बच्चों को कैसे रखें जानवरों से सावधान

बच्चों को कैसे रखें जानवरों से सावधान

पालतू जानवर का घर में होना आजकल एक फैशन बन गया है। बिल्ली, कुत्ता, खरगोश, मछलियों को पालना लोगों को पसंद होता है। लेकिन इनकी देखभाल करना और उनकी हर ज़रूरत का ध्यान रखना इतना आसान भी नहीं है। पालतू जानवरों की देखभाल बहुत ध्यान से करनी पड़ती है लेकिन मुश्किलें तब बढ़ जाती है जब घर में कोई छोटा बच्चा हो। ऐसा नहीं है कि बच्चे जानवरों को या जानवर बच्चों को पसंद नहीं करते। छोटे बच्चे पालतू जानवरों या पेट्स को बहुत अधिक पसंद करते हैं और जल्दी ही उनसे जुड़ जाते हैं लेकिन कई बार यह हानिकारक साबित हो सकता है। लेकिन आप बस आप खुद थोड़ी सी सावधानी बरतकर अपने बच्चों और अपने पालतू जानवर (Pets) के लिए अच्छा माहौल तैयार कर सकते हैं। बच्चों को कैसे रखें जानवरों से सावधान (Tips to Keep Kids Safe from Pets in Hindi) #1. उचित दूरी बनाना (Keep distance from pets) बच्चों को पालतू जानवरों से कितनी दूरी बना कर रखनी है, इसके बारे में उन्हें बिल्कुल भी जानकारी नहीं होती लेकिन उन्हें इस बात को लेकर सावधान करना आवश्यक है। बहुत छोटे बच्चे अपना चेहरा जानवर के चेहरे के बिल्कुल पास लाने से भी नहीं हिचकते। हालाँकि ऐसा करना जानवर को भी परेशान कर सकता है। कुत्ते या बिल्ली जैसे जानवर का नाखून या दांत लगना भी शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। बच्चे को पालतू जानवर (Paltu Janwar) से उचित दूरी बना कर रखने के लिए समझाएं खासकर उनके मुँह और नाखूनों से। #2. शांति से खाने दें (Let them eat peacefully) मनुष्यों की तरह जानवरों को भी आराम और शांति से खाने की इच्छा होती है। घर के बच्चों को समझा दें कि जब जानवर खा रहा हो तब उन्हें न छेड़े क्योंकि ऐसा करना उनके चिढ़ने का कारण बन सकता है जिससे वो बच्चे को काट या उन पर झपट सकते हैं। इसको लेकर अपने बच्चे को सावधान कर दें। इसके साथ ही बच्चे को जानवर के प्रिय खिलौने से भी दूर रहने के लिए कहें। इसे भी पढ़ेंः बच्चों की अपंगता से डील करना कैसे सिखाएं #3. आराम करने दें (Dont intrupt pets while rest) मनुष्य की तरह जानवरों को भी यह नहीं भाता कि आराम करते या सोते समय उन्हें कोई परेशान करे। लेकिन हम मनुष्य भाग्यशाली है कि आराम करते समय हम अपने कमरे को बंद कर सकते हैं ताकि कोई अंदर आकर हमें तंग न कर सके लेकिन जानवर ऐसा नहीं कर सकते। अगर घर में छोटा बच्चा है तो माता-पिता की तरह घर के पालतू जानवर भी आराम से सो या बैठ नहीं पाते। अगर आपका जानवर आराम करना चाहता है तो उसे अकेला छोड़ दें और बच्चे को भी समझाएं कि जानवर के लिए भी आराम करना कितना आवश्यक है। #4. तंग न करें (Dont make them angry) बच्चों को उन्हें बार-बार उठाना, उनके कान या बाल आदि को पकड़ना आदि बिलकुल पसंद नहीं होता ऐसा ही कुछ जानवरों पर भी लागू होता है। अगर कोई बार-बार जानवरों के कान या पूँछ खींचे, उनके ऊपर कूदे या बैठे तो यह सब भी जानवरों के गुस्से का कारण बन सकता है। कभी-कभी जानवर इन गतिविधियों को पसंद करते हैं लेकिन अगर उन्हें ऐसा पसंद नहीं है तो अपने बच्चों को उनके साथ नम्रता से पेश आने की सलाह दें और ऐसा करने से होने वाले परिणामों से सावधान कर दें। #5 शोर (Noise) क्या आप जानते हैं की जानवरों को भी अधिक शोर या चिल्लाना पसंद नहीं होता। दीपावली या अन्य त्यौहारों पर होने वाले पटाखों के शोर के कारण जानवर कहीं छुप जाते हैं क्योंकि जानवर आवाज़ या शोर को लेकर मनुष्यों से अधिक संवेदनशील होते हैं। अपने बच्चे को जानवर के सामने शोर मचाने या चिल्लाने की नसीहत ना दें इसके साथ ही खुद भी अधिक ध्वनि प्रदूषण न करें। इसे भी पढ़ेंः डे-केयर भेजने के फायदे #6 खाने पीने की चीजों से रखें दूर (Keep away from their food) कई लोगों को आदत होती है कि वह बच्चों को पालतू जानवरों को खाना खिलाने देते हैं या कई बार उनके साथ खेलने के बाद हाथ नहीं धोते जो गलत है। ऐसा कभी ना करें। यह खतरनाक हो सकता है। पेट्स (pets) के साथ खेलने के बाद बच्चों के हाथ अच्छे से धुलवा दें।   पालतू जानवरों के साथ रखें यह सावधानिएं (Precautions as a Pet Owner in Hindi)

