नॉर्मल डिलीवरी के लिए 9 अहम टिप्स

नॉर्मल डिलीवरी के लिए 9 अहम टिप्स

गर्भवती होने के कुछ दिन बाद ही महिला के मन में ये सवाल उठने लगता है कि उसकी नॉर्मल डिलीवरी होगी या सिजेरियन। आमतौर पर डॉक्टर भी नॉर्मल डिलीवरी की ही सलाह देते हैं क्योंकि ये आगे जाकर आपकी हेल्थ को कोई नुकसान नहीं करती है। पर फिर भी कई बार किसी तरह की परेशानी होने या महिला में दर्द को सहने की क्षमता कम होने पर सिजेरियन डिलीवरी का विकल्प चुना जाता है।

भले ही नॉर्मल डिलीवरी में महिला को कहीं ना कहीं ज्यादा दर्द का अनुभव करना पड़ता है फिर भी ये सेहत के लिहाज़ से ज्यादा अच्छा विकल्प है। चलिए जानते हैं नॉर्मल डिलीवरी के लिए आसान टिप्स (Normal Delivery ke Liye Tips): 

  • नॉर्मल डिलीवरी के लिए व्यायाम करें।
  • योगा करें।
  • वजन नियंत्रण में रखें।
  • पूरी नींद लें।
  • खाने पर ध्यान दें।
  • पेल्विक एरिया से जुड़े व्यायाम करें।
  • गहरी सांसों की कोशिश करें।

 

नॉर्मल प्रसव के लिए कुछ टिप्स (Tips for Normal Delivery in Hindi)

ऐसे तो डिलीवरी का तरीका अंतिम तिमाही में बहुत सी चीजों पर निर्भर करता है , जैसे कि बच्चे की स्थिति, उसका वजन, माँ का वजन, माँ की सेहत आदि। पर फिर भी गर्भावस्था के दौरान कुछ छोटे -छोटे टिप्स अपना कर आप नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं।जाने क्या हैं वो टिप्स-

 

#1. नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक्सरसाइज

एक स्वस्थ बच्चे का जन्म माँ के स्वास्थ्य से जुड़ा है। प्रेगनेंसी के समय ऐसे बहुत सी छोटी-मोटी एक्सरसाइज हैं जिनके करने से आपके शरीर में रक्त संचार अच्छे से होता है और प्रेग्नेंट महिला के पेल्विक जॉइंट्स खुल जाते हैं , जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना तो बढ़ती ही है, साथ ही डिलीवरी के समय होने वाला दर्द भी कम होता है।

कुछ ऐसी ही एक्सरसाइज जो आप प्रेगनेंसी के दौरान कर सकती हैं वो ये हैं-

 

(i) सैर करना

वाक या सैर करना एक गर्भवती महिला के लिए बहुत बढ़िया व्यायाम है। ये बॉडी को रिलैक्स तो करता ही है साथ ही शरीर को लचीला बनाता है जो नॉर्मल डिलीवरी में सहायक है। सैर करते हुए कुछ ध्यान रखने योग्य बात-

  • NHS के निर्देशानुसार एक गर्भवती महिला को हफ्ते में 150 मिनट के लगभग सैर करनी चाहिए, जो प्रतिदिन में 30 मिनट के बराबर है।
  • सैर करते हुए स्पोर्ट्स जूते ही पहने, किसी भी तरह के स्लिपर या सैंडल पहनने से परहेज़ करें , इनमें आपके पैरों में दर्द होने के आसार तो रहते ही हैं साथ ही इसमें आपके गिरने का भी ज्यादा खतरा रहता है।
  • प्रेगनेंसी में शरीर में पानी की कमी होना आपके और बच्चे दोनों के लिए समस्या का कारण बन सकता है, इसलिए सैर करते हुए अपने साथ पानी की बोतल जरुर रखें।

