चिकनपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है जिसके पैदा होने का मुख्य कारण वेरी सैला जोस्टर नामक वायरस पाया जाता है जिसे छोटी माता या स्मॉल पॉक्स भी कहा जाता है। परंतु कुछ लोग इस बीमारी को दैवीय प्रकोप भी मानते हैं जो कि गलत है। यह एक बहुत ही संक्रमित बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से हवा, थूक या किसी प्रभावित व्यक्ति के फोड़े फुंसियों से निकले द्रव्य से फैल सकता है। हालांकि चिकनपॉक्स को आप घर पर घरेलू उपायों (Home Remedies for Chickenpox) से भी दूर कर सकते हैं।
चिकन पॉक्स के संक्रमण से पूरे शरीर में फुंसियों जैसे छोटे-छोटे लाल दाने हो जाते हैं जो कि दिखने में खसरा की तरह लगते हैं। संक्रमण वाला यह रैशेज होने से 2 से 3 दिन पहले शुरू हो जाता है और तब तक फैलता है जब तक के सारे दाने सूख कर गिर ना जाए।
चिकन पॉक्स के वायरस से संक्रमित होने के 15 से 20 दिनों के बाद आपके सारे शरीर पर लाल दाने के साथ बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है और यह लाल दाने पहले चेहरे पीठ पर नजर आने लगते हैं और धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। आरंभ में यह दाने ऐसे लगते हैं जैसे किसी कीड़े ने डंक मारा हो परंतु धीरे-धीरे इन दानों में तरल पदार्थ भरकर यह फफोलों में बदल जाते हैं और यह 2 से 4 दिन के अंदर ही बहुत जल्दी फैलते हैं। इसमें रोगी को हल्का बुखार, पैरों और पीठ में पीड़ा, हल्की खांसी, भूख में कमी, सर में दर्द, थकावट, उल्टी आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
चिकन पॉक्स ज्यादातर 1 वर्ष से 10 वर्ष तक के बच्चों में होने की संभावना ज्यादा होती है परंतु यह लाइलाज नहीं है। कुछ घरेलू उपचार इस प्रकार है जिन्हें अपनाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं:
#1. जई का आटा (Oat Flour)
चिकन पॉक्स से शरीर में खुजली बहुत होती है। खुजली से राहत पाने के लिए आप 2 लीटर पानी को 2 कप जई के आटे में मिलाकर इसे लगभग 15 मिनट तक उबालें। इसे एक सूती कपड़े में अच्छी तरह से बांध लें। अब एक टब में पानी भर कर आटे की पोटली को टब में रख दें और फिर बच्चे को इससे नहलाएं। जैसे-जैसे जई का आटा पानी में रिसेगा वैसे-वैसे बच्चे की त्वचा को आराम मिलेगा और शरीर पर हुए दाने भी भरने लगेंगे।
#2. नीम की पत्तियां (Neem Leaves)
नीम की पत्तियों को पानी में डालकर गर्म कर ले और जब पानी अच्छी तरह से गर्म हो जाए तो इस पानी को थोड़ा गुनगुना करके अपने बच्चे को इससे नहलाये। इससे आपके बच्चे की खुजली और चिकन पॉक्स में आराम मिलेगा।
#3. अदरक (Ginger)
इसमें आप पहले बाथ टब में ठंडा पानी डालें और फिर उसमें अदरक डालकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। उसके बाद आप बच्चे को इस पानी में बिठाये। इससे चिकन पॉक्स की खुजली में बहुत आराम मिलता है।
#4. हर्बल चाय (Herbal Tea)
तुलसी, गेंदा और कैमोमाइल को मिलाकर चाय बनाएं, फिर इसमें नींबू और शहद मिलाकर बच्चे को पिलाएं। इन सब चीजों से बनी चाय आप बच्चे को दिन में कई बार पिलाएं। बच्चे को खुजली में राहत मिलेगी।
#5. बेकिंग सोडा (Baking Soda)
आधा चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर आप बच्चे के पूरे शरीर पर अच्छे से लगाएं और लगाने के बाद इसको सूखने दें। ऐसा करने से बच्चे का चिकन पॉक्स जल्द ठीक हो जाएगा।
#6. भूरा सिरका (Brown Vinegar)
भूरा सिरका भी चिकन पॉक्स और उससे होने वाली खुजली से आराम दिलाता है। इसके लिए आप आधा कप भूरे सिरके को पानी में डालकर बच्चे को नहलाये। इससे उसको आराम मिलेगा।
#7. नींबू का रस (Lemon water)
चिकन पॉक्स में नींबू का रस पीना भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके साथ-साथ आप सब्जी का सूप या अन्य फलों का जूस भी पिला सकती हैं।
#8. करेले का जूस (Karela Juice)
चिकन पॉक्स होने पर आप करेले के पत्तों के साथ एक चुटकी हरिद्रा पाउडर लेने से भी बहुत आराम मिलता है।
#9. सेब का सिरका (Apple Vinegar)
इसके लिए आप आधा कप सेब के सिरके को हल्के गर्म पानी में मिलाकर अपने बच्चे को नहलाये। इससे खुजली से राहत मिलेगी।
#10. मटर (Peanut)
हरे मटर को पानी में पकाकर उस पानी को शरीर पर लगाने से भी चिकन पॉक्स के लाल दाने समाप्त हो जाते हैं।
#11. कैलेमाइन लोशन (Calamine Lotion)
चिकन पॉक्स होने पर बहुत खुजली आती है और उस खुजली को कम करने के लिए आप बच्चों के शरीर पर जहां खुजली आ रही है वहां कैलेमाइन लोशन लगाएं परंतु इस लोशन का प्रयोग चेहरे और आंखों के पास ना करें। आप शरीर पर विटामिन ई मिला तेल भी लगा सकती हैं।
#12. माखन (Makhan)
आप शरीर पर शहद की भी मालिश कर सकते हैं। आप बच्चों के शरीर पर घर का बना हुआ ताजा मक्खन की भी मालिश कर सकती हैं। इससे बच्चे को खुजली से राहत मिलती है।
इन सब घरेलू उपायों के साथ कुछ ध्यान रखने वाली बातें जो कि इस प्रकार हैं (Important things to remember)
चिकन पॉक्स के निवारण (Treatment of Chickenpox) के लिए 12 से 15 महीने की उम्र के बच्चों को चिकन पॉक्स का टीका और 4 से 6 वर्ष की उम्र के बीच बूस्टर टीका लगवाना चाहिए। यह टीका चिकन पॉक्स के हल के संक्रमण को रोकने के लिए काफी असरदार होता है और साथ ही बच्चों के खान-पान और स्वास्थ्य का भी पूरा-पूरा ध्यान रखें।
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