नवजात बच्चों को पीलिया होना एक आम बात है और यह पीलिया तब होता है जब उनके शरीर में बिलीरूबिन की मात्रा बढ़ जाती है। नवजात बच्चे का शरीर पूरी तरह से विकसित ना होने के कारण उसका लीवर रक्त से बिलीरुबिन को बाहर नहीं निकाल पाता जिसके कारण बच्चों को पीलिया यानी जौंडिस की शिकायत हो सकती है। पीलिया (Pilia) की शिकायत होने पर बच्चों का शरीर, चेहरा और आंखों का रंग पीला पड़ने लगता है। यह बीमारी तब जानलेवा बन जाती है जब इसका इलाज समय पर ना किया जाए। ऐसा होने पर बच्चों को केरनीकेटरस नामक बीमारी हो सकती है जिससे बच्चे के दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है। यह बीमारी लगभग 70% शिशुओं में हो जाती है। फोटोथैरेपी इसका एक उपाय है जिससे पीलिया होने पर शिशु का इलाज किया जाता है लेकिन इसके अलावा कुछ घरेलू उपचार (Home Remedies for Jaundice) भी है जिससे आप अपने बच्चे का घर पर ही उपचार कर सकती हैं।
#1. स्तनपान (Breastfeeding) जब शिशु के शरीर में बिलीरूबिन की मात्रा बढ़ने से पीलिया की शिकायत होती है तो उसके शरीर में बिलीरूबिन की मात्रा को कम करने के लिए एक मां को उसे बार-बार स्तनपान करवाते रहना चाहिए ताकि वह ज्यादा स्तनपान करने से उसे ज्यादा पेशाब आए। शिशु को पीलिया की शिकायत होने पर उसे ज्यादा नींद आती है इसलिए ऐसी स्थिति में आप उसे हर 2 या 3 घंटे के बाद बार-बार सनबर्न करवाएं। अगर आपके शिशु को स्तनपान करने में कोई परेशानी हो रही है या वह स्तनपान नहीं कर रहा है तो आप अपना दूध निकाल शिशु को चम्मच से भी दूध पिला सकती हैं। #2. सूरज की रोशनी (Sun rays) पीलिया होने पर सूरज की रोशनी एक सबसे आम और प्राकृतिक उपचार है। पीलिया होने पर उसे जड़ से मिटाने के लिए शिशु को एक या दो घंटे बाहर धूप में लिटाये। उस समय उसके शरीर पर सिर्फ डायपर ही होना चाहिए। शिशु के शरीर पर सूरज की किरने पड़ने पर शरीर में बिलीरूबिन की मात्रा कम होती है। धूप दिखाने के लिए आप शिशु को सीधा धूप में ना रखें क्योंकि इससे शिशु की त्वचा में टैन हो सकता है। इसके लिए आप शिशु को शीशे की खिड़की के बगल में रखें। खिड़की के शीशे से धूप हो छन कर बच्चे पर सीधा पढ़ने दे। इसे भी पढ़ेंः बच्चों को दूध छुड़ाने के घरेलू उपाय
#3. शिशु के पेट पर मालिश करें (Massage the tummy of kid) शिशु के पेट पर घड़ी की सुई की दिशा में गोलाकार तरीके से रोजाना मालिश करने से उसके शरीर से मैल को निकालने में सहायता मिलती है जिससे शिशु के पीलिया को ठीक होने और उसकी पाचन तंत्र भी दुरुस्त होने में मदद मिलती है। अधिकांश बच्चों में पीलिया के लक्षण बहुत हल्के होते हैं और यह लगभग 2 सप्ताह या अपने आप ही चले जाते हैं। अगर यह स्तनपान और सूरज की रोशनी से भी ठीक नहीं होते तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं क्योंकि नहीं तो यह एक जानलेवा बीमारी बन सकती है। इसे भी पढ़ेंः आंखों में संक्रमण के लक्षण क्या आप एक माँ के रूप में अन्य माताओं से शब्दों या तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभव बांटना चाहती हैं? अगर हाँ, तो माताओं के संयुक्त संगठन का हिस्सा बने। यहाँ क्लिक करें और हम आपसे संपर्क करेंगे।null