छह माह से छोटे बच्चों को दस्त होने पर क्या करें

छह माह से छोटे बच्चों को दस्त होने पर क्या करें

नवजात शिशुओं में दस्त की शिकायत होना एक आम बात है। वैसे दस्त तो बड़े हो या छोटे सभी को नुकसान पहुंचाते हैं परंतु बड़े एक सीमा तक फिर भी इसे सहन कर सकते हैं किंतु नवजात बच्चों की जब बात आती है तो यह बात और भी मुश्किल हो जाती है।

उनका शरीर अभी तक पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है जिस वजह से वे रोगों से लड़ने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं होते हैं। इसलिए अगर शिशु में दस्त (Dast) की समस्या लंबे समय से चल रही हो तो यह गंभीर समस्या बन सकती है। इसके लिए हम कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies for Loose Motion) अपनाकर शिशु की इस समस्या से निजात दिलवा सकते हैं।

नवजात बच्चे की दस्त रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Loose Motion of Newborn in Hindi)

नवजात शिशुओं में दस्त होने पर बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। लेकिन छह माह से पहले बच्चों को किसी भी प्रकार की औषधी या बाहरी चीजें नहीं देनी चाहिए। पर चार महीने के होने के बाद कई बार घरों में बच्चों को कुछ घरेलू चीजें दी जाती हैं।

यहां हम जिन घरेलू उपायों का वर्णन कर रहे हैं वह आम घरों में प्रयोग किए जाते हैं। इनपर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें। बच्चों के दस्त के लिए घरेलू उपाय (Dast Dur Karne ke Gharelu Upay) जो इस प्रकार है:

#1. मां का दूध (Breastfeeding)

नवजात शिशु को दस्त (Navjat Shishu ki Dast) की समस्या है तो इस समस्या से निजात पाने का एक सबसे अच्छा उपाय स्तनपान है। 6 महीने से छोटे बच्चों को दस्त होने पर आप अपने दूध का ज्यादा सेवन कराएं। इसके लिए आप अपने आहार में भी पोष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करें जिससे शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े।

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#2. जायफल -चार माह के बाद (Nutmeg)

नवजात बच्चों के लिए जायफल एक बहुत बढ़िया उपाय है। इससे बच्चों की पाचन शक्ति भी ठीक रहती है। बच्चों को दस्त होने पर जायफल के एक चौथाई पाउडर को हल्के गुनगुने पानी में गर्म करके दिन में तीन से चार बार पिला सकती हैं। इससे बच्चों को दस्त होने की समस्या से काफी लाभ मिलेगा।

 

#3. अदरक -चार माह के बाद (Ginger)

शिशु के दस्त (Bachon ko Dast) लगने पर एक स्वस्थ विकल्प अदरक है। अदरक आहार को पचाने में भी मदद करती है व पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाती है। इसके लिए आप अदरक के रस की एक छोटी चम्मच अपने बच्चे को पिला सकते हैं।

 

#4. सौंफ -चार माह के बाद (Fennel)

5 ग्राम सौंफ को कूटकर उबलते हुए पानी में डाल दें फिर इसे ठंडा कर लें। ठंडा होने पर आप इसे मसलकर छान लें। एक चम्मच पानी थोड़े से दूध में मिलाकर दिन में दो से तीन बार अपने शिशु को देने से दस्त, मरोड़, पेट फूलना आदि की समस्या से राहत मिलती है। आप सौंफ के पानी और बेल गिरी दोनों का एक गिलास पानी में मिलाकर भी शिशु को आधे-आधे घंटे के अंतराल में पिला सकती हैं।

 

#5. चाय पत्ती (Tea Leaves)

नवजात व छोटे बच्चों को चाय पत्ती का पानी देना दस्त और पेट की समस्या से राहत दिलाता है। इसके लिए आप थोड़ी सी चाय पत्ती को पानी में उबालकर उसको एक चम्मच अपने शिशु को पिला सकते हैं।

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#6. बेल -चार माह के बाद (Bel)

अगर शिशु को दस्त गर्मी लगती है तो आप 2 से 3 ग्राम बेल के गूदे को बच्चे को दिन में दो से तीन बार खिला सकते हैं। इससे भी दस्त से छुटकारा मिलेगा।

