गर्भनिरोध के यह पांच तरीके सबको होने चाहिए मालूम

गर्भनिरोध के यह पांच तरीके सबको होने चाहिए मालूम

हर वर्ष 26 सितंबर को दुनिया भर में विश्व गर्भनिरोधक दिवस (World Contraception Day) मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मनाए जाने वाले इस दिन का मुख्य उद्देश्य समाज को सुरक्षित गर्भनिरोधक उपायों के प्रति जागरुक बनाकर महिलाओं को सशक्त करना है। आइयें जानें क्यों इन गर्भनिरोधक उपायों की जानकारी होना हमारे लिए आवश्यक है?

 

क्यों जरूरी है गर्भनिरोधक उपाय

ऐसी कई परिस्थितियां जहां हम शारीरिक संबंधों के बाद बच्चे की चाह नहीं रखते वहां गर्भनिरोधक उपाय जरूरी हो जाते हैं। आजकल युवा काफी समझदार हो चुके हैं परंतु शादी के बाद अक्सर वह भी दो बच्चों के बीच या ठीक शादी के बाद सही गर्भनिरोधक उपायों (Contraception Methods) का चयन नहीं कर पाते, नतीजन या तो दो बच्चों के बीच कम अंतर या अनचाहा गर्भ।

जिसके बाद कई बार महिलाओं को ना चाहते हुए भी अबॉर्शन यानि गर्भपात से गुजरना पडता है। गर्भपात मानसिक और शारीरिक दोनों ही सूरतों में काफी दर्द देता है। इसलिए जरूरी है कि हमें गर्भनिरोध (Birth Control) के सभी उपायों की पूर्ण जानकारी हो।

 

पांच प्रभावी गर्भनिरोधक उपाय (5 Effective Contraception Methods in Hindi)

#1. इन्ट्रायूट्रीन डिवाइस या कॉपर टी (IUD)

भारत में कॉपर टी या आईयूडी काफी लंबे समय से एक प्रभावी गर्भनिरोधक उपाय माना जाता है। यह यहां सर्वाधिक इस्तेमाल होता है। यह एक छोटा-सा डिवाइस होता है जो यूटरस में लगाया जाता है। यह स्पर्म को महिलाओं के अंडों तक नहीं पहुंचने देता। यह 98 प्रतिशत कामयाब माना जाता है। जब आपको गर्भधारण करना हो तो आप इसको निकलवा सकती हैं। पहली बार लगाने पर यह पांच साल तक कार्य करता है।

साइट इफेक्टः आईयूडी के साइड इफेक्ट में सबसे अहम है एलर्जी। अगर आपको तांबे से एलर्जी है तो इसका प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें। कई बार कॉपर टी लगवाने के शुरुआती दिनों में बार-बार खून आने की समस्या हो जाती है जो कुछ समय बाद अपने आप सही भी हो जाती है।

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#2. गर्भनिरोधक साप्ताहिक गोलियां (Contraceptive Pills)

भारत में प्रचलित गर्भनिरोधक उपायों में यह गोलियां शायद सबसे पूरानी है। इन्हें हॉरमोन बेस्ड कॉन्ट्रासेप्टिव्स कहा जाता है। यह शरीर के हार्मोंस को बैलेंस करके गर्भ को ठहरने से रोकती हैं। गर्भनिरोधक गोलियां दो तरह की होती हैं एक मिश्रित गर्भनिरोधक गोलियों और दूसरी प्रोजेस्टिन ओनली पिल।

 

मिश्रित गर्भनिरोधक गोलियां में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन दोनों हार्मोंस होते है। प्रोजेस्टिन ओनली पिल में केवल प्रोजेस्टिन हार्मोन होते हैं। इसे मिनी पिल भी कहते हैं। भारत में प्रचलित गर्भनिरोधक गोलियों में सहेली, माला डी आदि अधिक प्रचलित हैं। इनका सेवन इनमें मौजूद दिशा-निर्देशों के अनुसार ही करना चाहिए।

