गर्भवती महिलाओं के लिए डाइट चार्ट ताकि मिलें पूरा पोषण तसल्ली के साथ

गर्भवती महिलाओं के लिए डाइट चार्ट ताकि मिलें पूरा पोषण तसल्ली के साथ

प्रेग्नेंट महिला को अपना बहुत ख्याल रखना पड़ता है, ये सलाह तो सभी देते हैं पर प्रेगनेंसी के दौरान क्या-क्या खायें कब खायें और कितनी मात्रा में, ये जानकारी बहुत ही कम लोगों को होती हैं। साथ ही ध्यान रहे प्रेगनेंसी में सिर्फ वजन बढ़ना स्वस्थ होने की निशानी नहीं है।

 

ऐसे में इस डाइट चार्ट से आपको बड़ी आसानी से समझ आ जाएगा कि आपको पूरी प्रेगनेंसी के दौरान किन-किन पोषक तत्वों की जरुरत है और आप उन्हें कैसे पूरा कर सकते हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी पोषक तत्व

गर्भावस्था में सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि कौन-कौन से पोषक तत्व आपके लिए बहुत ज्यादा जरुरी हैं और कितनी मात्रा में, क्योंकि गर्भावस्था में पोषक तत्वों की आवश्यकता सामान्य से ज्यादा बढ़ जाती है। तो आएं जाने इस चार्ट के माध्यम से आवश्यक पोषक तत्वों की सूची-

 

पोषक तत्व सामान्य महिला के लिए गर्भवती महिला के लिए
प्रोटीन 50ग्राम\दिन 65 ग्राम\दिन
कैल्शियम 400 मिलीग्राम\दिन 1000 मिलीग्राम\दिन
आयरन 30 मिलीग्राम\दिन 38 मिलीग्राम\दिन
आयोडीन 100-200 माइक्रोग्राम\दिन +25 माइक्रोग्राम\दिन
फोलिक एसिड 100 माइक्रोग्राम\दिन 400 माइक्रोग्राम\दिन

 

पहली तिमाही में कैसी हो डाइट (Diet Tips for First Trimester)

पहली तिमाही में महिलायें सबसे ज्यादा मॉर्निंग सिकनेस, और कमजोरी का अनुभव करती हैं। इसलिए प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला को सबसे ज्यादा विटामिन और मिनरल्स युक्त भोजन की जरुरत होती है। शुरूआती समय में भ्रूण के विकास के लिए महिला को फोलेट, विटामिन ए, बीटा केरोटिन की जरुरत होती है , इसके लिए गर्भवती महिला निम्न खाने की चीजें आहार में शामिल कर सकती हैं।

  • फल

गर्भावस्था के आरंभिक समय में महिला को दिन में 2 से 3 बार फल खाने की सलाह दी जाती है। इस समय खट्टे फल खाना लाभकारी होता है क्योंकि उनमें फोलिक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसलिए अपने आहार में संतरे, मौसमी आदि खट्टे फल शामिल करें।इसके अलावा आप अंगूर, सेब, अमरुद आदि भी खा सकती हैं।

  • मांसाहारी भोजन

अगर आप नॉनवेज भोजन का सेवन करती हैं तो आप अंडे, चिकन, मछली आदि अपने भोजन में शामिल कर सकती हैं । मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो प्रेग्नेंट महिला के लिए बहुत फायदेमंद है। बस किसी भी प्रकार का नॉन वेज भोजन खाते हुए ध्यान रहे कि ये बहुत अच्छे से पका हुआ हो वरना इनसे पाचन संबंधी समस्या या बैक्टीरियल संक्रमण होने की संभावना रहती है।

  • डेयरी उत्पाद

इस समय महिला को अपने आहार में कम से कम एक तिहाई हिस्सा डेयरी प्रोडक्ट्स रखने चाहिए। पनीर प्रोटीन और कैल्शियम का बहुत अच्छा स्त्रोत है। साथ ही आप खाने में दही और कम वसा का दूध भी शामिल कर सकती हैं।

  • हरी सब्जियां

खाने में हरी सब्जियां रखें, खासकर पालक को अपने आहार में जरुर जगह दें। पालक में फाइबर, आयरन, विटामिन ए, सी,और मैगनीज होता है। और आरंभिक दिनों में पालक खाने से ये बच्चे को स्पाइना बिफ़िडा जैसी परेशानियों से बचाता है।

 

नोट- कुछ चीजें जो आपको पहली तिमाही में खाने से परहेज़ करना चाहिए वो हैं- कच्चे अंकुरित अनाज, कच्चा मीट, बिना प्रोसेस किया दूध, पपीता, अनानास, बैंगन, पत्तागोभी, कैफीन।

