महिला को गर्भावस्था के दौरान तो देखभाल की जरूरत पड़ती है लेकिन गर्भावस्था के बाद भी उसे काफी संभल कर रहने की जरूरत होती है। गर्भावस्था के दौरान महिला में कई हारमोनल परिवर्तन के कारण कई बदलाव होते हैं परंतु बच्चा होने के बाद भी महिला के शरीर में कई तरह के परिवर्तन आते हैं।
बच्चा होने के बाद भी दर्द होता है यह दर्द किसी महिला में कम होता है तो किसी में ज्यादा। यह दर्द इस बात का संकेत देता है कि शरीर अपने गर्भवती होने से पहले वाली स्थिति में वापस आ रहा है। गर्भावस्था के बाद महिलाएं कई तरह के दर्द जैसे पेट दर्द, पीठ दर्द (Back Pain After Delivery), पैर दर्द आदि महसूस करती है।
शरीर में कई प्रकार के बदलावों के कारण जो शरीर में प्रसवोत्तर के माध्यम से आता है, जिससे शरीर के विभिन्न भागों में दर्द का अनुभव हो सकता है परंतु आप कुछ घरेलू उपचार (Home Remedies for Body Pain After Delivery) अपना कर इस समस्या से राहत पा सकती हैं।
#1. गर्म पानी का सेंक (Warm Water)
नॉर्मल डिलीवरी के बाद होने वाले दर्द (Delivery ke Baad Dard) को कम करने के लिए गर्म पानी का सेंक सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि यह पेट दर्द और गर्भाशय के दर्द में राहत देता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। अगर गर्भाशय संक्रमित हो तो यह उसे कम कर देता है।
आप हल्के गर्म पानी में एंटीसेप्टिक मिलाकर रोजाना टांगो को साफ रखें और पेशाब करते समय भी आप पेरिनियल क्षेत्र पर एक मग हल्का गर्म पानी डालें ताकि पेशाब में जल मिश्रित होकर पतला हो जाए और आपको कम चुभन हो और फिर आप टॉयलेट पेपर से थपथपाते हुए धीरे-धीरे पौंछ ले।
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#2. एंटी सेप्टिक (Antiseptic)
प्रसव के दौरान कई बार योनि का अगला भाग ज्यादा खुल जाता है जो बहुत पीड़ादायक होता है। इसके लिए आप यहां का खास ध्यान रखें।
आप अपने घावों को हमेशा साफ रखें और दिन में एक या दो बार गर्म पानी से एंटीसेप्टिक लगाकर टब में बैठे। हल्का गर्म पानी पेरिनियल हिस्से को आराम देगा और सूजन को कम करेगा और एंटीसेप्टिक आपकी किटाणुओं और संक्रमण से रक्षा करेगा।
#3. अदरक (Ginger)
अदरक में कई एंटीऑक्सीडेंट और पुलिस एनल्स होते हैं जिनमें एंटी इनफ्लाइटरी तत्व होते हैं। इससे योनि के घाव ठीक होते हैं। इसके लिए आप एक कप उबलते पानी में कुछ टुकड़े अदरक के डालकर इसे कुछ देर के लिए और उबाल ले। अदरक पेट दर्द और कूल्हे के दर्द से राहत व शिशु के जन्म के बाद दर्द और एंठन को रोकता है। यह योनि का दर्द और सूजन को भी कम करता है।
#4. चावल का पानी (Rice Water)
चावल को उबालते समय उसका थोड़ा पानी निकाल ले और फिर यह चावल का पानी दिन में दो बार गुनगुना करके पिए। इससे पाचन शक्ति में सुधार होगा और कब्ज में राहत मिलेगी। गर्भावस्था के बाद कब्ज भी एक बड़ी समस्या है जिससे आपको छुटकारा मिलेगा।
#5. सौंफ का पानी (Fenugreek Water)