 

साइड इफेक्टः इन गोलियों के सेवन से अक्सर महिलाओं में वजन बढने या मुहांसे होने की समस्या हो जाती है। हालांकि यह साइड इफेक्ट काफी कम होते हैं।
नोटः अगर आप किसी कारण इन गोलियों का सेवन किसी दिन करना भूल जाएं तो घबराएं नही बल्कि अगले दिन जल्द से जल्द एक ही गोली खाएं।

#3. कंडोम (Condom)

कंडोम भी गर्भनिरोध के सबसे प्रभावी उपायों में से एक है। यह ना सिर्फ परिवार नियोजन बल्कि सेफ सेक्स के लिए भी सबसे जरूरी कदम है। आज पुरुष और महिला दोनों प्रकार के कंडोम बाजार में मौजूद हैं। कई सरकारी अस्पतालों या डिस्पेंसरियों में यह निशुल्क उपलब्ध होता है। इसका उपयोग बेहद आसान होता है और यह सबसे आसानी से उपलब्ध गर्भनिरोधक उपायों में से एक है।

साइड इफेक्टः कंडोम में लेटेक्स नामक एक तत्व होता है जो इसे चिकनाई प्रदान करता है। कई लोगों को इससे एलर्जी होती है। ऐसे लोगों के लिए कंडोम का इस्तेमाल गंभीर परिणाम देने वाला होता है। साथ ही कई बार संभोग के दौरान यह फट भी जाता है जिससे गर्भ ठहरने का डर बन जाता है।

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#4. हार्मोन इंजेक्शन (Contraceptive Harmone Injection)

आजकल बाजार में ऐसे इंजेक्शन मौजूद हैं जो गर्भनिरोध में काफी अहम भूमिका निभाते हैं। यह हार्मोन बेस्ड होते है। यह लगभग तीन महीने तक प्रभावी रहते हैं। यह इंजेक्शन पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए हैं। महिलाओं के इंजेक्शन को डिपो मेड्रोक्सी प्रोजेस्ट्रॉन एसीटेट के नाम से जाना जाता है जिसमें प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन होता है।

 

पुरुषों के लिए उपलब्ध इंजेक्शन में टेस्टोस्टेरोन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन दोनों होते हैं और यह शुक्राणुओं का उत्पादन कुछ समय के लिए बंद कर देता है।
गर्भनिरोध इंजेक्शन के नुकसानः यह उपरोक्त सभी उपायों से थोडा महंगा उपाय है। साथ ही कुछ स्टीडज में यह बात सामने आई है कि इनका प्रयोग करने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं लेकिन जब इनका प्रयोग बंद कर दिया जाता है तो हड्डियां सामान्य हो जाती हैं।

 

#5. आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां (Emergency Contraceptive Pills)

आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग करने से पहले इसके नाम को समझें। यह केवल आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां हैं जो सामान्य गर्भनिरोधक उपायों के फेल होने पर ही खाई जानी चाहिए क्योंकि इनके साइड इफेक्ट काफी अधिक हैं। संभोग के तीन दिन के अंदर इन गोलियों को खाने से यह गर्भ ठहरने की संभावना को काफी हद तक कम कर देती हैं।

साइड इफेक्टः इन दवाओं के लगातार प्रयोग से पीरियड्स में बदलाव, रक्त स्त्राव, उल्टी, बेहोशी, चक्कर आदि की समस्या होने लगती है। इन्हें नियमित रूप से खाने से बचना चाहिए।

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गर्भनिरोधक के अन्य उपायों में स्पर्मीसाइड जेल व क्रीम, डायफ्राम, सर्वाइकल कैप, गर्भनिरोधक स्पंज़ या पैच आदि महत्वपूर्ण है लेकिन जब बात प्रभाव व साइड इफेक्ट की बात आती है तो उपरोक्त उपाय सबसे बेहतर माने जाते हैं। इन सभी गर्भ निरोध या बर्थ कंट्रोल के बारें में जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।

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