नवजात के पहले 10 दिन के लिए 10 टिप्स

नवजात के पहले 10 दिन के लिए 10 टिप्स

9 महीने बच्चे को गर्भ में रखने के बाद जब कोई औरत उसे जन्म देती है और जब बच्चा सही सलामत व स्वस्थ अपनी मां के हाथों में आता है तो वह पल उस महिला के लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत व यादगार पल होता है। बच्चे को 9 महीने गर्भ में रखना हर माँ के लिए बहुत ही मुश्किल और महत्वपूर्ण समय होता है परंतु शिशु के जन्म लेने के बाद यह जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि जब शिशु (Newborn) जन्म लेता है तब वह बहुत नाजुक होता है। शिशु बहुत ज्यादा सेंसिटिव होते हैं और उन्हें संक्रमण होने का ज्यादा डर रहता है। इसलिये बच्चों की देखभाल के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है तो आइए जानते हैं कि नवजात शिशु की देखभाल (Navjaat Shishu ki Dekhbhal) करते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए टिप्स (Newborn Care Tips in Hindi)

#1. स्तनपान करवाए

नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है। इसलिए शिशु को माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध अवश्य पिलाना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत सारे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो शिशु की कई बीमारियों से लड़ने में रक्षा करते हैं। मां का दूध ही शिशु का पहला आहार होता है इसलिए हर मां को अपने शिशु को अपना दूध पिलाना चाहिए। स्तनपान करवाते समय शिशु और मां का सही पोजीशन में होना बहुत जरूरी है। मां दोनों बाजुओ में शिशु को उठाकर उसके पूरे शरीर को अपनी ओर करें। स्तनपान करवाते समय एक बात का जरूर ध्यान रखें कि बच्चों को बहुत जोर से छाती से ना लगाएं क्योंकि बच्चे नाक से सांस लेते व छोड़ते हैं और उस समय उनका मुंह तो बंद होता है। ऐसे में उनका दम घुट सकता है।
कई बार शिशु दूध पीते समय साथ में हवा भी घटक जाते हैं जिससे उनके पेट में दर्द होने लगता हैं। इसलिए आप शिशु को जितनी बार भी दूध पिलाएं उसे कंधे से लगा कर डकार जरूर दिलाएं। इसे भी पढ़ें: बच्चों के अंगूठा चूसने के कारण व दूर करने के 5 घरेलु उपाय

#2. शिशु को ध्यान से उठाएं

बच्चे को उठाते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि बच्चों की गर्दन बहुत कमजोर होती है और जन्म लेने के तुरंत बाद बच्चे अपने शरीर को संभाल नहीं पाते हैं। इसलिए उनको उठाते समय एक हाथ उनके सिर पर जरूर रखिए। ऐसे में अगर जरा सी भी असावधानी बरती तो शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

#3. बच्चे को हिलाए नहीं

अपने बच्चे को भूलकर भी जोर से ना हिलाए। बच्चे को प्यार में या मजाक में हिलाने की गलती ना करें। बच्चों को जोर से हिलाने से उनके सिर से खून बहने लगता है और कई बार यह उनकी मौत का कारण भी बन जाता है। अगर आप अपने बच्चे को जगाना चाहती हैं तो उन्हें हिलाने की जगह उनके पैरों में गुदगुदी करें या उनके गालों को सहलाये।

#4. टीकाकरण करवाएं

बच्चों का सही समय पर टीकाकरण करवाना चाहिए। अगर बच्चा अस्पताल में हुआ है तो वहीं पर आपको टीकाकरण की सारी जानकारी दे दी जाती है और आप को टीकाकरण का कार्ड भी बना कर दिया जाता है। यदि बच्चा घर पर या कही और हुआ है तो आपको पास के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर रजिस्ट्रेशन करवा लेना चाहिए।

#5. मालिश करें

बच्चे की मालिश सावधानीपूर्वक करनी चाहिए। मालिश से बच्चों का शारीरिक विकास होता है और हड्डियां भी मजबूत होती है। शिशु की मालिश करते समय ज्यादा जोर ना लगाए बल्कि हल्के-हल्के हाथो से उसके शरीर की मालिश करें। पहले के 10 से 15 दिन तक शिशु (Newborn) की मालिश करते समय ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। बच्चों की मालिश जैतून का तेल, बादाम का तेल या बेबी आयल से करनी चाहिए, इससे ज्यादा फायदा मिलता है। इसे भी पढ़ें: बच्चों का मुंडन कब और क्यों करवाएं और इसके 5 लाभ

