हर माँ को स्तनपान 6 महीने तक तो कराना ही चाहिए और अगर हो सके तो आप अपने बच्चे को स्तनपान 2 साल तक भी करा सकती है। पर अगर यही माँ का दूध बच्चे को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता हैं तो उन्हे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। आइयें आज जानते हैं कि मां का दूध बढ़ाने के कुछ घरेलू उपाय (Doodh badhane ke gharelu nuskhe)
माँ के दूध (Maa ka Dudh kam hone ke karan) में कमी होने के बहुत से कारण हो सकते है जैसे कि:
इसके लिए जरूरी हैं कि आप अपने खान-पान को सुधारे और अधिक मात्रा में पोषक तत्व युक्त भोजन करे। इसके अलावा आप कुछ घरेलू उपाय (Breast milk badhane ke gharelu upay) भी अपना सकती हैं जिससे माँ का दूध बढ़ाया जा सके।
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दूध की कमी को पूरा करने के लिए ये सबसे पुराना और असरदार उपाय हैं जो कि प्रसव के बाद सभी महिलाओ को दिया जाता हैं। मेथी में ओमेगा 3, आइरन, कैल्शियम और फेटी एसिड के गुण होते हैं जिससे बच्चे का दिमाग तेज होता है और उन्हे कई बीमारियो से लड़ने में मदद मिलती हैं।
दूध बढ़ाने के इस उपाय को करने के लिए आपको एक बड़ा चम्मच मेथी के दाने को 1 कप पानी में रात भर भिगो के रखना हैं और दूसरे दिन सुबह इस पानी को 5 से 7 मिनट के लिए उबालना हैं और इसे छान कर चाय की तरह पीने से दूध में बढ़ोतरी आती हैं और बच्चे और माँ के लिए भी लाभकारी हैं।
आप अपने आहार में मेथी का साग भी शामिल कर सकती हैं जिससे आपके बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध मिलता रहे।
सौंफ भी दूध की कमी को पूरा करने के लिए नई माँओ को दिया जाता हैं। इससे बच्चो को पेट की परेशानी और गैस से दूर रखने में मदद मिलती है और इतना ही नहीं, उनकी पाचन शक्ती भी मजबूत होती हैं।
इसे आप चाय की तरह भी पी सकती हैं। बस आपको इसे बनाने के लिए एक कप गरम पानी में आधा घंटा के लिए सौंफ को रखे और दिन में दो बार पिये, जिससे आपको माँ का दूध बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मेवा यानि ड्राइ फ्रूट्स में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं जिससे माँ के दूध को बढ़ाने में मदद मिलती हैं। आप रोज दिन में बादाम, अखरोट, काजू और पिस्ता का सेवन करे, जिससे माँ के शरीर की कमजोरी दूर करने में मदद मिलेगी व साथ ही बच्चे का दिमाग तेज होगा।
आप मेवा को कच्चा ही खाये तो ज्यादा लाभ होगा। अगर आपको ऐसे खाना पसंद नहीं है तो आप इसका मिल्क शेक बना कर भी पी सकती हैं। इसका उपयोग एक सीमित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि कोई भी चीज जरूरत से ज्यादा सेवन करने से फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही होता हैं।
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लहसुन खाने से भी माँ के दूध की आपूर्ति को बढ़ाया जा सकता है क्योंकि एक अध्ययन में पाया गया हैं कि जिन माँओ ने लहसुन खाया हैं उनके बच्चे ज्यादा समय तक स्तनपान करते हैं। लहसुन में रोगाणुरोधी गुण होते है जो माँ और बच्चे दोनों की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाते हैं।
कच्चा लहसुन खाने से अधिक लाभ होता हैं, लेकिन अगर आपको इसकी महक और स्वाद के चलते इसे खाने में परेशानी होती हैं, तो आप इसे कोई भी सब्जी, दाल या चटनी में डाल कर उपयोग कर सकती हैं। आप अपने खाने में इसे रोज़ शामिल भी कर सकती है।
पर याद रहे ज्यादा लहसुन का सेवन न करे नहीं तो हो सकता है आपके बच्चे के पेट में दर्द हो जाए। इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाये।
डेलीवेरी के बाद हमारे बड़े हमे बहुत प्यार से तिल के लड्डू खिलाते है जो की स्वाद में थोड़ी करवी तो होती है पर बहुत फायदेमंद होती हैं। इससे माँ के दूध में भी बढ़ोतरी होती है। इस लड्डू में भरपूर मात्रा में केल्शियम और कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो की माँ और बच्चे के स्वास्थ्य एवं शारीरक विकास के लिए बहुत ही जरूरी हैं।
माना जाता हैं कि इस लड्डू को खाने से महिला को दर्द में आराम मिलता हैं और रक्त प्रवाह सही से होता हैं। इस लड्डू में तिल, सौठ और गोंद के अलावा घी, अदरक, जीरा, शतावरी, अजवाइन और मेवे भी दिये जाते है। इसे आपको रोज खाना चाहिए, चाहे आपको इसका स्वाद पसंद हो या नहीं।
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