नॉर्मल डिलीवरी के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए

नॉर्मल डिलीवरी के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए

शिशु को जन्म देना कोई आसान बात नहीं होती। प्रसव के बाद नयी माँ का शरीर बेहद कमजोर हो जाता है। मेरी माँ बताती हैं कि उनके ज़माने में महिलाओं को प्रसव के बाद कम से कम 45 दिन पूरा आराम करने के लिए कहा जाता था। अन्य देशों में भी प्रसव के बाद महिलाओं को लगभग एक महीना घर में ही रहने की सलाह दी जाती है।

हालाँकि, आजकल ऐसा करना थोड़ा मुश्किल हो गया है क्योंकि अधिकतर माताएं कामकाजी हैं। जिसके कारण प्रसव के बाद उन्हें जल्दी काम पर वापस लौटना पड़ता है। यही नहीं, पहले संयुक्त परिवार अधिक होते थे इसलिए महिला और शिशु की देखभाल के लिए परिवार में कई उपस्थित रहते थे।

लेकिन, अब परिवार केवल दो-या तीन लोगों तक ही सीमित हो गए हैं। इसलिए, नयी माँ को खुद ही खुद का और शिशु का ध्यान रखना पड़ता है। प्रसव चाहे सी-सेक्शन हो या सामान्य दोनों ही मामलों में महिला के लिए पूरा आराम करना बेहद आवश्यक है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद नयी बनी माँ को कितने दिन आराम करना चाहिए।

नॉर्मल प्रसव के बाद होने वाली समस्याएं (Problems after Normal Delivery)

सबसे पहले जानते हैं कि नॉर्मल प्रसव के बाद महिला को कौन-कौन सी शारीरिक समस्याएं होती हैं और उन्हें ठीक होने में कितना समय लगता है।

1) टांके

प्रसव चाहे सामान्य हो लेकिन इसमें भी टांके लगते हैं। यह टांके पीड़ादायक और ऐसे होते हैं जिनके कारण कई दिन तक चलने-फिरने या उठने-बैठने में समस्या होती है। इन्हें ठीक होने में भी कम से कम सात से दस दिन लगते हैं। इसके बाद यह टांके खुद ही ठीक हो जाते हैं।

अगर आप चाहती हैं कि टांके जल्दी ठीक हो तो इनकी साफ़-सफाई का खास ध्यान रखें। अगर आपको कई दिन के बाद भी इनमें दर्द, सूजन या पस का अहसास हो तो इनमें इन्फेक्शन हो सकता है। ऐसे में आप डॉक्टर से मिले। इन्फेक्शन की स्थिति में आपके टांकों को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।

2) ब्लीडिंग

सामान्य प्रसव के बाद योनि से ब्लीडिंग या अन्य डिस्चार्ज होना भी सामान्य है। यह ब्लीडिंग हमारे शरीर का वो अतिरिक्त खून है जिसका प्रयोग गर्भ में शिशु के विकास के लिए हुआ था। शुरू के दस दिनों तक यह ब्लीडिंग अधिक हो सकती है। लेकिन इसके बाद यह कम हो जाती है। कम ब्लीडिंग या स्पॉटिंग प्रसव के 6 हफ़्तों के तक रह सकती है।

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3) पेट दर्द

प्रसव के बाद आपका पेट अपनी सामान्य स्थिति में आ रहा होता है जिसके कारण आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। हालाँकि यह दर्द अधिक नहीं होता। शिशु को दूध पिलाते हुए भी आप इस दर्द का अनुभव कर सकती हैं। शुरुआत के पंद्रह या बीस दिनों तक आप इस दर्द को महसूस कर सकती हैं।

4) हार्मोनल बदलाव

प्रसव के बाद भी हार्मोन्स में बदलाव आते हैं। इनके कारण आपको अधिक पसीना आता है या बाल झड़ते हैं (खासतौर पर सोते हुए)। यह हार्मोनल बदलाव भी लम्बे समय तक आपको परेशान कर सकते हैं। लेकिन अगर आपको इन समस्याओं के साथ बुखार भी है तो यह संक्रमण हो सकता है।

ऐसे में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इन समस्याओं के बाद भी यह समझ लें कि यह सब अस्थायी है और जल्द ही आपका जीवन सामान्य हो जाएगा।

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नॉर्मल डिलीवरी के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए (How Much Rest is Needed After Delivery in Hindi)

न्यूनतम समय

अगर आपका प्रसव नॉर्मल हुआ है तब भी आपको कम से कम चार हफ्तों तक आराम करना चाहिए। हालाँकि इसका अर्थ यह भी नहीं है कि आप पूरा दिन बस आराम करती रहें और अपने बिस्तर से नीचे ही न उतरें।