सौंफ के बीज में एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं जो डिलीवरी के बाद के दर्द (delivery ke baad dard) से छुटकारा दिलाते हैं। इसके लिए दो कप पानी में 2 बड़े चम्मच सौंफ को मिलाकर उबाल ले और फिर हल्का गुनगुना रहने पर इसमें शहद मिलाकर इसको पिए। इससे आपकी पाचन शक्ति ठीक होगी और आपको दर्द से राहत मिलेगी।
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#7. नींबू की चाय (Lemon Tea)
प्रसव के बाद अधिकतर समस्याएं कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होती है। इसके लिए आपको अधिक विटामिन सी लेना चाहिए जो नींबू और गाय या बकरी के दूध में भरपूर मात्रा में पाई जाती है। इसके लिए आप एक कप पानी को उबालकर ठंडा कर लें फिर उसमें नींबू का रस मिला लें।
इसे दिन में दो बार ले। इसका सेवन करने से आपकी प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ावा मिलेगा और आपके पेट की एंठन ठीक रहेगी। आप नींबू के गर्म पानी में ताजा पुदीना भी मिला सकती हैं क्योंकि पुदीना भी पेट दर्द और सिर दर्द को ठीक करने में मदद करता है।
इसके लिए आप एक कप उबले हुए पानी में पुदीना के पत्ते मिलाएं और फिर ठंडा करके नींबू का रस मिलाकर दिन में दो बार ले। इससे आपको काफी राहत मिलेगी।
#8. साफ सफाई रखें (Neat and Clean)
अगर नॉर्मल डिलीवरी में आपको टांके आए हैं तो आप अपने घावों को हमेशा साफ रखें और रोजाना हल्का गर्म पानी से स्नान करें। इसके साथ ही अपने सेनेटरी पैड को भी बार-बार बदलते रहे और ऐसा करने से पहले और बाद में अपने हाथ अच्छे से धो लें ताकि संक्रमण को फैलने का मौका ही ना मिले। अपने दांतों को साफ रखें और पेशाब या मल त्याग करते समय तक ऊपर जोर ना लगाएं और जांघो को चौड़ा करके ना बैठे।
#9. आराम करें (Take Rest)
आप प्रसव के बाद जितना हो सके अपने शरीर को आराम दें ताकि शरीर के सारे दर्द को ठीक होने का समय मिल जाए और आप जल्द से जल्द रिकवर हो सके। आप जितना आराम करेंगे उतना जल्दी ही आपका शरीर स्वस्थ होगा।
आप कुछ महीनों तक बार-बार ना झुके और कोई भारी समान ना उठाये। आप शिशु के साथ-साथ अपना भी ध्यान रखें क्योंकि अगर आप स्वस्थ होंगी तो शिशु भी स्वस्थ होगा।
#10. व्यायाम (Exercise)
बच्चा होने के बाद आपका आराम करना बहुत जरूरी होता है परंतु आप थोड़े दिनों बाद थोड़ा चलना फिरना शुरु कर दें और अगर आप अपने आपको थोड़ा बेहतर महसूस कर रही है तो आप हल्के फुल्के व्यायाम शुरू कर दें।
आप श्रोणि व्यायाम करना ना भूले। यह व्यायाम करने से आपके रक्त का प्रवाव बढ़ेगा और आप जल्द ही ठीक हो जाएंगी। आप गहरी सांस लेने की तकनीक और ध्यान का अभ्यास करें क्योंकि यह गर्भाशय के संकुचन में मदद कर सकते हैं और आपको जन्म के समय की ऐंठन से मुक्त कर सकते हैं।
#11. मसाज करें (Do massage)
आप धीरे-धीरे अपने पेट पर तेल के साथ मालिश करवा सकती है। इसके लिए आप बदाम का तेल, नारियल का तेल या फिर जैतून का तेल या इन तीनों को मिलाकर मालिश करवा सकती हैं परंतु इसके लिए आपको बहुत हल्के हाथों से मालिश करनी होगी। आप पहले नाभि पर हाथ रख कर धीमी गति से तेल लगाएं और इससे आपको गर्भाशय को आराम आएगा।
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