नारियल तेल न सिर्फ बालों को पोषण देता है बल्कि अपने चमत्कारी गुणों के लिए यह त्वचा व पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद माना जाता हैं| नारियल के तेल का उपयोग खाने के साथ ही शरीर में लगाने के लिए भी किया जाता हैं लेकिन क्या आपको मालूम हैं कि नारियल तेल बच्चों के शारीरिक विकास की दृष्टि से भी बहुत अच्छा हैं| इससे ना सिर्फ बच्चों की मांसपेशियों सुदृढ़ होती हैं बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्वों से बच्चा हमेशा स्वस्थ रहता हैं|
वैसे भी बच्चों की त्वचा बहुत ज्यादा कोमल होती हैं इसलिये उनके लिए कोई भी चीज लेने से पहले कई बार सोचना पड़ता है क्योंकि नवजात शिशु बहुत जल्दी बीमार हो जाते हैं| यही कारण है कि बच्चों की छोटी-मोटी समस्याओं के लिए रसायन युक्त चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए| नारियल तेल का इस्तेमाल किसी भी मौसम में किया जा सकता हैं| यह तेल बच्चों की त्वचा और बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं|
लोरिक एसिड: जो महिलाएं गर्भावस्था के समय में नारियल तेल से बने उत्पादों का प्रयोग करती हैं तो उनके स्तनपान में लोरिक एसिड की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है जो बच्चों के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं| इससे बच्चों के शरीर में किसी भी बाहरी संक्रमण का प्रभाव नहीं पड़ता हैं और बच्चे हमेशा स्वस्थ रहते हैं|
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उच्च गुणवत्ता का नारियल तेल हमेशा सफेद होता हैं और 24 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर ठोस हो जाता हैं| अगर तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से ऊपर हो तो इसका रंगहीन होना तय हैं| अगर ऐसा नहीं होता है और आपको इसमें अलग-अलग रंग दिखते हैं तो इसका मतलब यह हैं कि आपका नारियल तेल या तो कम गुणवत्ता वाला है या फिर नकली हैं|
नारियल तेल कई लिहाज से फायदेमंद होता हैं| वैसे तो यह हर किसी के लिए फायदेमंद होता है परंतु बच्चों को इससे कई तरह के लाभ मिलते हैं|
नारियल तेल से बच्चों की मालिश करने से उनका शारीरिक व मानसिक विकास तेजी से होता हैं| शरीर में ताजगी व स्फूर्ति आती हैं| मांसपेशियों को आराम मिलने से बच्चे काफी अच्छी नींद में सोते भी हैं|
नारियल तेल की रोज मालिश करने से शिशु की त्वचा काफी अच्छी हो जाती हैं| इससे त्वचा में निखार आता हैं एवं नमी बनी रहती हैं| इसके अलावा बाहरी संक्रमण का असर त्वचा पर ना होने से त्वचा सुरक्षित रहती हैं|
जब दांत निकलने की शुरुआत होती हैं तो शिशु को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता हैं| ऐसे समय में अगर शिशु के मसूड़ों पर नारियल के तेल की हल्के हाथों से मालिश की जाए तो शिशु को बहुत आराम मिलेगा|
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नारियल तेल एक प्राकृतिक रेचक के रूप में भी काम करता हैं जो शिशुओं में कब्ज के लिए बेहतर इलाज हैं| इसके सेवन से पाचन क्रिया सही रहती है और शिशु को कब्ज नहीं होता हैं| लेकिन खास ध्यान रखें कि नारियल तेल केवल 1 वर्ष से अधिक के बच्चों को दिया जाना चाहिए और वह भी डॉक्टर से सलाह लेकर|
नारियल तेल में भरपूर मात्रा में फाइबर और वसा होती हैं जो खाना पचाने में सहायक सिद्ध होती हैं| बच्चों को रोज आधा चम्मच नारियल तेल का सेवन कराने से उनका पाचन तंत्र मजबूत होता हैं जिससे बच्चों का शारीरिक विकास तेजी से होता है और उन्हें पेट से संबंधित समस्या नहीं होती हैं|
नारियल तेल में एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल जैसे गुण पाए जाते हैं जो शरीर को बाहरी संक्रमण से लड़ने में सहायता करते हैं| इसका सेवन रोज करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती हैं जिससे शरीर स्वस्थ बना रहता हैं| इसलिए बच्चों की नारियल के तेल से मालिश करनी चाहिए और उसके खाने में देना हो तो वह भी बहुत फायदेमंद होता हैं|
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जब बच्चे रेंगना या चलना शुरु करते हैं तो बाजू और घुटनों पर खरोंच आदि का लगना आम बात हैं| ऐसी चोटों को टाला भी नहीं जा सकता हैं| ऐसे में शिशु की क्षतिग्रस्त त्वचा पर इसे लगाने से त्वचा की मरम्मत व दर्द से छुटकारा दोनों ही बहुत कम समय में मिल जाता हैं|
बच्चों की त्वचा पर अक्सर होने वाले मुंहासे, डायपर से होने वाले रैशेस, रूसी और कई प्रकार के त्वचा विकारो के लिए नारियल तेल एक बहुत ही उत्तम विकल्प हैं|
शिशु की त्वचा बहुत ज्यादा नर्म होती हैं| उससे ज्यादा नाजुक उसके होंठ होते हैं यही कारण है कि उसके होंठ जल्दी फट जाते हैं| बच्चों के फटे होंठों को नरम बनाने के लिए उन पर नारियल तेल लगाया जाना चाहिए|
दूसरे बच्चों के साथ खेलते वक्त बच्चे बिल्कुल लापरवाह हो जाते हैं| कई बार उनके सिर में जुओं का आना हो जाता है परंतु नारियल का तेल बच्चों के सिर में पड़ने वाली जुओं के खिलाफ एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय हैं| उनके सिर पर नारियल तेल की मालिश अच्छे से करके केवल जुओं से ही नहीं बल्कि जुओं द्वारा छोड़े गए अन्डो से भी राहत मिलेगी|
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