#7. अनार -चार माह के बाद (Pomegranate)

शिशु में दस्त होने पर अनार बहुत फायदेमंद होता है। जब भी आपके शिशु को दस्त लग जाए तो आप 5 से 10 ग्राम अनार के छिलके को सुखाकर इसका पाउडर बना लें। अब उस पाउडर को शहद में मिलाकर बच्चे को उंगली की सहायता से चटाये। इसे भी शिशु को दस्त की समस्या से राहत मिलेगी। शिशु को अनार खिलाने से शरीर की कमजोरी की समस्या से भी राहत मिलती है।

 

#8. चावल का आटा -चार माह के बाद (Rice)

चावल का आटा भी बच्चों के दस्त दूर करने में बहुत मददगार साबित होता है। अगर आपके बच्चे को दस्त की समस्या है तो आप एक मुट्ठी चावल के आटे को पानी में मिलाकर कम से कम 10 मिनट तक पका लें। इसमें थोड़ा सा नमक और बाद में उसमें 1 लीटर पानी मिलाकर पतला कर ले। अब इस पानी को बच्चों को थोडा-थोडा करके पिला सकते हैं। इससे भी उन्हें दस्त की समस्या से राहत मिलेगी।

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#9. मेथी दाना -चार माह के बाद (Fenugreek)

इसके अलावा मेथी के दाने को पानी में भिगो लें। जब उसमें पानी भर जाए तो दिन में तीन से चार बार इन मेथी दानों को दही में मिलाकर उंगली की सहायता से बच्चों को चटा सकते हैंं। इससे भी शिशु को दस्त की समस्या से आराम मिलेगा।

 

#10. हरड -चार माह के बाद (Mystic)

कहते हैं कि हरड का 1 ग्राम पाउडर को ठंडे पानी में मिलाकर शिशु को देने से दस्त से आराम मिलता है। अगर हरड के पाउडर में थोड़ा गर्म पानी मिलाते हैं तो यह शिशु में कब्ज को भी दूर करता है।

 

#11. दालचीनी -चार माह के बाद (Cinnamon)

छोटे बच्चों को दस्त हो तो आप उन्हें गर्म दूध में चुटकी भर पिसी हुई दाल चीनी डालकर पिला सकते हैं। अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है तो आप दालचीनी की मात्रा दोगुनी कर दे।

 

#12. सफाई का ध्यान रखें (Take care of cleanliness)

शिशु को दस्त होने पर आप साफ सफाई का पूरा-पूरा ध्यान रखें। अगर आप शिशु को फार्मूला दूध पिला रही है तो आप बोतल को अच्छे से साफ रखें। उसके खिलौने वगैरह भी साफ रखें। उसके आसपास की चीज़े व रसोई में साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें।

 

#13. हाथ धोना (Clean hands)

यह एक ऐसा उपाय है जो आपके शिशु को होने वाली बहुत सी बीमारियों से बचाता है। दस्त की समस्या पैदा करने वाले जीवाणु खाने-पीने की वस्तुओं और दूषित हाथों से बच्चों के शरीर में चले जाते हैं। इसलिए जब भी आप बच्चों को दूध पिलाएं, डायपर बदले तो उससे पहले आप यह ध्यान रखें कि आपके हाथ अच्छे से साफ हो।

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नोटः जब बच्चों के डायपर से अलग-अलग तरह की गंध आने लगे और शिशु ज्यादा रोये तो उसे दस्त या डायरिया हो गया है। बच्चों में दस्त (Bachchon ko Dast) होना उसकी मां के दूध और वह जो भी खाती है उस पर भी निर्भर करता है। बच्चों में दस्त रोटावायरस के संक्रमण से होते हैं। यह विषाणु नवजात बच्चों की आंत पर हमला करते हैं। यह बच्चों की आंत की अंदर की परतों को नुकसान पहुंचाता है और उसके क्षतिग्रस्त होने से तरल पदार्थ का रिसाव होने लगता है। इसलिए नवजात बच्चे के दस्त होने पर उसमें ढील नहीं बरतनी चाहिए।

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