नवजात बच्चों की गैस दूर करने के 10 घरेलू उपाय

नवजात बच्चों की गैस दूर करने के 10 घरेलू उपाय

गैस की समस्या एक ऐसी समस्या है जो केवल बड़ों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी पाई जाती है। गैस की समस्या नवजात बच्चों को ज्यादा परेशान करती है। बड़े तो अपनी समस्या बोल कर बता देते हैं परंतु नवजात शिशु तो हर बात के लिए रोना शुरू कर देते हैं। जरूरी नहीं कि जब भी बच्चा रोता है तब वह भूखा ही हो, उसे कोई अन्य समस्या भी हो सकती है जैसे कोलिक, पेट दर्द, कान दर्द या फिर गैस की समस्या इत्यादि।

वह अपनी समस्या बोल कर तो नहीं बता सकता इसलिए जब भी बच्चा रोए तो पहले उसके रोने का कारण समझे और फिर उसका उपाय करें जिससे आपको कम परेशानी होगी और आपकी समस्या जल्दी सुलझेगी। आइयें जानें गैस क्या होती है और इससे बचने के आसान घरेलू उपाय (Home Remedies for Gas in Babies Stomach)।

नोटः ध्यान रखें कि छह माह से पहले बच्चों के लिए दवा या घरेलू नुस्खा उपयोग ना करें। पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। 

 

बच्चों के पेट में गैस कैसे बनती है? (Causes of Gas in Babies?)

गैस आपके शिशु के पेट में जमा हवा है। कई बार शिशु दूध पीते समय काफी सारी हवा भी अंदर ले लेते हैं और कई बार जब से ज्यादा रोते हैं तब भी उनके पेट में ज्यादा हवा अंदर चली जाती है और शिशु का पूरा दूध पिए बिना ही पेट भर जाता है या यूं कहें पेट में भारीपन महसूस होने लगता है।

 

कई बार मां के द्वारा तेज मसालेदार या ज्यादा गैस वाला खाना खाने से भी शिशु के पेट में सीधा असर पड़ता है। इसके अलावा शिशु जब दूध पीता है या आहार लेता है और वह अच्छी तरह से पच नहीं पाता हैं तो भी उसके पेट में गैस बन जाती है और वह असहज महसूस करता है।

शिशु के पेट में गैस पहचानने के लक्षण (Symptoms of gas in babies stomach)

दूध पीते समय यदि आप का शिशु रोने लगता है या फिर दूध पीते समय मां का स्तन छोड़ दे या फिर ना ही पकडे। बच्चा अगर बेचैनी सी महसूस करें या अपनी टांगें ऊपर करने लगे तो हो सकता है आपके शिशु के पेट में दर्द हो या गैस की समस्या हो।

शिशुओं में यह समस्या एक आम समस्या है क्योंकि पहले 3 महीनों में शिशुओं में गैस होने के कारण उनकी आंतों का पूरी तरह से विकसित ना होना होता है और 6 से 12 महीने के शिशु में भी यह एक आम समस्या होती है क्योंकि इस उम्र में शिशु अलग-अलग तरह के भोजन पहली बार आजमा रहे होते हैं। जो बच्चे स्तनपान करते हैं उनके पेट में बोतल पीने वाले बच्चों की तुलना में कम गैस बनती है।

जब आपके शिशु के पेट में गैस (Bachchon ke Pet mein gas) है तो आप कुछ घरेलू उपाय (Gharelu Upay) अपनाकर इस गैस की समस्या से अपने शिशु को निजात दिलवा सकती हैं जो इस प्रकार है।

नवजात शिशु की गैस दूर करने के घरेलू उपाय (Indian Home remedies For Gas in Babies Stomach in Hindi)

#1. शिशु को डकार दिलाएं (Burp)

