनाव से दूर रखने का आसान उपाय है।
गर्भावस्था के समय अच्छी और पॉजिटिव किताबें पढ़ें, आप चाहे तो अपने पसंद के किसी लेखक की किताब पढ़ सकती हैं या प्रेगनेंसी से जुड़ी कोई किताब जैसे, आयुर्वेदिक गर्भसंस्कार, क्या करें जब माँ बनने वाली हैं जैसी किताबें भी चुन सकती हैं।
मेडीटेशन आपको भावनात्मक और शारीरिक दोनों तरह से मजबूत बनाता है। इसलिए प्रेगनेंसी में मेडीटेशन की हैबिट जरुर रखें, आप चाहें तो कोई क्लास भी ज्वाइन कर सकती है।
गर्भावस्था में डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज आपके तनाव को दूर करने में सहायक है। नियमित रूप से डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज करने से आपको अच्छा महसूस होगा और आप डिलीवरी के आखिरी समय में बहुत रिलेक्स फील कर पाएंगे।
डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज कैसे करें –
प्रेगनेंसी के समय चीजों की जानकारी होना बहुत जरुरी है । ऐसे में आप बर्थिंग क्लासेज ज्वाइन कर सकती हैं जिसमें आपको , नॉर्मल डिलीवरी करवाने के लिए सारे टिप्स, उचित वजन की जानकारी और भी बहुत सी टिप्स मिलती हैं।
इसके साथ ही कोई न कोई प्रेगनेंसी ग्रुप से जुडें रहें , ऐसे में आप अपने जैसी ही माँओं से मिलती है तो आपका तनाव दूर होता है और छोटी-मोटी समस्याओं का हल भी निकलता रहता है।
रिसर्च के मुताबिक जो महिलाएं प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में 7 से 8 घंटे की नींद नहीं लेती हैं उनमें सिजेरियन डिलीवरी होने के मामले ज्यादा सामने आते हैं। प्रेगनेंसी के अंतिम तिमाही में अपनी नींद को लेकर सजग रहें, 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लें।
प्रेगनेंसी के समय आपके डाइट के महत्व को समझाने की आवश्यकता शायद ही हो, अच्छा खाना आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए जरुरी भी है और फायदेमंद भी।
ऐसे में ऐसे कुछ फ़ूड आइटम्स हैं जो अगर आप अपनी डाइट में शामिल करेंगें तो ये नॉर्मल डिलीवरी में सहायक हो सकते हैं। जैसेः
इन सब बातों का ध्यान रखते हुए आप अपनी डिलीवरी को आसान बना सकते हैं। यह सारे तरीके आपको सामान्य यानि नॉर्मल डिलीवरी के काफी मदद करेंगे। इसके आलावा आप नॉर्मल डिलीवरी को आसान बनाने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें।
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