शिशु के लिए माँ का दूध अमृत के समान होता है जिससे शिशु सभी पौष्टिक तत्वों को प्राप्त करता है। इसीलिए जन्म से लेकर छह महीने तक शिशु को केवल माँ के दूध ही देने की सिफारिश की जाती है। शिशु को कितनी उम्र तक माँ का दूध पीना है यह पूरी तरह पर माँ पर निर्भर करता है लेकिन दो साल से अधिक उम्र से बच्चों और माँ दोनों के लिए अच्छा नहीं माना जाता।
इसी बात को ध्यान में रख कर मैं आज आपको कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies to Stop Breastfeeding in Hindi) बताने जा रही हूँ जिन्हे अपनाने के बाद आप आसानी से बच्चे से दूध छुड़वा सकती हैं।
सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब बच्चे की स्तनपान की आदत को छुड़ाना (Dudh Chhudwana) होता है। बच्चों को दूध छुड़ाने (Weaning in Hindi) की बात से मैं अपनी सहेली मीरा की समस्या को आपसे शेयर करना चाहती हूँ।
मीरा का बेटा जब डेढ़ साल का हुआ तो मीरा ने दूध छुड़ाने की बहुत कोशिश की। प्यार, दुलार, समझाने और लाख कोशिशों के बाद भी जब वह मां का दूध छुड़वा नहीं सकी तो उसने इस ज़िद को छोड़ दिया। लेकिन उससे नुकसान यह हुआ कि उसके बेटे की तीन साल की उम्र के बाद भी यह आदत नहीं गयी इसके कारण कई बार मीरा को शर्मिंदा होना पड़ता और लोगों की बातें सुननी पड़ती।
यह समस्या केवल मीरा की नहीं है बल्कि ऐसी कई माताएं हैं जो इस समस्या से गुजरती हैं या गुज़र रही हैं। तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू उपाय जो स्तनपान छुड़ाने या मां का दूध छुड़ाने में मददगार होते हैं।
1. पर्याप्त ठोस आहार (Enough Food)
शिशु का दूध छुड़ाने के लिए शिशु को पर्याप्त ठोस आहार देना चाहिए ताकि शिशु का पेट खाली न रहे और उसका ध्यान दूध की तरह न जाए। शिशु को अलग-अलग चीज़ें खाने के लिए दें और इसकी शुरुआत आप केले, दाल के पानी, उबली हुई सब्जियों या चावल आदि से कर सकती हैं।
ध्यान रहे शिशु को जो भी खिलाएं वो खाने में हल्का और नरम हो ताकि बच्चे को आसानी से पच जाए। इससे आपको बच्चे से दूध छुड़ाने में मदद मिलेगी। शिशु एकदम से तो आपका दूध छोड़ेगा नहीं इसलिए उसे इस तरह से धीरे-धीरे दूध छोड़ने के लिए तैयार करें।
शिशु को जो भी खिलाएं उस चीज़ का स्वाद ऐसा होना चाहिए कि शिशु दोबारा उसे खाने में दिलचस्पी दिखाये। रात के समय शिशु माँ का दूध पीने की अधिक ज़िद करते हैं इसलिए रात को सोने से पहले शिशु को ठोस आहार आवश्यक दें।
2. कप से दूध पिलाना (Use a Cup)
जब शिशु थोड़ा बड़ा हो जाए तो उसे केवल स्तनपान पर ही निर्भर नहीं रहने देना चाहिए। शिशु को कप या बोतल आदि में भी दूध पीने की आदत डालनी चाहिए। इसकी शुरुआत कम मात्रा से करें और धीरे धीरे बढ़ाएं।
हो सकता है कि शुरुआत में शिशु थोड़ी आनाकानी करे या इसे पसंद न करे लेकिन उसे बहला-फुसला कर या समझा कर अगर आप बच्चे को कप या बोतल में दूध पिलाना शुरू कर देंगी तो जब आपको दूध छुड़वाना होगा उस समय अधिक समस्या नहीं होगी और बच्चा आसानी से दूध व स्तनपान करना छोड़ देगा।
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3. पत्ता गोभी के पत्ते (Cabbage leaves)
इस तरीके का प्रयोग पुराने समय से महिलाएं करती आ रही हैं। इस तरीके से स्तनो में दूध कम हो जाता है जिसके कारण शिशु को माँ से पर्याप्त दूध नहीं मिल पाता और वो दूसरे खाने-पीने की चीज़ों पर ध्यान देता है और आसानी से माँ का दूध पीना छोड़ देता है। इसके लिए कुछ दिनों तक पत्ता गोभी के पत्तों को स्तनो के पास रखना होता है और रोज़ाना बदलना पड़ता है।
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4.नमक या हल्दी (Salt or Turmeric)
अगर आप चाहे तो नमक, हल्दी या अन्य कोई खाने की चीज़ जिसका स्वाद बच्चे को पसंद न हो उसका प्रयोग कर सकती हैं। अपने स्तनों पर इन्हे लगाए। जैसे ही बच्चा स्तनो को मुँह में डालेगा, इन चीज़ों के ख़राब स्वाद के कारण दूध नहीं पी पायेगा और हो सकता है कि इसी स्वाद के कारण वो दूध छोड़ दें।
1 ) जब भी बच्चा दूध पीने की इच्छा जताता है तो उसका ध्यान किसी अन्य काम में लगाएँ जैसे किसी खेल की तरफ, किसी गाने, कविता या कहानी की तरफ या खाने की तरह भी उसे आकर्षित कर सकती हैं। इससे बच्चे का ध्यान दूसरी तरह चला जाएगा और वो दूध की बात भूल जाएगा।
2 ) कई बार बच्चे दिन में माँ के दूध के बिना रह लेता है लेकिन रात को माँ के दूध के बिना नहीं रह पाते इसलिए कुछ दिन अपने बच्चे के साथ न सोएं। ऐसा करने से उसकी यह आदत धीरे-धीरे छूट जायेगी।
3) अगर आपका बच्चा बड़ा है और आपकी बातों को समझता है तो उसे आप प्यार से भी समझा सकती हैं। आप उन्हें बड़ी उम्र में स्तनपान से होने वाली हानियों के बारे में समझाएं। इससे वो आपकी बात को समझ कर स्तनपान करना छोड़ सकता है। शिशु दूध को एकदम नहीं छोड़ सकता उसे कुछ समय लग सकता है ऐसे में आपको थोड़ा सब्र रखने की आवश्यकता है।
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