#6. गर्भनाल स्टंप

बच्चों की गर्भनाल स्टंप उसके जन्म लेने के 2 हफ्ते के अंदर-अन्दर गिर जानी चाहिए। ऐसे में उनकी गर्भनाल का विशेष ध्यान रखें। उसे ज्यादा हिलाना नहीं चाहिए व न ही ज्यादा छेड़ना चाहिए। पहले इसका पीला हरा सा रंग होता है और जब यह धीरे-धीरे सूखने लगती है तो यह भूरे और काले रंग की होने लगती है और अपने आप गिर जाती है। इस समय आपको इसे संक्रमण से बचाना चाहिए।

#7. स्नान कराएं

आपको नवजात शिशु को पहले सप्ताह के दौरान बहुत सावधानी से स्पंज स्नान कराना चाहिए। एक बार जब गर्भनाल निकल जाए तो आप नियमित रूप से सप्ताह में दो से तीन बार स्नान करवा सकती हैं। स्नान करवाते समय ध्यान रखे कि आप शिशु को पानी में अकेला न छोड़े व उसको नहलाने से पहले नहाने का सारा सामान पहले से ही लेकर बैठे जिससे आपको बीच में ना उठाना पड़े। पानी भी आप गुनगुना ही ले जो ना ज्यादा ठंडा हो और ना ही ज्यादा गर्म।

#8. पूरी नींद

नवजात शिशु को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए उन्हें बहुत सारे आराम की जरूरत होती है। शुरू में तो शिशु 1 दिन में 18-20 घंटे तक सोते हैं। इसलिये उनके सोने के समय का पूरा ध्यान रखे और इसमें हैरान या परेशान ना हो कि आपका शिशु इतना क्यों सो रहा हैं। जैसे-जैसे वह उम्र में बड़े होते हैं वैसे-वैसे वे सोना कम कर देते हैं। बस आप थोड़ी-थोड़ी देर में बच्चे को संभालते रहे और उन्हें स्तनपान कराते रहें। इस बात का भी ध्यान रखे कि उनके सोते समय ज्यादा शोर न हो व कमरे की रोशनी भी ज्यादा ना हो व बिल्कुल अँधेरा भी ना हो। इसे भी पढ़ें: क्या बच्चों की आँखों में काजल लगाना ठीक हैं?

#9. डायपर बदले

शिशु को गीला डायपर बिल्कुल पसंद नहीं आता है और साथ ही गिले में रहने से उनके अंगों में रैशेष होने लगते हैं और उन्हें ठंड भी लग सकती है। इसलिए डायपर का विशेष ध्यान रखिए। जब भी बच्चे का डायपर गीला हो या गंदा हो तो उसे साथ के साथ बदल दें क्योंकि इसका बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही दिन में कुछ समय के लिए बच्चो को बिना डायपर के भी रखे जिससे उनकी त्वचा को हवा लगे। इस बात का भी ध्यान रखे कि डायपर को लगातार 5 घंटे से ज्यादा देर तक पहनकर ना रखे।

#10. साफ-सफाई का ध्यान रखें

नवजात शिशु बहुत नाजुक व सेंसिटिव होते हैं इसलिए उनके आसपास सही से साफ-सफाई रखें। आप जब भी अपने बच्चे को गोद में उठाये या कोई और उठाये तो अपने हाथ बिल्कुल साफ रखें और उनको उठाते समय भी विशेष ध्यान रखें। अपने गंदे हाथों को उनके मुंह के अंदर भी ना दें। इसके अलावा आप भी अपने खाने-पीने का ध्यान रखें क्योंकि शिशु आपका दूध पीता है तो आपके खाने-पीने का असर उसके स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा। क्या आप एक माँ के रूप में अन्य माताओं से शब्दों या तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभव बांटना चाहती हैं? अगर हाँ, तो माताओं के संयुक्त संगठन का हिस्सा बने। यहाँ क्लिक करें और हम आपसे संपर्क करेंगे।

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