  • अपने बच्चे को पालतू जानवर के साथ कभी भी अकेला न छोड़ें क्योंकि दुर्घटना कभी भी हो सकती है क्योंकि बच्चे उन्हें तंग कर सकते हैं या उस तरह से जानवर को पकड़ सकते हैं जिससे वो असुविधाजनक महसूस करें, ऐसे में अपने बचाव के लिए जानवर उन्हें काट सकते हैं।
  • इस बात का ध्यान रखें कि आपके पालतू जानवर के पास अपना एक आरामदायक और शांति भर स्थान हो जहां वो जाकर सो सके या अकेला बैठ सके और उन्हें वहां कोई भी परेशान न करे।
  • अपने बच्चे को अपने पालतू जानवर की देखरेख में शामिल करें इससे उसमे समझदारी और ज़िम्मेदारी की भावना विकसित होगी।
  • अपने बच्चे को कभी भी अपने पालतू जानवर के साथ सोने न दें इसके साथ ही अपने पालतू को भी अपने बच्चे के कमरे में अकेले प्रवेश न करने दें साथ ही उसे इतनी भी छूट न दें कि वो आपने बच्चे को चाटे या खेल-खेल में नाखून आदि लगाए।
  • घरों में पालतू जानवरों के रूप में अक्सर कुत्ते या बिल्ली को पाला जाता है। अगर आप कुत्ते को पाल रहे है तो पहले जानवरों के डॉक्टर की सलाह ले ले। कुत्ते की आदतों के बारे में जान लें। उसे पूरे टीके लगवाए। हो सके तो उसे ट्रेनिंग दिलाए।
  • अगर बिल्ली पाल रहे हैं तो उसे घर से बाहर ही रखे और उसकी सफाई का खास ध्यान रखें। मछलियां एक्वेरियम में पाली जा सकती हैं लेकिन ध्यान रखें कि वो बच्चों की पहुँच से दूर हों।
  ऐसा नहीं हैं कि बच्चे पालतू जानवरों के साथ मिलजुल कर रह नहीं सकते लेकिन उन्हें जानवरों के साथ नम्रता से पेश आना सिखाएं, न की अपने खिलौने की तरह। इसके साथ ही कब उनका पालतू खुश होता है और कब परेशान, इस बात की पहचान करना भी अपने बच्चे को सिखाएं ताकि अगर जानवर का मूड खराब हो तो बच्चा तुरंत वहां से चला जाए और कोई दुर्घटना न हो। पालतू जानवर को घर का एक सदस्य ही समझे और बच्चों को भी उनके प्रति उनकी जिम्मेदारियों को लेकर अवगत कराएं। इसे भी पढ़ेंः क्या है मां का पहला गाढ़ा दूध क्या आप एक माँ के रूप में अन्य माताओं से शब्दों या तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभव बांटना चाहती हैं? अगर हाँ, तो माताओं के संयुक्त संगठन का हिस्सा बने। यहाँ क्लिक करें और हम आपसे संपर्क करेंगे।

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