गर्भावस्था के समय गर्भवती स्त्री के मन में कई सवाल होते हैं जो मुख्यतया प्रसव से जुड़े होते हैं जैसे उनका प्रसव सामान्य होगा या सी-सेक्शन से। सी-सेक्शन प्रसव का भय हर स्त्री के मन में होता है। इसका कारण यह है कि इस प्रसव में गर्भवती महिला के पेट में चीरा लगा कर शिशु को बाहर निकला जाता है, जिसमें सामान्य प्रसव से अधिक पीड़ा और अन्य समस्याएं होती हैं। सी-सेक्शन से गुजर चुकी अधिकतर महिलाओं को यही शिकायत रहती है कि उन्हें सी-सेक्शन के बाद रिकवर होने में बहुत अधिक समय लग गया।
दरअसल सी-सेक्शन प्रसव के बाद पेट पर लगे टांकों के कारण व चीरे के जख्म से पेट अंदर से कमजोर हो जाता है। इस स्थिति में पेट के बल उठना अथवा कोई चीज उठाना काफी मुश्किल होता है। सी सेक्शन के बाद शरीर में निम्न बदलाव होते हैंः
सी सेक्शन डिलीवरी जो ऑपरेशन से होती है, के बाद दोबारा पहले की तरह होने में थोड़ा समय लगता है। दरअसल यह समय शरीर को वापस अपने शेप में आने, पूर्ण स्वस्थ होने, जख्मों को भरने व टांको के सूखने का होता है।
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सी सेक्शन डिलीवरी के बाद ठीक होने के लिए सामान्य प्रसव के मुकाबले बहुत अधिक समय लगता है। अगर होने वाली माँ का सी सेक्शन डिलीवरी के बाद ठीक से ख्याल रखा जाए और देखभाल की जाए तो वो जल्दी से रिकवर करती है। सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद ठीक होने में कम से कम 6 हफ्ते लगते हैं और किन्ही मामलों में चार से पांच महीने भी लग सकते हैं।
सी-सेक्शन के बाद जल्दी स्वस्थ होने के लिए सबसे अधिक आवश्यक है आपका सही खानपान। प्रसव के बाद शरीर बहुत कमजोर हो जाता है और शरीर में आयरन की भी कमी हो जाती है। ऐसे में ध्यान रहे कि आपका शरीर सही पोषक तत्वों को प्राप्त करे। इसके लिए आप निम्नलिखित चीज़ों को अपने आहार में शामिल करना न भूले:
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सी-सेक्शन प्रसव के बाद पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम छह से सात हफ्ते लगते हैं, ऐसे में आपको पूरा आराम मिलना भी आवश्यक है। आप माँ हैं तो बच्चे की ज़िम्मेदारी भी आप पर होगी। अपनी इन जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए अपने परिवार और पार्टनर का सहयोग लेने से पीछे न हटे ताकि आप स्वयं भी आराम कर सके। आराम करने का यह मतलब भी नहीं है कि आप पूरा समय बिस्तर पर ही लेटी रहें। इसके लिए बीच-बीच में टहले।
सी सेक्शन के बाद स्तनपान कराना रिकवरी के लिए बेहद अहम होता है। हालाँकि सी-सेक्शन के एकदम बाद आपको शिशु को स्तनपान कराने में समस्या होगी ऐसे में किसी करीबी की मदद लेकर शिशु को अपना दूध अवश्य पिलाये। बच्चे को कम से कम छह माह तक स्तनपान अवश्य कराएं।
कब्ज एक ऐसी समस्या हैं जो प्रसव के बाद बहुत सी महिलाओं को प्रभावित करती है। कब्ज का प्रभाव सी-सेक्शन प्रसव के दौरान लगे टांकों पर पड़ता है क्योंकि उन पर जोर पड़ता है। इससे टांकों में दर्द या संक्रमण हो सकता है। इससे दूर रहने के लिए अधिक से अधिक पानी पीए और फाइबर युक्त खाना खाएं।
सी-सेक्शन प्रसव के बाद कुछ आवश्यक दवाइयां होती हैं जिन्हेंखाने से न केवल आपको दर्द कम होगा बल्कि आपको जल्दी ठीक होने में भी मदद मिलेगी। इन्हें लेने में बिल्कुल भी कोताही न बरतें। आप स्वयं अपनी दवाईयों का ध्यान रखें। इसके साथ ही इन्हे लेते हुए डॉक्टर के निर्देशों का भी पूरी तरह से पालन करें। सी-सेक्शन के बाद पेट या निचले हिस्से में दर्द होना सामान्य है लेकिन अगर आपको यह लगातार या बहुत अधिक हो रहा हो तो भी डॉक्टर की राय लेना न भूले।
सी-सेक्शन प्रसव के समय लगे टांकों का सुखना आवश्यक है इसलिए अपने टांकों का खास ख्याल रखें। नहाते हुए अपने टांकों को न तो रगड़े और न ही उन्हें अधिक गीला होने दें। अगर वे गीले हो जाते हैं तो उन्हें तुरंत सूखा दें। टांकों का सुखना बहुत आवश्यक है। अगर आपको टांको के आसपास अधिक खुजली हो रही हो, टांके अधिक लाल या नीले रंग के हों, आपको बुखार आदि हो तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से मिलें क्योंकि यह टांकों में होने वाले संक्रमण की तरफ संकेत हो सकता है।
सी सेक्शन डिलीवरी के बाद इंफेक्शन होने का खतरा काफी अधिक होता है। क्योंकि दरअसल प्रसव के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है ऐसे में सर्दी-खांसी का बहुत जल्दी होना भी सामान्य है। सर्दी, खांसी और छींके आदि आने से आपके टांकों में दर्द हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि आपको इंफेक्शन ना हो। ठंडा पानी ना पिएं, प्रसव के बाद कुछ दिन तक एसी या कूलर की सीधी हवा में ना आएं, मच्छरों से बचें और ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचें जिन्हें फ्लू हो।
आजकल सी-सेक्शन प्रसव बहुत ही सामान्य होता जा रहा है। हालाँकि सी-सेक्शन प्रसव महिला या शिशु की स्वास्थ्य संबंधी जटिलता के कारण कराया जाता है लेकिन आजकल महिलाएं सामान्य प्रसव में होने वाले दर्द से बचने के लिए भी इसका सहारा ले रही है। अगर आपका भी सी-सेक्शन प्रसव हुआ है तो परेशानी वाली कोई बात नहीं है। अपना और अपने शिशु का ध्यान रखें और अपनी सोच को सकारात्मक रखें। अनजाने में भी कोई ऐसी गलती न करें जिससे आपकी समस्याएं बढ़ जाए। सी-सेक्शन प्रसव के कुछ महीने बाद आप बिल्कुल स्वस्थ महसूस करके पहले की तरह सामान्य जीवन जी सकती हैं।
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