मुंडन हिंदू धर्म के साथ कई अन्य धर्मों में भी काफी पवित्र व आवश्यक माना जाता है। आज भी कई लोग मुंडन शुभ मुहूर्त व पंडित आदि से दिखा कर ही करते हैं। मुंडन को चौल मुंडन, चौल कर्म, चूड़ाकर्म संस्कार इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। अगर आप साल 2020 में मुंडन कराना चाहते हैं तो नीचे दिए गए शुभ मुहूर्तों को देख सकते हैं।
हिंदू धर्म में मुंडन का बहुत ज्यादा महत्व माना जाता है। मान्यतानुसार यह शुभ दिन में शुभ मुहूर्त के दौरान ही किया जाना चाहिए। हालांकि कई लोग अपनी सहूलियत के अनुसार किसी भी दिन मुंडन करा लेते हैं जो सही भी है। आइयें जानते हैं कि साल 2020 में किन किन दिन मुंडन कराना शुभ होगा।
सोमवार, 27 जनवरी
शुक्रवार, 31 जनवरी
बुधवार, 05 फरवरी
शुक्रवार, 07 फरवरी
गुरुवार, 13 फरवरी
शुक्रवार, 14 फरवरी
सोमवार, 17 फरवरी
शुक्रवार, 21 फरवरी
शुक्रवार, 28 फरवरी
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गुरुवार, 19 मार्च
गुरुवार, 26 मार्च
शुक्रवार, 03 अप्रैल
गुरुवार, 09 अप्रैल
गुरुवार, 16 अप्रैल
शुक्रवार, 17 अप्रैल
सोमवार, 27 अप्रैल
बुधवार, 29 अप्रैल
गुरुवार, 30 अप्रैल
बुधवार, 06 मई
गुरुवार, 07 मई
बुधवार, 13 मई
बुधवार, 20 मई
बुधवार, 27 मई
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सोमवार, 22 जून
बुधवार, 24 जून
शुक्रवार, 3 जुलाई
मंगलवार, 7 जुलाई
बुधवार, 8 जुलाई
वीरवार, 9 जुलाई
रविवार, 12 जुलाई
सोमवार, 13 जुलाई
रविवार, 18 अक्टूबर
सोमवार, 19 अक्टूबर
हिंदू धर्म में मुंडन संस्कार को आठवां संस्कार माना जाता है जिसमें शिशु के जन्म के समय के बालों को काटा जाता है। मान्यता यह होती है कि बच्चे के सिर पर गर्भ के समय के बाल रहते हैं जो अशुद्ध माने जाते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में व कुछ अन्य धर्मों के लोग भी इसके मुताबिक बच्चों का मुंडन (Bachho Ka Mundan) करवाते हैं।
● मुंडन कराने से बच्चों के शरीर का ताप कम होता है और वह काफी रिलेक्स महसूस करते हैं। हालांकि सर्दियों में मुंडन कराने के दौरान शिशु का पूर्ण ख्याल रखें।
● कई माएं मानती हैं कि मुण्डन बच्चों को दांतों के निकलते समय होने वाले दर्द से भी आराम देता है।
● मुंडन कराने से कोशिकाओं में रक्त का प्रवाह अच्छी तरह से होता है और इसके प्रभाव से भविष्य में आने वाले बाल बेहतर होते हैं।
● मुंडन हमेशा नए उस्तरे से ही कराना चाहिए। साथ ही अगर शिशु एक या दो साल का है तो विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है।
● मुंडन के बाद कई लोग सर को इन्फेक्शन से बचाने के लिए हल्दी या चंदन का लेप भी लगाते हैं।
हिंदू धर्म के अनुसार मान्यता है कि बच्चों का मुंडन ज्यादातर विषम तिथि यानी 3, 5 या 7 वर्ष की उम्र में किया जाना चाहिए। मुंडन करने के लिए शुभ नक्षत्र, तिथि, शुभ वार और शुभ लग्न का होना जरूरी है।
मुंडन के लिए शुभ नक्षत्र: ज्येष्ठ, मृगाशीरा, रेवती, चित्रा, हस्त, अश्विनी, पुष्य, स्वाति, अभिजीत, पुनर्वसु, श्रवण, घनिष्ठा, रातभिषा।
मुंडन के लिए शुभ वार: सोमवार, बुधवार, वीरवार, शुक्रवार।
मुंडन के लिए शुभ तिथि: द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी।
मुंडन के लिए शुभ लग्न: द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, षष्ठी, नवमी, द्वादशी।
मुंडन के लिए लग्न शुद्धि: शुभ ग्रह प्रतिपदा, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, सप्तमी, नवमी, दशमी स्थानों में शुभ होते हैं।
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