(ii) कीगल एक्सरसाइज

प्रेगनेंसी के दौरान कीगल एक्सरसाइज करने से पैल्विक मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं। गर्भावस्था में कीगल एक्सरसाइज करने से यूरिनरी ब्लेडर पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार डिलीवरी के बाद करीब 70 प्रतिशत महिलाओं को यूरीन कंट्रोल करने जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। इस स्थिति में कीगल एक्सरसाइज करना बेहतर विकल्प है।

कीगल एक्सरसाइज करने का तरीका –

  • कीगल एक्सरसाइज के लिए पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब घुटनों को मोड़ते हुए पंजों को एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें। अब वजाइनल और एनल मसल्स को इस तरह सिकोड़ें जैसे यूरीन रोकते हैं।
  • लगभग 4-5 सैकंड तक इसी पोजीशन में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस इसी अवस्था में आ जाएं। इस एक्सरसाइज को आप दिन में कभी  भी दो से तीन बार कर सकती हैं।

 

(iii)  स्क्वाट एक्सरसाइज 

प्रेगनेंसी में स्क्वाट एक्सरसाइज आपके शरीर के निचले हिस्से के लिए काफी गुणकारी है। नियमित रूप से स्क्वाट करने के साथ आप लेबर टाइम को कम कर सकती हैं।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए कैसे करें स्क्वाट-

  • सबसे पहले अपने पैरों को कंधे जितनी चौड़ाई में खोलें। अब अपने हाथों को कंधे की सीध में सामने करके हथेलियां जोड़ लें।
  • इसके बाद हल्की सांस लेकर अपने हिप्स को झ़ुकाएं। ये ऐसा होना चाहिए जैसे कि आप कुर्सी पर बैठ रही हों। एक सैंकड के लिए रूक जाएं और सांस छोड़ते हुए फिर से खड़ी हो जाएं।
  • अपनी कोहनियों को जांघ के अंदर रखें और अपने हिप्स को खोलने के लिए हल्के से धक्का देते हुए स्क्वाट करें।
  • ऊपर आते समय फर्श को अपनी उंगलियों से दबाएं, ताकि आपको शुरूआती स्थिति में वापस आने के लिए सहारा मिल सके।

 

(iv)पेल्विक स्ट्रेचिस एक्सरसाइज –

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में पेल्विक स्ट्रेचिस एक्सरसाइज नॉर्मल डिलीवरी के लिए बेहद जरूरी है। यह एक्सरसाइज पेल्विक एरिया के खुलने में काफी फायदेमंद है।

कैसे करें पेल्विक स्ट्रेचिस एक्सरसाइज –

  • सबसे पहले बॉल पर पीठ को सीधी कर बैठें।
  • फिर अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ा अलग जमीन पर रखें।
  • अब अपनी पेल्विस को थोड़ा आगे और पीछे घुमाकर खींचना शुरू करें। इस प्रक्रिया को 20 बार दोहराएं। ध्यान रखें अगर आपके पास बॉल नहीं है तो आप कुर्सी पर पिलो रखकर भी बॉल एक्सरसाइज कर सकते हैं।

(v) स्विमिंग 

प्रेगनेंसी के समय स्विमिंग बहुत ही सही एक्सरसाइज है, कारण है कि एक तो स्विमिंग आपके बढ़े हुए वेट को आसानी से सपोर्ट करता है। पानी के अंदर आपको अपना बढ़ा हुआ वजन महसूस नहीं होता है और आसानी से रिलैक्स कर सकती हैं।

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गर्भावस्था में एक्सरसाइज करते समय बरतें सावधानियां