अपने शिशु को गैस से राहत दिलाने के लिए सबसे पहला उपाय यह हैं कि जब भी आप उसे दूध पिलाएं या कुछ भी खिलाएं तब आप उसे डकार अवश्य दिलाएं क्योंकि कुछ बच्चों के पेट में ज्यादा गैस बनती है तो किसी को कम परंतु आप उसे डकार जरूर दिलाएं। इससे उसके पेट से गैस निकल जाती है और उसका पेट हल्का हो जाता है।

डकार दिलाने के लिए आप अपने शिशु को पहले अपने कंधे पर चढ़ाये और उसके बाद हाथों से उसकी पीठ धीरे-धीरे थपथपाए। इससे वह थोड़ी देर में डकार ले लेगा और उसके पेट से गैस निकल जाएगी।
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#2. बच्चों को ज्यादा देर भूखा नहीं रखें (Feed Regularly)

बच्चों को ज्यादा देर भूखा ना रखें बल्कि उन्हें थोड़ी-थोड़ी देर में स्तनपान कराते रहना चाहिए। इससे उनके पेट में गैस नहीं बनती। आप इस बात का ध्यान रखें कि आपको अपने शिशु को दिन में कितनी बार स्तनपान करवाना है। जब भी शिशु रोने लगे उसे तुरंत दूध पिलाना शुरू ना करके पहले उसके रोने की वजह को समझें और उसके आहार का भी पूरा-पूरा ख्याल रखें।

#3. मालिश करें (Massage)

शिशु के पेट में गैस बनने पर आप उसके पेट को हल्के हाथों से मसाज करें। यदि आप चाहें तो हल्के गुनगुने सरसों के तेल से भी मालिश कर सकती हैं ताकि बच्चे को थोड़ा आराम मिले। आप पेट में गैस कम करने के लिए शिशु के पैरों को हल्का सा ऊपर उठाएं जैसा कि आप शिशु की मालिश के दौरान करती हैं। इससे भी शिशु के पेट में जमा हवा निकल जाती है और शिशु थोड़ा हल्का महसूस करने लगता है।

#4. हींग का लेप लगाएं (Hing)

पेट में गैस निकालने का यह एक अचूक उपाय है। इसके लिए आप थोड़ी सी हींग ले और फिर उसी को पीसकर उसका पाउडर बना लें। उसके पाउडर को गुनगुने पानी में भिगोकर उसका घोल बना ले। उस घोल को शिशु की नाभि के आसपास लगा ले। हींग की तासीर गर्म होती है तो यह आपके शिशु को गैस से कुछ ही देर में राहत दिलावा सकती है।

#5. ग्राइप वॉटर (Gripe Water)

ग्राइप वॉटर एक ऐसा उपचार है जो बहुत पुराने समय से शिशु को दिया जा रहा है। इसमें मौजूद जड़ी बूटियों और सोडियम बाइकार्बोनेट होता है जो बच्चे के पेट में गरमाहट पैदा करके जमा हवा को बाहर निकालने में सहायता करता है जिससे शिशु के पेट से गैस निकल जाती है।

ग्राइप वॉटर में मौजूद सोडियम बाइकार्बोनेट पेट में मौजूद एसिड को प्रभावहीन करके गैस को डकार के रूप में या दूसरे माध्यम से बाहर निकाल देता है। जब भी आपके शिशु को गैस बनती है तो आप शिशु को ग्राइप वॉटर पिला दे परंतु 1 दिन में एक बार ही ग्राइप वॉटर पिलाये और एक बार में सिर्फ 2 चम्मच ही पिलाएं।

वैसे तो ग्राइप वॉटर बाजार में उपलब्ध होता है परंतु आप इसे घर पर भी बना सकती हैं। इसके लिए आप 50 मिलीलीटर पानी में दो चम्मच सौंफ डालकर उबालें और तब तक उबालें जब तक यह पानी आधा ना रह जाए और फिर इसे ठंडा करके दो चम्मच अपने शिशु को पिला दे। इससे शिशु को आराम महसूस होगा।
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#6. सौंफ का पानी पिलाएं (Soya Seeds Water)