प्रसव के बाद का पहला हफ्ता बिस्तर पर गुजारे। उसके बाद दूसरे हफ्ते आप अपने शिशु का थोड़ा काम करने लगे। तीसरे हफ्ते घर के छोटे-छोटे काम करना शुरू करें। चौथे हफ्ते में अगर आपको कोई समस्या नहीं है तो आप घर के बाहर भी जा सकती हैं।

चालीस से पैंतालीस दिन

नौ महीने के इंतजार के बाद जब आप बच्चे के साथ घर आती हैं तो आपका उत्साह दूसरे ही चरण पर होता है। नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिला को फिट होने में सी -सेक्शन डिलीवरी के मुकाबले कम समय लगता है। लेकिन अधिकतर लोग ऐसा मानते हैं कि महिला को चालीस से पैंतालीस दिन तक अच्छे से आराम करना चाहिए।

हालाँकि हर महिला का शरीर अलग होता है इसलिए हो सकता है कि नॉर्मल प्रसव के बाद भी आपको ठीक होने के लिए चालीस से पैंतालीस दिनों से भी कम या अधिक समय लगे। आने वाले समय में आपका पूरा ध्यान और ऊर्जा केवल बच्चे पर भी खर्च होने वाली है।

ऐसे में, जल्दी स्वस्थ होने के लिए खुद का ध्यान रखना आपके लिए बेहद आवश्यक है। महिला को पूरी तरह से फिट होने के लिए और शिशु के बेहतर विकास के लिए अपने खान पान में भरपूर मात्रा में न्यूट्रिएंट्स युक्त पदार्थों को शामिल करना चाहिए।

अधिकतम समय

आपका प्रसव चाहे सी-सेक्शन हो या सामान्य दोनों ही सूरतों में आपको दर्द से गुजरना पड़ता है। यही नहीं, दोनों ही सूरतों में आपकी शारीरिक और मानसिक अवस्था भी एक समान होती है। दोनों ही मामलों में आपको ठीक होने में समय लगेगा।

कई बार महिलाएं जल्दी ठीक हो जाती हैं लेकिन कई बार कुछ जटिलताओं की वजह से सामान्य प्रसव के बाद भी महिला को स्वस्थ होने में समय लग जाता है। फिर भी, ऐसा माना जाता है कि सामान्य प्रसव की सूरत में महिलाएं 6-8 हफ़्तों में खुद को स्वस्थ महसूस करने लगती हैं।

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इन बातों का रखें ध्यान (Keep these things in mind)

अगर आप जल्दी स्वस्थ होना चाहती हैं तो कुछ बातों का खास ध्यान रखें, जैसे:

  • अपने खान-पान को सही और पोषक तत्वों से भरपूर रखें।
  • पूरा आराम करें ताकि आप जल्दी ठीक हो सके।
  • अपने रिश्तेदारों या पति की मदद लें ताकि आप जिम्मेदारियां बाँट सके और जल्दी ठीक हो सके ।
  • सारा दिन आराम ही न करें बल्कि कुछ देर घूमे-फिरे। घर के बाहर नहीं जाना चाहती तो अंदर ही थोड़ी सैर कर लें।
  • नॉर्मल प्रसव में भी टांके लगते हैं, इसलिए चलते फिरते या उठते बैठे ध्यान रखे।
  • कोई भारी सामान न उठायें या कोई भी ऐसा काम न करें जिससे आपको परेशानी हो।
  • खूब पानी पीएं इससे आपको जल्दी ठीक होने में मदद मिलेगी।
  • सकारात्मक सोचे और तनाव से बचे

 

नयी माँ के लिए स्वस्थ होने, घावों के ठीक होने, स्तनों में दूध के उत्पादन और शिशु के साथ बांड बनने के लिए कम से कम तीस दिनों का समय लग सकता है। जबकि, शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक होने में महीनों लग सकते हैं।

प्रसव के बाद आपको ऐसा भी लग सकता है कि आप बहुत कमजोर हो गयी हैं या आपका शरीर आपका साथ नहीं दे रहा है लेकिन ऐसे में परेशान न हों क्योंकि समय के साथ-साथ आपकी सभी समस्याएं खुद ही सुलझ जाएंगी। इसके लिए आराम करें, अच्छे से खाएं, तनाव से बचे,अपने शिशु के साथ समय अच्छा बिताएं और खुद के लिए भी समय निकाले।

 

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