हिंदू धर्म में मनुष्य जीवन के सोलह संस्कारों को आवश्यक माना गया हैं। यह 16 संस्कार जन्म से लेकर मृत्यु तक के काल में पूरे किए जाते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि मनुष्य का जीवन इन्हीं संस्कारों के इर्द-गिर्द ही घूमता रहता हैं। संस्कारों का यह सिलसिला गर्भाधान से ही शुरू हो जाता हैं और व्यक्ति कि अंत्येष्टि तक चलता हैं। इन्हीं 16 संस्कारों में से गोद भराई रसम (Godh bharai Rasam) भी एक हैं और यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही हैं।
गोद भराई गर्भावस्था के दौरान निभाई जाने वाली एक रीत हैं। इसमें अजन्मे शिशु का परिवार में स्वागत करने के साथ-साथ गर्भवती माँ को ढेरों खुशियों का आशीर्वाद दिया जाता हैं। गोद भराई शब्द का मूल अर्थ हैं गोद को प्रचुरता से भरना।
यह इस बात पर निर्भर करता हैं कि परिवार कौन से समुदाय से संबंध रखता हैं। कुछ परिवारों में माँ के गर्भावस्था के 7 महीने पूरे कर लेने पर यह समारोह किया जाता हैं क्योंकि सातवें माह के बाद यह माना जाता हैं कि अब शिशु और माँ एक सुरक्षित चरण में हैं। वही काफी परिवारों यह प्रक्रिया गर्भावस्था के आठवें महीने के अंत में आयोजित की जाती हैं और वहीं कुछ परिवारों में यह समारोह होता ही नहीं है और वे शिशु के जन्म के बाद ही पूजा करना पसंद करते हैं।
देश के विभिन्न देशों में गोद भराई के अवसर पर निभाई जाने वाले रीति-रिवाज अलग हो सकते हैं परंतु उन सबका सार एक ही हैं “अजन्मे शिशु को आशीर्वाद देना और गर्भवती माँ को भी दुआएं और उपहार देना”। परंपरागत रूप से गोद भराई सिर्फ महिलाओं का कार्यकरण होता हैं।
कुछ घरों में परिवार की बड़ी बुजुर्ग महिलाओं द्वारा विशेष तेलों के साथ गर्भवती माँ को अपिशिक्त किया जाता हैं। फिर वह एक विशेष साड़ी पहन कर तैयार होती हैं और उसे फूलों से सजाया जाता हैं। उत्सव शुरू होने से पहले एक पूजा होती हैं। समारोह में होने वाली माँ को आभूषणों से सजाया जाता हैं और चूड़ियां पहनाई जाती हैं। उपहारों, फलों और मिठाइयों से माँ की गोद भरी जाती हैं। गोद भराई के दौरान गर्भवती माँ के लिए खास व्यंजनों की दावत भी की जाती हैं।
गोद भराई के दौरान आमतौर पर नाच गाना, संयमित छेड़-छाड़ और मजाक करना आदि भी होता हैं। इसमें कुछ खेल भी शामिल हो सकते हैं जैसे गर्भवती माँ के पेट के आकार को देखकर अंदाजा लगाना कि होने वाला शिशु लड़का होगा या लड़की या फिर शिशु के लिए नामों की सूची बनाना।
बहुत से लोग इसे मात्र एक परंपरा समझकर निभाते जा रहे हैं परंतु इसका उद्देश्य बिल्कुल अलग हैं। तो जानिए गोद भराई का असल उद्देश्य क्या होते हैं:
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परिवार के बुजुर्ग, माँ और उनके होने वाले बच्चे को आशीर्वाद देते हैं जिसके चलते यह विधान और खास हो जाते हैं।
रस्म के दौरान गर्भवती स्त्री की गोद में फल और सूखे मेवे भरे जाते हैं। यह खाद्य पदार्थ पौष्टिक होते हैं जिनका सेवन गर्भवती स्त्री करती हैं।
दरअसल गोद भराई की रस्म बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य की कामना के लिए की जाती हैं। इस दिन होने वाली एक विशेष पूजा से गर्भ के दोष समाप्त होते हैं।
इन सबके अलावा हिंदू परंपरा में यह भी विधान हैं कि गोद भराई की रस्म के बाद स्त्री को उसके मायके भेज दिया जाता है क्योंकि मायके में रह कर महिला को पूरी तरह आराम मिल जाए और प्रसव के बाद माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।
इस दौरान मिले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बच्चे की सेहत अच्छी रहती हैं। इसके अलावा मेवों में मौजूद तैलीय गुणों के कारण स्त्री के शरीर में चिकनाई भी आ जाती है जिससे कि प्रसव के समय कम पीड़ा होती हैं।
गोद भराई आपके परिवार के लिए एक साथ आने और आपकी गर्भावस्था में शिशु के आने की खुशी का जश्न मनाने का एक विशेष उत्सव होता हैं। अपने इस विशेष दिन का पूरा आनंद लेने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
#1. गोद भराई समारोह से पहले पर्याप्त आराम करना बेहतर रहता हैं। इस दौरान आपकी दिनचर्या काफी व्यस्त हो सकती हैं जिससे आप थकावट महसूस कर सकती हैं।
#2. आप इस अवसर के लिए मौसम के अनुसार एक साड़ी लहंगा या सलवार कमीज चुनेंगी तो ज्यादा अच्छा रहेगा। अधिक गर्मी के मौसम में भारी कढ़ाई वाले जरि या रेशम के परिधानों से बचें।
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#3. गोद भराई (Godh Bharai Rasam) में तैयार किया जाने वाला भोज काफी विस्तृत होता हैं। इसमें मिठाइयां और तले हुए चटपटे व्यंजन भी शामिल होते हैं। इसलिये आप कोशिश करें कि अपने पसंदीदा व्यंजन को थोड़ी मात्रा में लें और अगर आपका पेट भर गया हो तो अतिरिक्त भोजन के लिए नम्रतापूर्वक मना कर दे।
#4. यदि आप अपने मेहमानों के लिए कुछ करना चाहती हैं तो उनके मनोरंजन के लिए आप मेहंदी लगाने वाले कुछ कलाकारों का प्रबंध कर सकती हैं। वह मेहमानों के हाथों में मेहंदी के टैटू या डिजाइन बना सकते हैं।
#5. अपना शुक्रिया अदा करने के लिए आप मेहमानों को दुपट्टे, ओढ़नी, स्कार्फ़, सुंदर चूड़ियां, सौंदर्य प्रसाधन, इत्र या सेंट की बोतल, कुमकुम टिका बिंदी का सेट आदि वापसी उपहार के तौर पर दे सकती हैं। अपनी गोद भराई का अनुभव आप अपने बर्थ क्लब में अन्य गर्भवती महिलाओं के साथ भी साझा कर सकती हैं।
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