बच्चों को प्रदूषण से होने वाली सर्दी जुकाम से बचाने के घरेलू उपाय

बच्चों को प्रदूषण से होने वाली सर्दी जुकाम से बचाने के घरेलू उपाय

क्या आप दिल्ली में रहती हैं और आपके बच्चे को काफी लंबे समय से सर्दी-जुकाम और खांसी है? क्या तमाम कोशिशों के बाद भी आपके बच्चे बच्चे की खांसी दूर नहीं हो रही? तो इस खांसी-जुकाम के लिए अकेले मौसम को जिम्मेदार मानना बन्द कीजिएं, दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण बच्चों के लिए लगातार खतरे की घंटी बजा रहा है। हर साल दिपावली के आसपास डॉक्टर्स के पास ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ने लगने लगती है जो खांसी, जुकाम और अस्थमा से पीडित होते हैं। यह वृद्धि इस साल तो दोगुनी हो चली है।

 

बच्चों की कमजोर इम्यून सिस्टम और अविकसित फेफड़ों के कारण बच्चों को प्रदूषण बढ़ने पर कई बार खांसी-जुकाम, न्यूमोनिया, क्रोनिक कफ, गले की खराश आदि होने लगता है। हालांकि आप अपने बच्चों में प्रदूषण की वजह से होने वाली खांसी जुकाम को घर पर ही मौजूद घरेलू सामानों से रोक सकते हैं। तो आइयें जानें बच्चों में प्रदूषण से होने वाली सर्दी-जुकाम को दूर करने के कुछ बेहद आसान घरेलू उपाय।

 

बच्चों में प्रदूषण से होने वाली सर्दी-जुकाम को दूर करने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Kid’s Cough & Cold Due to Air Pollution in Hindi)

#1. तुलसी (Basil)

मुख्यतः बच्चों की इम्यूनिटी कम होने के कारण उन्हें वायु प्रदूषण से सर्दी-जुकाम होने लगता है। इससे बचने के लिए आप तुलसी का प्रयोग कर सकती हैं। तुलसी के पत्ते आयुर्वेदिक गुणों की खान हैं। यह न केवल बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं बल्कि सर्दी-जुकाम में होने वाली अन्य समस्याओं से राहत पाने में भी मदद करते हैं। आप बच्चों को तुलसी के पत्तों का काढ़ा बना कर दे सकती हैं। इसके अतिरिक्त दूध में तुलसी के पत्तों को उबाल कर बच्चे को पिलाने या तुलसी के पत्तों के रस को शहद में मिला कर बच्चों को खिलाने से भी प्रदूषण के प्रभाव से होने वाले सर्दी जुकाम से राहत मिलती है।

 

#2. अदरक (Ginger)

अदरक भी बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य करती है। अदरक का रस निकाल कर रोजाना बच्चे को शहद के साथ खाने को दें। सब्जी में अदरक डालकर या काढ़ा बना कर भी आप बच्चे को दे सकते हैं। इसके साथ ही अदरक के रस को नाक में बूंद-बूंद करके डालने वायु प्रदूषण के कारण होने वाले सर्दी-जुकाम में फायदा होता है।

 

#3. गुड़ (Jaggery)

गुड़ में ऐसे तत्व होते हैं जो सर्दी-जुकाम में काफी फायदा पहुंचाते हैं। यह फेफड़ों को साफ करने में भी मददगार होता है। गुड़ को आप बच्चे को साबुत खाने को दे सकते हैं। अगर आप बच्चे को गुड़ और अदरक को मिलाकर खिला सकती हैं तो यह सबसे बेहतर होगा।

 

#4. पानी (Water)

पानी शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। प्रदूषण बढ़ने पर बच्चों को अधिक पानी पिलाएं ताकि उनके शरीर में जमें हानिकारक तत्व बाहर निकल सकें। अगर हो सके तो दिन में केवल एक बार गुनगुने पानी में नींबू और शहद डालकर भी आप बच्चे को दे सकते हैं।

 

#5. नींबू (Lemon)

नींबू खांसी और जुकाम को दूर करने का सर्वोत्तम उपाय है। शहद के गुण और नींबू में पाया जाने वाला सिट्रिक अम्ल सर्दी-जुकाम के कारण होने वाले कफ को खत्म करता है जिससे बच्चे को इस समस्या से कुछ राहत मिल सकती है।

 

#6. हल्दी (Turmeric)

हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट गुण इसे शरीर के लिए प्रभावी बनाते हैं। वायु प्रदूषण के कारण होने वाले सर्दी-जुकाम को दूर करने में भी हल्दी बेहद प्रभावशाली है। रोज एक गिलास दूध में हल्दी और शहद मिला कर बच्चों को देने से उन्हें कफ से राहत मिलेगी और उनकी छाती साफ़ होगी।

 

#7. शहद (Honey)

वायु प्रदूषण बच्चों की कमजोर इम्यूनिटी के कारण उन्हें अधिक प्रभावित करता है इसलिए बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए उन्हें शहद खाने के लिए दें। गर्म दूध में शहद मिला कर भी बच्चों को दिया जा सकता है। शहद से सर्दी-जुकाम में भी जल्दी छुटकारा मिलता है।