सौंफ का पानी शिशु की पाचन क्रिया को बेहतर करने के लिए एक बढ़िया उपाय है। सोया के बीज में पाया जाने वाला कार्मिनेटिव एजेंट पाचन क्रिया के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। जब भी आपके शिशु को गैस की समस्या हो तो आप अपने शिशु को दो चम्मच सौंफ का पानी पिला दे।

आप खुद भी सौंफ का पानी ले सकती है। इससे आपको भी कोई नुकसान नहीं है। इससे आपके शिशु की पाचन शक्ति के साथ-साथ आपकी खुद की भी पाचन शक्ति ठीक रहेगी। दूसरा आप के दूध में वृद्धि होगी और आपका रक्त प्रवाह भी ठीक रहेगा।

#7. मां अपने खाने-पीने का ध्यान रखें (Eat Well)

कहते हैं जो आहार माँ लेती है उसका असर नवजात शिशु के स्वास्थ्य पर जरूर पड़ता है। अगर आप गरिष्ठ भोजन या फिर गैस बनाने वाला भोजन का सेवन करती है तो यह भी आपके शिशु के पेट में गैस अवश्य बनाता है। इसलिए आप शिशु की सेहत के साथ-साथ अपने खाने-पीने का भी पूरा-पूरा ख्याल रखें ताकि आपका बच्चा स्वस्थ रहे और उसे गैस की समस्या का सामना ना करना पड़े।

#8. हल्का-फुल्का व्यायाम करवाएं (Exercise)

आप अपने शिशु को हल्का-फुल्का व्यायाम भी करवा सकती हैं। इसके लिए आप शिशु को अपने घुटनों पर आडा़ लिटा सकती हैं। शिशु का पेट नीचे की तरफ होना चाहिए और फिर उसकी पीठ पर मालिश करें या फिर आप शिशु के पैरों की साइकिल चलवाये। इसके लिए आप शिशु को पेट के बल लेटा कर उसके पैर पकड़ कर धीरे-धीरे आगे पीछे करें। इससे शिशु के पेट से गैस बाहर निकल जाएगी और वह आराम महसूस करेगा।

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#9. बोतल पिलाते समय ध्यान रखें (Take Care of Feeding Bottle)

अगर आप शिशु को बोतल से दूध पिलाती है तो बोतल के निप्पल का सुराग ना ज्यादा बड़ा हो और ना ही ज्यादा छोटा। शिशु को बोतल पिलाते समय उसका सिर उसकी पीठ से थोड़ा ऊपर रखें ताकि जब शिशु दूध पीता है तो उसके बाद गैस डकार के रूप में बाहर निकल जाए। दूध पिलाते समय बोतल को भी थोड़ा ऊपर रखें ताकि बोतल में हवा के बुलबुले ना उठे। शिशु को रोजाना थोड़ी देर के लिए पेट के बल भी सुलाना चाहिए ताकि उसके पेट में सारी गैस बाहर निकल जाए और आपका शिशु स्वस्थ रहे।

#10. नवजात शिशु को फलों का रस ज्यादा ना दें (Don’t Give Fruit Juice)

कई मां बाप अपने शिशु को फल और सब्जियों का रस देने लगते हैं परंतु फलों के रस में मौजूद फ्रूकटोस और सरकोज को पचाने में मुश्किल हो सकती है जिसकी वजह से उन्हें गैस के साथ-साथ कई बीमारियां जैसे कि दस्त इत्यादि की भी शिकायत हो सकती है। ज्यादा जूस से शिशु के निकलते दांतो को भी नुकसान पहुंच सकता है और उन्हें मीठा पानी पीने की भी आदत पड़ सकती है। इसके लिए आप जूस में पानी की मात्रा अधिक रखें।

यदि इन सब उपायों के बाद भी शिशु की गैस की समस्या में कोई आराम नहीं आ रहा है और यह समस्या गंभीर होती जा रही है तो यह एक आम समस्या है परंतु आप तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं और अपने शिशु का इलाज करवाएं।
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