मच्छरों से होने वाली बीमारियों में एक नाम ‘मलेरिया’ का भी है, जिसके हर साल भारत में लगभग चार लाख से भी अधिक मामले आते हैं यही नहीं इसमें अधिक संख्या पांच साल से कम उम्र के बच्चों की होती है। पूरी दुनिया में हर साल दो करोड़ से भी अधिक लोग मलेरिया का शिकार बनते हैं। मलेरिया प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम नामक परजीवी के माध्यम से फैलता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मलेरिया को रोकने के उपाय (Malaria ko Rokne ke Upay)।
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मलेरिया के मुख्य लक्षण हैं तेज बुखार, ठंड लगना आदि। बरसात के मौसम में मलेरिया के फैलने की गुंजाईश अधिक रहती है क्योंकि इस दौरान जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाता हैं, जिस में मच्छर अधिक पनपते हैं। अगर लम्बे समय तक मलेरिया का उचित उपचार न किया जाए तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है।
कुछ साल पहले तक मलेरिया में सामान्य दवाओं का असर हो जाता था, लेकिन अब मलेरिया पैदा करने वाले परजीवी प्लाज्मोडियम की इम्युनिटी बढ़ गयी है जिसके कारण अब साधारण दवाएं कोई असर नहीं कर पाती।
इसलिए मलेरिया में उपचार से अच्छा है इससे बचाव और मलेरिया को फैलने से रोकना, जानिए ऐसे ही कुछ आसान उपायों (Prevention of Malaria) के बारे में।
मलेरिया को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है इसकी पहचान करना ताकि जल्दी से जल्दी इसका उपचार हो सके। अगर ऐसा नहीं होगा तो यह उस व्यक्ति के लिए तो हानिकारक होगा ही, साथ ही दूसरे लोग भी आसानी से इसका शिकार बन सकते हैं इसलिए इस बीमारी को फैलने से बचाने के लिए संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखें और उसका पूरा उपचार करें।
मलेरिया प्लास्मोडियम नाम के परजीवी रोगाणु से होता है जो मादा एनोफेलीज़ मच्छर में पाए जाते हैं। यह मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है तो प्लास्मोडियम रोगाणु खून की नली के माध्यम से उस व्यक्ति के शरीर में फैल जाता है। मलेरिया को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है मच्छरों से खुद को बचाना।
ऐसे यह रोगाणु व्यक्ति के लीवर की कोशिकाओं तक पहुँच जाते हैं और इसके बाद से इनकी संख्या बढ़ती जाती है और कुछ दिनों में इसके लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। इसके लिए कुछ आसान टिप्स इस प्रकार हैं:
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मलेरिया जिन परजीवियों के कारण फैलता है वो रोगी के लाल रक्त कोशिकाओं में पाए जाते हैं इसलिए जिस व्यक्ति को मलेरिया है उसका खून अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति को चढ़ा दिया जाए तो स्वस्थ व्यक्ति भी इस रोग का शिकार बन सकता है।
संक्रमित खून चढ़ाने से इस रोग के फैलने की संभावना अधिक होती है इसलिए मलेरिया न फैले, इससे बचने के लिए जब भी खून की ज़रूरत हो तो उस खून की जाँच अवश्य कर लेनी चाहिए।
ऐसे ही अगर कोई सिरिंज या सुई संक्रमित व्यक्ति के लिए प्रयोग की गयी हो और उसका फिर से प्रयोग किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में किया जाए तब भी मलेरिया फैल सकता है। इसलिए एक बार प्रयोग की गयी सिरिंज या सुई का प्रयोग किसी भी स्थिति में न तो स्वयं करें न ही किसी को करने दें।
मलेरिया को फैलने से रोकने का एकमात्र आसान तरीका है इन मच्छरों को पैदा होने से रोकना। यह मच्छर पानी में पनपते हैं इसलिए अपने घर या आस-पास पानी को न जमा होने दें। समय समय पर पानी के स्रोतों को खाली करते रहें या उन्हें ढक कर रखें ताकि यह मच्छर उसमे अपने अंडे न दे सके।
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मलेरिया के उपचार को बीच में न छोड़ें। अधूरा उपचार पैरासिटेमिया परजीवी को रोगी के शरीर से पूरी तरह से बाहर निकालने में असफल रहता है, जिसके कारण यह रोग अन्य लोगों में मच्छर, खून, सिरिंज या अन्य कारणों से फैल सकता है। अगर आप मलेरिया को रोकना चाहते हैं तो उसका पूरा कोर्स करना बेहद जरूरी है।
मलेरिया के लक्षणों का पता लगते ही डॉक्टर के पास जाएं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक उचित उपचार और पूरे टेस्ट करवाए।
जागरूक रह कर और अन्य लोगों को जागरूक कर के इस रोग को फैलने से बचाया जा सकता है। लोगों को मलेरिया के लक्षणों और कारणों के बारे में शिक्षित करना भी बेहद ज़रूरी है। अगर सभी लोग कुछ सावधानियां बरतें तो वो इस गंभीर रोग से बच सकते हैं और मलेरिया को रोक सकते हैं।
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