नए साल का दूसरा महीना चल रहा है और क्या आप जानते हैं कि नए साल में लोग किस बात का सबसे अधिक रेसोल्यूशन लेते हैं? वजन कम करने का। आधुनिकता के इस दौर में हर कोई अच्छा दिखना चाहता है। आजकल फिट रहने और अच्छे दिखने के लिए लोग बहुत कुछ करते हैं जैसे व्यायाम, योग, डाइट और पता नहीं क्या-क्या। अब इनमें एक नाम और जुड़ गया है और वो है कीटो डाइट (Keto Diet)।
आपने यह तो सुना ही होगा कि बॉलीवुड हस्तियां जैसे आलिया भट्ट, सोनाक्षी सिन्हा और अर्जुन कपूर पहले बहुत मोटे हुआ करते थे लेकिन फिल्मों में आने से पहले उन्होंने बहुत जल्दी अपने वजन को कम किया। यह कोई चमत्कार नहीं था बल्कि ऐसा कीटो डाइट की मदद से संभव हुआ है। तो आइये जाने क्या है कीटो डाइट (keto diet kya hai) और किस तरह से है यह डाइट फायदेमंद (Benefits of Keto Diet)।
कीटो डाइट का पूरा नाम है कीटोजेनिक डाइट (Ketogenic Diet) जिसे इसे लो कार्ब डाइट या फैट डाइट जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस डाइट में कार्बोहाइट्रेड वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम और वसा और लॉ कार्ब्स वाले आहार अधिक खाए जाते हैं।
जब हम अधिक कार्बोहाइट्रेड युक्त चीज़ों को खाते हैं तो इससे शरीर में ग्लूकोस और इन्सूलिन का अधिक निर्माण होता है जिसके कारण हमारे शरीर में फैट बढ़ने लगता है। इसलिए कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की मनाही होती है। इसके स्थान पर अधिक वसा युक्त चीजें जैसे बटर, नारियल तेल आदि अधिक खाया जाता है। कीटो डाइट के सेवन से मनुष्य के लिवर में कीटोन पैदा होता है और इस डाइट में फैट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है ताकि शरीर को ऊर्जा प्राप्त हो। इस पूरी प्रक्रिया को कीटोसिस (Ketosis) के नाम से जाना जाता है।
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कीटो डाइट में फैट सबसे अधिक खाया जाता है फिर प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स को सबसे कम सेवन किया जाता है। अगर एक आंकड़े को देखे तो कीटो डाइट में लगभग 70 प्रतिशत फैट, 25 प्रतिशत प्रोटीन और मात्र 5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए। यह पूरी प्रकिया दिखने में तो आसान लगती है लेकिन इसे अपनाना बेहद मुश्किल माना जाता है।
कीटो डाइट का अधिक लोकप्रिय होने का एक कारण यह भी है कि इसमें आपको मन मारने या अपनी पसंदीदा चीजों को खाना छोड़ने की जरूरत नहीं होती है। अगर आप मांसाहारी हैं तो आप चिकन, अंडा, मछली या मटन खा सकते हैं वेजिटेरियन लोग इस डाइट में अपनी पसंद की सब्जियां पनीर, मक्खन, मलाई आदि का सेवन कर सकते हैं। कीटो डाइट में दही, नट्स, मक्खन, नारियल तेल आदि का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए।
हालाँकि कीटो डाइट में कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें नहीं खाना चाहिए जैसे अनाज, गेंहू, संतरा, सेब और केला आदि, सब्जियों में भी कुछ सब्जियों जैसे आलू को भी कीटो डाइट में स्थान नहीं दिया गया है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा पाई जाती है। कीटो डाइट में चीनी भी कम पीनी चाहिए।
ब्रेकफास्टः नारियल या ऑलिव ऑयल में बना हुआ पनीर भूजी, चीज ऑमलेट या फिर चिकन कीमा
लंचः सफेद मक्खन के साथ मशरूम और पालक का सूप
डिनरः हरी सब्जियों का सलाद, या सब्जियों और पनीर का सलाद
कीटो डाइट वजन कम करने में बहुत अधिक सहायक है और ऐसा माना जाता है कि इस डाइट का सही से पालन करने से केवल कुछ ही दिनों में वजन कम हो जाता है। आज के समय में वजन कम करने का यह सबसे उपयुक्त और कारगर रास्ता है। कुछ प्रसिद्ध बॉलीवुड हस्तियां इसका उदाहरण हैं जो बहुत कम समय में फैट से फिट हुई हैं।
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अगर हम सामान्य डाइट करते हैं तो अक्सर ऊर्जा की कमी महसूस होती है इसीलिए डॉक्टर डाइट करने और खुद को भूखा रखने के लिए मना करते हैं लेकिन कीटो डाइट में ऐसा नहीं होता। कीटो डाइट में फैट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त होती है जिसके कारण इस डाइट का पालन करने वाला मनुष्य पूरा दिन ऊर्जावान महसूस करता है।
ऐसा भी पाया गया है कि जो लोग कीटो डाइट का पालन करते हैं उनकी एकाग्रता और ध्यान बढ़ता है। क्योंकि अधिक वसा युक्त आहार के सेवन से हमारा दिमाग अधिक एक्टिव रहता है। इसके साथ ही इस डाइट का पालन करने से ब्लड प्रेशर और केलेस्ट्रॉल भी नियंत्रण में रहता है। यही नहीं कम कार्बोहायड्रेट के सेवन से इन्सुलिन की मात्रा हमारे शरीर में नियंत्रित रहती है जिसके कारण टाइप टू मधुमेह भी कंट्रोल में रहता है।
कई सालों से कीटो डाइट का प्रयोग वो लोग करते हैं जिन्हें मिरगी या एपलेप्सी की परेशानी होती है और आज भी इसका प्रयोग ऐसे रोगियों के लिए किया जाता है।
जल्दी वजन कम करने के लिए यह डाइट बहुत ही लाभदायक मानी जाती है लेकिन इसका प्रयोग काफी सोच-समझ कर और सावधानी से करना चाहिए। कई बार यह देखने में भी आता है कि कीटो डाइट के कारण लोगों के पैरों में ऐंठन की समस्या आने लगती है हालाँकि ऐसा शरीर में मैग्नीशियम की कमी के कारण होता है और इसके लिए पर्याप्त नमक और तरल पदार्थों को शामिल करने से यह समस्या दूर हो जाती है। ऐसे ही इसमें कब्ज की शिकायत भी हो सकती है।
कीटो डाइट निःसंदेह बहुत फायदेमंद है इसमें डाइट के बावजूद आपको कभी भी भूखा रहने वाली स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। बिना विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह के बिना कीटो डाइट को फॉलो ना करें।
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(लेखिका डॉ. रीतिका जुनेजा एक फिजियोथेरेपिस्ट (Physiotherapist) हैं और फिटनेस उद्योग में फिटनेस सलाहकार के रूप में 8 साल का अनुभव है। दिल्ली के प्रतिष्ठित जिम व फिटनेस सेंटर में सेवाएं प्रदान कर रही हैं।)
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