  • गर्भावस्था के आखिरी चरण यानि 9वें महीने में व्यायाम करते समय डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। आपका डॉक्टर आपको सही एक्सरसाइज चुनने में मदद करेगा और उन्हें सुरक्षित रूप से संचालित करने के लिए मार्गदशन प्रदान करेगा।
  • नॉर्मल डिलीवरी के लिए गर्भावस्था के 9वें महीने में केवल ऐसी एक्सरसाइज करें जो कम प्रभाव वाली हों। इसका मतलब यह है कि गर्भावस्था के दौरान अपने लिगामेंट्स और जॉइंट्स पर ज्यादा प्रेशर न डालें। 
  • तीसरी तिमाही के आखिरी महीने में गर्भवती महिलाएं ऐसी एक्सरसाइज करने से बचें जिनमें बॉडी मूवमेंट्स ज्यादा हों। एक स्पीड सेट करें और इसी के आधार पर वर्कआउट करें।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि लंबे समय तक एक्सरसाइज न करें।
  • इस दौरान गर्भवती महिलाओं को ढीले ढाले कपड़े पहनने चाहिए। एक्सरसाइज के दौरान खासतौर पर आरामदेह जूते पहनने चाहिए, क्योंकि जूते आपके पॉश्चर को सही बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे शरीर अनबैलेंस नहीं होता।
  • एक्सरसाइज के दौरान अच्छी क्वालिटी की स्पोट्र्स ब्रा पहनें। बता दें कि इस गर्भावस्था के आखिरी महीनों में स्तन वृद्धि होती है, ऐसे में स्पोट्र्स ब्रा पहनना आरामदायक होता है।
  • एक्सरसाइज करने की स्थिति में गिरने से बचने के लिए समतल जगह पर भी एक्सरसाइज करें।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी है कि एक्सरसाइज के दौरान खूब पानी पीएं।
  • गर्भावस्था में खाना खाने के एक घंटे बाद ही एक्सरसाइज करें।

#2. प्रेगनेंसी योग को आदत में शामिल करें

योग के आसन का अभ्यास  प्रेगनेंसी के चौथे महीने से ले कर नौवें महीने तक करने की सलाह दी जाती है। योग के जरिये ना केवल तनाव दूर होता है, बल्कि प्रसव के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है| तो आइये जानते हैं प्रेगनेंसी के दौरान कौन सा योगा करना फायदेमंद रहेगा। हाँ पर योग आसन करने से पहले अपने डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें।

  • तितली आसन- ये शरीर में लचीलापन बढ़ाता है।
  • अनुलोम-विलोम- रक्त संचार बढ़ाता है।
  • पर्वतासन- कमर दर्द से राहत मिलती है।
  • उष्ट्रासन- रीढ़ की हड्डी मजबूत करता है
  • शवासन- मानसिक शांति बनाये रखने में सहायक है।

 

#3. वजन पर नियंत्रण रखें

गर्भावस्था में वजन बढ़ना एक आम बात है, सामान्य प्रेगनेंसी में महिला का वजन 10 से 12 किलोग्राम तक बढ़ सकता है। वजन के बहुत ज्यादा बढ़ने पर नियंत्रण रखें क्योंकि ये हाई ब्लड प्रेशर, थकान और डिलीवरी के समय समस्या खड़ी कर सकता है। अगर आपका वजन सामान्य से ज्यादा गति से बढ़ रहा है तो खुद कोई घरेलू उपाय ना करें बल्कि अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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#4. पेरिनियम मसाज

प्रेगनेंसी के सातवें महीने में पेरिनियम मसाज करना शुरू कर देना चाहिए। इसमें योनि और मलद्वार के बीच के हिस्से में मसाज करनी होती है। इसे आप अपने अंगूठे की मदद से कर सकती है। ये मसाज प्रसव पीड़ा कम करने और तनाव को दूर करने का काम करती है।

 

#5.  स्ट्रेस से रहें दूर

 प्रेगनेंसी के दौरान तनाव आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए ही सही नहीं है।आप जितना तनाव से दूर रहेंगें उतना ही आपकी डिलीवरी के लिए ये अच्छा है । तनाव से दूर रहने के लिए आप कुछ उपाय कर सकती हैं-

