भारत समेत बहुत सी संस्कृतियों में चाहे सूर्य ग्रहण हो या चंद्रग्रहण (Chander Grahan), दोनों ही अपने बुरे प्रभावो के लिए जाने जाते हैं। इसे न केवल शास्त्रीय दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी ग्रहण की वजह से होने वाले बुरे प्रभावो को माना जाता हैं।
हालांकि इसके कोई पुख्ता सबूत तो नहीं हैं परंतु फिर भी यह हमारी संस्कृति में इतनी दृढ़ता से रचा-बसा हैं कि जब ग्रहण लगने वाला होता हैं तो यह चिंता का विषय बन जाता हैं। घर के सब सदस्यों को कुछ खास हिदायत भी दी जाती हैं और गर्भवती महिलाओं (Grahan ke Samay Grabhvati Mahilayon ki Liye Savdhani) को बहुत ज्यादा सावधानियां बरतनी पड़ती हैं।
घर वाले भी बहुत चिंतित हो जाते हैं क्योंकि यह गर्भवती महिलाओं के लिए अपशगुन और नुकसान देह माना जाता हैं। हालांकि यहां हम साफ करना चाहते हैं कि निम्न जानकारी केवल शास्त्र व हिंदू धर्म द्वारा बताई गई बातों के अनुसार है इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
माना जाता हैं कि ग्रहण से गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर पड़ता हैं और उनमें शारीरिक विकृतियां जैसे बदसूरत जन्म चिन्ह हो सकते हैं क्योंकि ग्रहण के दौरान निकलने वाली तरंगे हमें हानि पहुंचा सकती हैं।
ग्रहण का बुरा असर गर्भवती महिलाओं पर अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा पड़ता हैं क्योंकि उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ने का डर बना रहता हैं। इसलिए उन्हें कुछ खास नियमों का पालन करना पड़ता हैं।
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यदि ग्रहण लगा हो तो इस दौरान गर्भवती महिला इसकी रोशनी में आ जाए तो इसकी किरणें गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर करती हैं। उस समय इसकी किरणों में कुछ ऐसी दूषित तरंगे मौजूद होती हैं जो अजन्मे शिशु को प्रभावित कर सकती हैं।
शास्त्रीय दृष्टि से गर्भवती महिलाओं को कुछ खास सावधानियां बरतनी चाहिए व वैज्ञानिकों ने भी माना है कि इस दौरान निकलने वाली तरंगे अजन्मे शिशु को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो ग्रहण के दौरान एक गर्भवती महिला के जरूर काम आएँगी।
सबसे पहली बात, ग्रहण आरंभ होने से पहले स्नान करें और ग्रहण समाप्त होने पर भी स्नान करें क्योंकि ग्रहण की तरंगों के कारण वातावरण दूषित हो जाता हैं। इसलिए जरूरी है कि गर्भवती महिला ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करके शुद्ध हो जाए।
ग्रहण के दौरान वातावरण में जिन तरंगो का प्रवाह होता हैं वह न केवल जीवित बल्कि बेजान वस्तुओं पर भी असर डालती हैं। इसलिए ग्रहण से पहले जो खाना पका होता हैं, यहां तक कि घर में पड़ा पानी भी दूषित हो जाता हैं क्योंकि ग्रहण के दौरान प्रकाश की किरणों का विवर्तन होता हैं।
इस कारण कई हजार सूक्ष्म जीव मरते हैं और कई हजार पैदा होते हैं जिससे भोजन व पानी दूषित हो जाते हैं। इसलिये इस दौरान भोजन व पानी का सेवन करने से बचें।
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ऐसे समय में दूषित भोजन व पानी का सेवन किसी को नहीं करना चाहिए लेकिन पानी दूषित ना हो इसके लिए एक उपाय किया जा सकता हैं। ग्रहण से पहले ही पानी या जिन खाद्य पदार्थों को आप पका चुकी हैं या बाद में इस्तेमाल करना चाहती हैं तो उनमें तुलसी के पौधे की पत्तियां डाल दें।
तुलसी का पौधा बहुत पवित्र होता हैं और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आस-पास के मौजूद दूषित कणों को मार देते हैं। इसलिए खाद्य पदार्थों में इसे डालने से उस भोजन पर ग्रहण का इतना असर नहीं होता हैं।
गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तुओं से ना केवल दूर रहना चाहिए बल्कि इसका इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान गलती से भी सब्जी ना काटे और जितना हो सके घर के कार्यों को ना करने का फैसला ले।
दरअसल यह नियम पुराने समय का था जब बिजली नहीं होती थी। उस समय बिना लाइट के अंधेरे में या लैनटेन की रोशनी में सब्जी काटना खतरनाक होता था। पर आज आप यह कार्य कर सकती हैं।
पूर्ण रूप से ग्रहण के दौरान अंधेरे में सुई का प्रयोग ना करे। इससे आपकी आंखों पर असर पड़ सकता हैं। इसके पीछे यह तर्क दिया जाता है सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के समय हल्का अंधेरा होता है जिसमें यह कार्य नहीं करने चाहिए।
ग्रहण के दौरान कई स्थानों पर घना अंधेरा हो जाता हैं। धारदार वस्तु इस्तेमाल करते समय गर्भवती महिलाओं को हानि पहुंच सकती हैं क्योंकि इस समय आँखे चौंधियां जाने का डर रहता हैं। इसलिए इनका प्रयोग करने से बचें।
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नग्न आंखों से ग्रहण बिल्कुल भी नहीं देखना चाहिए। जी हां, प्रकाश की किरणों में होने वाला विवर्तन आपकी आंखों पर प्रभाव डाल सकता हैं और इससे आपके बच्चे की आंखों पर भी प्रभाव पड़ सकता हैं। हालांकि आप चंद्र ग्रहण को आसनी से देख सकती हैं।
यह ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए जानने योग्य सबसे जरूरी बात हैं। इस दौरान बाहर निकलने की बिल्कुल भी भूल ना करें। ग्रहण की तरंगे आपके अजन्मे शिशु पर बुरा असर डाल सकती हैं। सूर्य ग्रहण के समय पैराबैंगनी किरणे रहती हैं।
ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर नकारात्मक उर्जा पड़ती हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को गोद में नारियल रखकर मंत्रों का उच्चारण या भजन करना चाहिए। इससे उठने वाली तरंगे घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती हैं। हो सके तो ओम मंत्र का जाप करें। यह तथ्य पूरी तरह से आध्यात्म से जुड़ा हुआ है।
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ग्रहण के दौरान सोने से भी बचे। हमारे देश में ग्रहण के दौरान महिलाये सोने से परहेज़ करती हैं। आप आराम कर सकती हैं लेकिन सोने से बचे। हालांकि इस बात का कोई प्रमाणिक तथ्य नहीं है।
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