चिकित्सा की अन्य पद्धतियों की तरह एक्यूप्रेशर इलाज भी एक बेहतरीन पद्धति है। एक्यूप्रेशर में शरीर के विभिन्न अंगों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर रोग का निदान किया जा सकता है। इन पॉइंटस को दबाने से लगभग हर तरह के दर्द और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है परंतु इस एक्यूप्रेशर का पूरा ज्ञान होना चाहिए।
एक्यूपंचर प्वॉइंट्स को ही एक्यूप्रेशर प्वॉइंट (Acupressure Points) भी कहते हैं। माना जाता है कि अगर गलत पॉइंट (Acupuncture Points) दबा दिया जाता है तो दर्द से राहत मिलने के स्थान पर कोई नई समस्या भी बन सकती है। एक्यूप्रेशर का पूरा ज्ञान ही आपको फायदा दिला सकता है क्योंकि आधा अधूरा ज्ञान बड़ी समस्या को खड़ा कर सकता है। तो चलिए जानते हैं कि एक्यूप्रेशर क्या होता है (Acupressure Kya hota hai)?
आपके शरीर में कई ऐसे प्रेशर पॉइंटस होते हैं जिनको दबाकर रोगों का उपचार किया जा सकता है। शरीर के हर अंग जैसे हाथ, पैर, बांह, सिर आदि सभी में ऐसे पॉइंटस होते हैं जिन्हें दबाकर रोग का निदान किया जा सकता है।
एक खास बात सभी व्यक्तियों के शरीर की बनावट एक जैसी नहीं होती हैं इसलिए अगर आप किसी व्यक्ति के रोग के उपचार के लिए उसके शरीर में एक्यूप्रेशर पॉइंटस ढूंढ रहे हैं तो आप सबसे पहले उस व्यक्ति का हाथ या अंगूठे को देखें।
व्यक्ति के हाथ और अंगूठे की बनावट उनके शरीर के अनुसार ही होती है और सबके हाथ और बाजू में कई पॉइंटस ऐसे होते है जो एक्यूप्रेशर की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होते हैं।
एक्यूप्रेशर पॉइंट दबाकर आप कई तरह की बीमारियों जैसे कि जुकाम, नजला, सर दर्द, साइनस, पाचन संबंधी (Pet ke liye Acupuncture Points) कोई समस्या आदि बहुत सी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं 15 ऐसे एक्यूप्रेशर पॉइंट जिन्हें दबाकर आप और हम दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
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यह पॉइंट हथेली से 1 इंच नीचे होता है और इसे दबाने से सीने में दर्द, पेट के रोग, बेचैनी, उल्टी आना, सिर का दर्द जैसे रोगों से आराम मिलता है। इसके अलावा यह पॉइंट गर्भावस्था के दौरान होने वाली उल्टी में भी काफी लाभकारी होता है। यह मोर्निंग सिकनेस को भी दूर करता है।
हमारे शरीर में यह पॉइंट माथे पर जहां औरतें बिंदी लगाती हैं वहां दोनों आइब्रो के बीच में होता हैं। इसे दबाने से थकान दूर होती है। जो लोग अनिद्रा का शिकार है उन्हें नींद लाने में भी यह सहायक होता है। इसके साथ ही यह यादाश्त को भी बढ़ाने में मदद करता है।
यह सिर के दर्द, आंखों में होने वाले दर्द को दूर करके मानसिक शांति प्रदान करता है। इसके अलावा यह इंसान को तनाव मुक्त भी करता है। इससे आपको प्रसव के बाद होने वाले तनाव से भी बहुत राहत मिलती हैं।
यह प्वाइंट घुटने के ठीक पीछे मोड़ पर होता है और इसे दबाने से कूल्हे का दर्द, कमर दर्द, अकड़न और पीठ का दर्द दूर होता है। यह साइटिका और औरथोराइटिस से भी आराम दिलाता है। इसमें आप पहले एक बिंदु को आराम से 1 मिनट दबाए फिर दूसरे पैर के इस पॉइंट को दबाए। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
यह पॉइंट हमारे तर्जनी और अंगूठे के बीच में स्थित होता है। इसे दबाने से हमें कई प्रकार के रोगों से आराम मिलता है जैसे कि गर्दन का दर्द, दांत का दर्द, कंधे का दर्द, सर का दर्द और माइग्रेन आदि।
इसे दबाने से इनमे बहुत राहत मिलती है और यह शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में भी काफी सहायक होता है। शरीर दर्द को दूर करने का यह सबसे अच्छा प्वाइंट् (acupressure point for body pain) है।
यह प्वाइंट सीने के बीचो बीच होता है और आप इसे दबाने के लिए रीड की हड्डी को सीधा रख कर सीधे खड़े होकर हाथ के दोनों अंगूठे को मिलाकर दबा सकते हैं। यह पॉइंट आपको कई प्रकार की समस्याओं से बचा सकता है जैसे कि बेचैनी, घबराहट, चिंता, थकान और भावनात्मक समस्याएं आदि। यह पॉइंट मन में उठ रहे नकारात्मक विचारों को भी खत्म करने में हमारी सहायता करता है।