  • अपनी पसंद का म्यूजिक सुने

दिन में लगभग 30 मिनट अपनी पसंद का रिलैक्सिंग म्यूजिक सुने, म्यूजिक तनाव से दूर रखने का आसान उपाय है।

  • अच्छी किताबें पढ़े

गर्भावस्था के समय अच्छी और पॉजिटिव किताबें पढ़ें, आप चाहे तो अपने पसंद के किसी लेखक की किताब पढ़ सकती हैं या प्रेगनेंसी से जुड़ी कोई किताब जैसे, आयुर्वेदिक गर्भसंस्कार, क्या करें जब माँ बनने वाली हैं जैसी किताबें भी चुन सकती हैं।

  • मेडीटेशन करें

मेडीटेशन आपको भावनात्मक और शारीरिक दोनों तरह से मजबूत बनाता है। इसलिए प्रेगनेंसी में मेडीटेशन की हैबिट जरुर रखें, आप चाहें तो कोई क्लास भी ज्वाइन कर सकती है।

 

#6. डीप ब्रिदिंग 

गर्भावस्था में डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज आपके तनाव को दूर करने में सहायक है। नियमित रूप से डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज करने से आपको अच्छा महसूस होगा और आप डिलीवरी के आखिरी समय में बहुत रिलेक्स फील कर पाएंगे।

डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज कैसे करें –

  • डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज करने के लिए चटाई पर कमर सीधी कर बैठें ।
  • अब एक हाथ अपनी छाती पर और दूसरा अपने पेट पर रखें।
  • अपनी आंख बंद करें और धीरे-धीरे सांस लें।
  • अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को हर दिन 20 से 30 बार दोहराएं। कोशिश करें कि सांस नाक से लें और मुंह से छोड़ें। अगर कहीं भी आप असहज महसूस करें तो तुरंत एक्सरसाइज रोक लें।

 

#7. एजुकेशन और सपोर्ट

प्रेगनेंसी के समय चीजों की जानकारी होना बहुत जरुरी है । ऐसे में आप बर्थिंग क्लासेज ज्वाइन कर सकती हैं जिसमें आपको , नॉर्मल डिलीवरी करवाने के लिए सारे टिप्स, उचित वजन की जानकारी और भी बहुत सी टिप्स मिलती हैं। 

इसके साथ ही कोई न कोई प्रेगनेंसी ग्रुप से जुडें रहें , ऐसे में आप अपने जैसी ही माँओं से मिलती है तो आपका तनाव दूर होता है और छोटी-मोटी समस्याओं का हल भी निकलता रहता है।

 

#8. अच्छे से नींद लें

रिसर्च के मुताबिक जो महिलाएं प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में 7 से 8 घंटे की नींद नहीं लेती हैं उनमें सिजेरियन डिलीवरी होने के मामले ज्यादा सामने आते हैं। प्रेगनेंसी के अंतिम तिमाही में अपनी नींद को लेकर सजग रहें, 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लें।

 

#9. डाइट का रखें ख़ास ध्यान

प्रेगनेंसी के समय आपके डाइट के महत्व को समझाने की आवश्यकता शायद ही हो, अच्छा खाना आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए जरुरी भी है और फायदेमंद भी।

 ऐसे में ऐसे कुछ फ़ूड आइटम्स हैं जो अगर आप अपनी डाइट में शामिल करेंगें तो ये नॉर्मल डिलीवरी में सहायक हो सकते हैं। जैसेः

  • संतरे और सिट्रिक फल
  • शकरकंद
  • अंडे और कम वसा का मीट
  • ब्रोकली, पालक और हरी सब्जियां
  • दालें, अनाज और ओट्स
  • फाइबर युक्त आहार

 

इन सब बातों का ध्यान रखते हुए आप अपनी डिलीवरी को आसान बना सकते हैं। यह सारे तरीके आपको सामान्य यानि नॉर्मल डिलीवरी के काफी मदद करेंगे। इसके आलावा आप नॉर्मल डिलीवरी को आसान बनाने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें। 

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