 

#8. विटामिन सी युक्त फल (Fruits with Vitamin C)

विटामिन सी और बीटा कैरोटींस युक्त फल या खाद्य पदार्थ इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और इसके साथ ही यह सर्दी जुकाम में शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते इसलिए अगर बच्चा वायु प्रदूषण के कारण होने वाले सर्दी-जुकाम से पीड़ित है तो उसे मौसमी, संतरा, टमाटर, कीवी, स्ट्रॉबेरी, अंगूर या निंबु आदि खाने को दें। इसके साथ ही अनार भी अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है जो सर्दी-जुकाम में राहत प्रदान करने के साथ-साथ फेफड़ों से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। सर्दी-जुकाम में बच्चे को हरी सब्जियां और फल अधिक से अधिक खाने को दें ताकि उसकी इम्यूनिटी बढे और वायु प्रदूषण से होने वाले रोगों से मुक्ति मिले।

 

#9. घी (Ghee)

अगर गाय के दूध की दो या तीन बूंदों को दिन में दो बार नाक में डाला जाये तो प्रदूषित वायु में पाए जाने वाले हानिकारक तत्व या कण फेफड़ों तक नहीं पहुँचते जिससे बच्चों के फेफड़ों पर वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है। इसके अलावा आप बच्चों की नाक पर सरसों या ऑलिव ऑयल भी लगा सकती हैं।

 

#10. गाजर का रस (Carrot Juice)

गाजर का रस रोजाना पीने से फेफड़े साफ़ होते हैं और इसमें मौजूद विटामिन ए और बीटा कैरोटीन (Beta-Kerotin) बच्चों को वायु प्रदूषण के कारण होने वाले सर्दी-जुकाम से राहत दिलाता है। बच्चों को रोजाना एक गिलास गाजर का रस पिलाएं।

 

11. लहसुन (Garlic)

लहसुन बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और अन्य कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो लाभदायक होते है। सर्दी-जुकाम या वायु प्रदूषण के कारण होने वाली खांसी-जुकाम के अलावा त्वचा सम्बन्धित रोगों को भी दूर करने में भी लहसुन मदद करता है। आप बच्चों को सब्जी में डाल कर या चटनी के माध्यम से इसे दे सकती हैं। अगर बच्चा खा सके तो लहसुन की कलियों को घी या सरसों के तेल में तल कर बच्चे को खिलाएं।

 

उपरोक्त घरेलू उपायों के अतिरिक्त आप बच्चों को मास्क लगाकर ही बाहर ले जाएं, जितना हो सके सुबह और शाम के समय बच्चों को बाहर ना जानें दें, स्कूल में आते-जाते समय भी बच्चों को मास्क लगाएं, बाहर से फास्ट-फूड या मोमोज आदि से बच्चों को दूर रखें। अगर आप मास्क लगा रहे हैं तो सर्जिक्ल मास्क लेने से परहेज़ करें क्योंकि उनसे मुंह पूरी तरह से कवर नहीं होता, केवल अच्छी क्वालिटी का एन 95 मास्क (N95 Mask) ही बच्चों को लगाएं।

सर्दी-जुकाम इस बात की निशानी होती है कि शरीर के इम्यून सिस्टम पर किसी बाहरी तत्व का आक्रमण हो रहा है। इसे आसान भाषा में एलर्जी भी कहा जाता है। इन दिनों बच्चों में क्रोनिक कफ, अस्थमा, सर्दी-जुकाम, बंद नाक और गले की खराश के लिए डॉक्टर्स प्रदूषण को ही जिम्मेदार मान रहे हैं। अच्छा, क्या आप जानते हैं बच्चों को यह इन्फेक्शन, फ्लू या प्रदूषण से अधिक खतरा क्यों होता है?

 

प्रदूषण रोक सकता है फेफड़ों का सही विकास
दरअसल सांस के माध्यम से दूषित प्रदूषण जनित तत्व और हानिकारक महीन कण हमारे शरीर में चले जाते हैं। हमारे फेफड़ें इन्हें अलग कर अपविष्ट के माध्य्म से बाहर निकाल देते हैं। हमारा इम्यून सिस्टम भी आमतौर पर हल्के प्रदूषण से शरीर की रक्षा कर लेता है। लेकिन बच्चों के फेफड़े इतने विकसित नहीं होते चैं कि वह इन कणों को इतने बड़े पैमाने पर प्यूरीफाई (Purify) कर सकें। साथ ही बच्चों का इम्यून सिस्टम भी प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर से निपटने के लिए नाकाफी होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि फेफड़ों में जमने वाले इन कणों के कारण कई बार तो बच्चों के फेफड़ों का पूरी तरह से विकास भी नहीं हो पाता है। इसके कारण पूरी उम्र उन्हें फेफड़ों से सम्बन्धित समस्याओं से गुजरना पड़ता है।

 

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