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यह पॉइंट पैरों में बड़ी उंगली और अंगूठे के बीच लगभग 2 इंच नीचे स्थित होता है और इस पॉइंट को आप तर्जनी ऊँगली की सहायता से दबा सकते हैं। इसे दबाते हुए पैर को आधार पर उठाना चाहिए फिर दूसरे पैर की बिगर राशिंग पॉइंट को दबाना चाहिए। इसे दबाने से आपको सिर दर्द, आंखों की थकान और हैंगओवर से फायदा होता है। इसके अलावा यह पॉइंट आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
यह आपके घुटनों के नीचे लगभग 4 उंगली की दूरी पर होता है। इसे दबाने से पेट के बहुत सारे रोग दूर होते हैं जैसे कि अपच, कब्ज, गैस की समस्या, पेट फूलना, डायरिया, उल्टी, दस्त आदि। इस पॉइंट को दबाने से रक्त संचरण सही होता है, स्टेमिना बढ़ता है और सेहत में काफी सुधार आते हैं।
यह प्वाइंट खोपड़ी और गर्दन के जोड़ पर पीछे की ओर होता है। आज के आधुनिक दौर में इस प्वाइंट को दबाने की बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि आज की टेक्नोलॉजी के दौर में कंप्यूटर व मोबाइल पर लोग घंटों काम करते हैं जिससे उन्हें गर्दन में दर्द शुरू हो जाता है। इस पॉइंट को दबाने से गर्दन के दर्द से बहुत आराम मिलता है। इसके साथ-साथ नींद की समस्या से भी राहत मिलती है।
यहां बहुत सारे पॉइंट होते हैं और यह रीड की हड्डी के एकदम नीचे और कमर के ऊपर की और टेल बोन में स्थित होते हैं। इसे दबाने से पेल्विस में खून का संचरण अच्छे से होता है। यह माहवारी की तकलीफ को कम करता है और गर्भाशय को भी आराम देता है। इसके अलावा यह पॉइंट दबाने से साइटिका लोवर बैक पेन से भी आराम मिलता है।
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यह पॉइंट कान के ऊपरी हिस्से में स्थित होता है। इसे दबाने से तनाव दूर होता है और नींद की समस्या से राहत मिलती है। इस पॉइंट को दबाने से पूरे शरीर में सकारात्मक उर्जा साकार होने लगती है।
यह एलर्जी, चिंता और अवसाद जैसी तकलीफों से भी बचाता है। इसके अलावा यह धूम्रपान जैसी समस्या से भी छुटकारा दिलाता है। वैसे इस प्वाइंट को स्वर्ग का द्वार भी कहा जाता है।
यह पॉइंट पैर के निचले हिस्से के अंदरूनी भाग में होता है। यह पॉइंट पिंडली की हड्डियों और टखनों की हड्डियों के ऊपर की चार उंगलियों के पीछे की साइड पर होता है। इस निश्चित स्थान पर हल्के से दबाव बनाते हुए घेरा बनाकर क्लॉक वाइज हर रोज तीन मिनट तक दोनों पैरों में घुमाइए। इसे 8 से 12 सप्ताह तक कीजिए। इसे करने से किडनी, लिवर और प्लीहा से संबंधित विकार समाप्त होते हैं।
यह पॉइंट पैर के अंगूठे और उसके बगल की छोटी उंगली के बीच में होता है। इस बिंदु को दबाकर धीरे से एंटी क्लॉक वाइज घेरा बनाकर 3 मिनट तक प्रत्येक दिन और लगातार 8 से 12 सप्ताह तक कीजिए। इसको करने से शरीर को आराम मिलता है और व्यक्ति तनाव में नहीं रहता हैं।
यह पॉइंट पैरों की अंदरूनी हिस्से में होता है। टखने की हड्डी और स्नायुजल के बीच में यह पॉइंट होता है। इस पॉइंट का घेरा बनाकर क्लॉक वाइज 3 मिनट तक हर रोज 8 से 12 सप्ताह तक करें। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और थकान को दूर भगाता है।
यह पॉइंट पैर के निचले हिस्से के सामने की तरफ बाहरी मेलीलस से 4 इंच ऊपर की तरफ होता है। इसे स्टमक- 40 एक्यूप्रेशर पॉइंट भी कहते हैं। इस पाइंट पर हल्का दबाव बनाते हुए क्लॉक वाइज 3 मिनट तक हर रोज घुमाइए। इस 8-12 सप्ताह तक कीजिए। यह शरीर से विषैले पदार्थ और अवांछित स्त्राव को बाहर निकालने में सहायता करता है।
लिवर से संबंधित समस्याओं के लिए पैर के अंगूठे और पहली उंगली के बीच की जगह पर यह एक्यूप्रेशर पॉइंट होता है। यह एक्यूप्रेशर प्वाइंट LR 3 कहलाता है।
अगर आपको कंधों से जुड़ी कोई समस्या है तो पैर की सबसे छोटी उंगली के पीछे और थोड़ा नीचे के हिस्से पर भी एक्यूप्रेशर पॉइंट होते हैं। अगर आपको कंधे से जुड़ी कोई समस्या हो तो इस पॉइंट पर दबाव डालें।
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