 

 

दूसरी तिमाही में डाइट (Diet Tips for Second Trimester)

प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में संतुलित आहार की जरुरत होती है। इस समय महिला को विटामिन और मिनरल्स के साथ-साथ वसा और कार्बोहाइड्रेट्स की भी जरुरत होती है। साथ ही दूसरी तिमाही में महिला की कैलोरी सेवन मात्रा भी बढ़ जाती है। देखें क्या होना चाहिए इस समय खाने में-

  • प्रोटीन युक्त भोजन

इस समय महिला को लगभग 60 से 70 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन अपने आहार में रहना चाहिए क्योंकि ये भ्रूण के दिमाग और उतकों को बढ़ने में तो मदद करता ही है, साथ ही ये महिला के गर्भाशय को भी मजबूत करता है। इसके लिए आहार में टोफू, अंडे, मछली, ड्राई फ्रूट्स आदि शामिल करें।

  • आयरन युक्त आहार

आयरन युक्त भोजन शरीर में ऑक्सीजन को अच्छे से पहुँचाने का काम करता है। और आयरन की कमी कमी महिला में अनीमिया आदि की समस्या भी कर सकती है, इसलिए खाने में मीट, बीन्स, हरी सब्जियां शामिल करें।

  • फोलेट

विटामिन बी को फोलेट के नाम से जाना जाता है। ये बच्चे को तंत्रिका नाली दोष से बचाता है। इसके लिए आप आहार में संतरे, साबुत अनाज आदि जरुर खायें।

नोट- कुछ चीजें जो आपको दूसरी तिमाही में खाने से परहेज़ करना चाहिए वो हैं- बिना प्रोसेस किया दूध, शराब, नशीली दवा, मरकरी युक्त मछली आदि।

 

तीसरी तिमाही में डाइट (Diet Tips for Third Trimester)

प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में खाने पीने का खास ध्यान रखना पड़ता है, जो माँ और बच्चे दोनों के लिए जरुरी है।इस समय महिला को 200 से 300 अतिरिक्त कैलोरी की जरुरत होती है।और साथ ही इस समय होने वाली माँ को अतिरिक्त ऊर्जा की भी जरुरत होती है। कुछ मुख्य आहार प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही के लिए निम्न है-

  • फाइबर

गर्भवती महिलाओं में कब्ज की समस्या बहुत जल्दी हो जाती है जो आगे जा कर बवासीर का भी कारण बन सकती है।इसलिए जरुरी है कि महिला फाइबर युक्त खाना खाए ताकि उसकी पाचन क्रिया सही रहे। खाने में साबुत अनाज, फाइबर युक्त फल , अनाज, दालें, सलाद आदि शामिल करें।

  • कैल्शियम

कैल्शियम की पूर्ति के लिए आप दूध, दही, पनीर का सेवन कर सकती हैं।

  • आयरन और फोलिक एसिड

गर्भावस्था में महिला के शरीर में खून की मात्रा लगभग 50% तक बढ़ जाती है, इसलिए उसके शरीर में हीमोग्लोबिन होना बहुत जरुरी है। आहार में ड्राई फ्रूट्स, अंडे, मीट आदि जरुर रखें। साथ ही फोलिक एसिड के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां जरुर खायें।

नोट- कुछ चीजें जो आपको तीसरी तिमाही में खाने से परहेज़ करना चाहिए वो हैं- बिना प्रोसेस किया दूध, नशीली दवाएं, कैफीन युक्त पेय

प्रेगनेंसी के दौरान अच्छा खाना आपको हेल्थी तो बनाता ही है साथ ही आपको खुश भी रखता है, जो एक गर्भवती महिला के लिए बहुत जरुरी है। खाने के साथ साथ डॉक्टर प्रेगनेंसी में कुछ सप्लीमेंट्स में खाने के लिए कहते हैं, जैसे फोलिक एसिड, कैल्शियम , आयरन आदि। इन्हें समय पर लेना ना भूलें।

साथ ही अगर आपको डायबिटीज, थायरॉइड या कोई ऐसी समस्या है जिसमें खाने का विशेष ध्यान रखना चाहिए तो कृप्या अपने डाइटिशियन या डॉक्टर की मदद से ही प्रेगनेंसी डाइट चार्ट बनवाएं। यह डाइट चार्ट केवल सामान्य व स्वस्थ्य महिलाओं के लिए है।

 

(यह लेख प्रेगा न्यूज द्वारा प्रायोजित है। Mankind Pharma’s का प्रेगा न्यूज होम प्रेगनेंसी टेस्ट किट के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण व अग्रणी ब्रांड है। अधिक जानकारी के लिए लॉग इन करेंः www.preganews.com)

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